Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2022 · 1 min read

ग़ज़ल

सभी की ज़िंदगानी का बड़ा छोटा फ़साना है
अचानक से चले आये अचानक लौट जाना है

कहानी लिख तो दूँ लेकिन वही किरदार लाज़िम है
जिसे अपनी कहानी में मुझे सबसे छुपाना है

सभी कुछ ले चले हो तुम यही तरकीब दे जाओ
किसे कब याद रखना है किसे कब भूल जाना है

समझते थे सभी कुछ पर यही इक बात ना समझे
उसी से दूर रहते हैं जिसे नज़दीक लाना है

लिखा है क़िस्मतों में जो नहीं मुमकिन बदलना वो
किसी की रुख़्सती तय है किसी को लौट आना है

हथेली पर मिरी तुमने लिखा था जो बहाने से
कभी करके बहाना सा इसे भी अब मिटाना है

अधूरा सा वो क़िस्सा जो किसी का एक पल था औ’
किसी की उम्र पर भारी वो पल भर का फ़साना है

सुरेखा कादियान ‘सृजना’

Language: Hindi
5 Likes · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भाड़ में जाओ
भाड़ में जाओ
ruby kumari
टूटे पैमाने ......
टूटे पैमाने ......
sushil sarna
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
Canine Friends
Canine Friends
Dhriti Mishra
*तेरे साथ जीवन*
*तेरे साथ जीवन*
AVINASH (Avi...) MEHRA
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
गज़रा
गज़रा
Alok Saxena
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
Shweta Soni
।2508.पूर्णिका
।2508.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सत्य दीप जलता हुआ,
सत्य दीप जलता हुआ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गुरु तेग बहादुर जी जन्म दिवस
गुरु तेग बहादुर जी जन्म दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
I hide my depression,
I hide my depression,
Vandana maurya
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
🙅 अक़्ल के मारे🙅
🙅 अक़्ल के मारे🙅
*Author प्रणय प्रभात*
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*......इम्तहान बाकी है.....*
*......इम्तहान बाकी है.....*
Naushaba Suriya
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ਮੁਕ ਜਾਣੇ ਨੇ ਇਹ ਸਾਹ
ਮੁਕ ਜਾਣੇ ਨੇ ਇਹ ਸਾਹ
Surinder blackpen
फितरत
फितरत
पूनम झा 'प्रथमा'
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...