Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

नज़्म

बारहा पूछा है मैंने अपने दिल से
पर ये है कि बरसों से यूँ ही मौन है
तुम गर सबब मेरी उदासी का हो
तो फिर मेरी हँसी में झलकता कौन है…
कभी पाया ही नहीं जब मैंने तुमको
तो फिर तुम्हें खोने का ये मलाल कैसा
न तुम और मैं ‘हम’ ही बने थे कभी
फिर भी तेरी ही होने का ये कमाल कैसा…
तेरी पसंद क्या है, मैं तो ये भी नहीं जानती
मेरी नापसंदगी से वाक़िफ़ मगर तू भी नहीं
तूने पुकारा हो मेरा नाम कभी, मुझे याद नहीं
मैं भी संभल जाती हूँ अब, ले न लूँ तेरा नाम कहीं…
तेरी सुबह और तेरी शामों के साये
मेरे तस्व्वुर से अलाहिदा हैं बहुत
तेरे घर के रास्ते मेरी आहट नहीं पहचानते
मेरी राहें भी तेरे इंतिज़ार में ख़फ़ा हैं बहुत…
तेरी खनकती हँसी सुने भी मुद्दतें हुई
मुद्दतों से मेरे आसूँ भी नहीं पोंछे तूने
साथ ठहरना तो क़िस्मत में था ही कब
साथ चलने को नये रस्ते भी नहीं सोचे तूने….
तेरे ख़्वाब जुदा हैं, जुदा हैं फ़लसफ़े मेरे
गुफ़्तुगू की कोई सूरत नज़र नहीं आती
तुझे लिखूँगी तो सब पहचान लेंगें किरदार तेरा
सो कोई कहानी भी हमें साथ नहीं लाती…
जो हुआ सो होना ही था दरमियाँ हमारे
बदलने की कोशिश करते भी तो बेकार थी
तुम्हारी फ़ितरत ही में था दग़ा करना
और मेरी तो फ़ितरत ही इंतिज़ार थी..

सुरेखा कादियान ‘सृजना’

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
■ कहानी घर-घर की।
■ कहानी घर-घर की।
*Author प्रणय प्रभात*
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
Buddha Prakash
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
भारी संकट नीर का, जग में दिखता आज ।
Mahendra Narayan
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
लाखों ख्याल आये
लाखों ख्याल आये
Surinder blackpen
सनम की शिकारी नजरें...
सनम की शिकारी नजरें...
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल ए तकलीफ़
दिल ए तकलीफ़
Dr fauzia Naseem shad
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
The_dk_poetry
" मँगलमय नव-वर्ष-2024 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब तू रूठ जाता है
जब तू रूठ जाता है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जिंदगी के तराने
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नशा
नशा
Ram Krishan Rastogi
"प्यासा"-हुनर
Vijay kumar Pandey
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आप अपना कुछ कहते रहें ,  आप अपना कुछ लिखते रहें!  कोई पढ़ें य
आप अपना कुछ कहते रहें , आप अपना कुछ लिखते रहें! कोई पढ़ें य
DrLakshman Jha Parimal
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
Dr. Man Mohan Krishna
2627.पूर्णिका
2627.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
When you remember me, it means that you have carried somethi
When you remember me, it means that you have carried somethi
पूर्वार्थ
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
Loading...