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5 Dec 2023 · 1 min read

*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*

मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)
_________________________
मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास
प्रभु को अर्पित हो सकी, उसकी ही हर श्वास
उसकी ही हर श्वास, हाथ में ले इकतारा
सुर-लय एकाकार, उसी साधक के द्वारा
कहते रवि कविराय, सफलता है कब धन में
वही एक धनवान, लगी लौ जिसके मन में
———————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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