सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: ग़ज़ल/गीतिका 422 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2020 · 1 min read राह और राही *** राह और राही *** ****************** पथ का सिंगार है राही चलता रहे अथक राही राहों पर बढ़ता राहगीर मंजिल पर पहुंचता राही पथभ्रमित हो जाए तो भटकता सदा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 443 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Sep 2021 · 1 min read आदमी आदमी का दुश्मन *** आदमी आदमी का दुश्मन (गजल) *** ****** 221 212 221 212 212 ***** ********************************** आदमी आदमी की जान का दुश्मन हो गया, जो प्रेम से भरा था खोखला बर्तन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read एकांत में उदासीन *****अकेले में उदासीन***** ************************ जिन्दगी में मौसम मस्ताना देखा प्रेम में दिलदार दीवाना देखा जब जब वो मेरे जीवन में आए आने से पहले ही जाना देखा बागों में फूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 398 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2020 · 1 min read बंदी जीवन भी क्या जीवन है बंदी जीवन भी क्या जीवन ********************** बंदी जीवन भी क्या जीवन है जहाँ आजादी का वास नहीं नित सांस घुटती जो रहती है ताजी सांसे आस - पास नहीं देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jun 2020 · 1 min read जब किसी को प्यार हो जाता है जब किसी को प्यार हो जाता है ************************* जब किसी को प्यार हो जाता है वह बिल्कुल बेकार हो जाता है सूझती न बात सिवाय मुलाकात जैसे सपना साकार हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 364 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी का सफर ******ज़िंदगी का सफर****** ************************* ये जिन्दगी का सफर सुहाना है हर शख़्स जीने का दीवाना है चाय पर बुलाने का बहाना है पीलाने के बहाने मनाना है ज़िंदगानी ज़िंदादिली का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read महफिले थम सी गई ** महफिलें थम गई ** ****************** महफिलें हैं थम सी गई रौनकें भी जम सी गई भर भर प्याले पीते थे वो घड़ियाँ बीत सी गई मेले खूब भरते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jun 2021 · 1 min read बहुत ही प्यार करते हैं *बहुत ही प्यार करते हैं (ग़ज़ल)* **** 2221 2221 222 ***** ************************** हम तुम से बहुत ही प्यार करते हैं। तेरे ही लिए मन मे विचार करते हैं। आँचल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jun 2020 · 1 min read मैं रोता रहा ****** मैं रोता रहा ******** ************************ रात भर याद कर मैं रोता रहा प्यार में आह भर मैं रोता रहा तुम मिले जो मुझे मैं तो तर गया प्रेम में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 399 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Nov 2021 · 1 min read नम आँखे **** आँखें नम क्यों है **** *********************** **** 222 222 22 **** *********************** जन जन की आँखें नम क्यों है, मन मे गहराया गम क्यों है। पग पग में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 378 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2021 · 1 min read बंद ना हो आना जाना बंद ना हो आना-जाना(ग़ज़ल) *********************** सुन ज़रा दिल का अफसाना, लो ज़रा दिल का नजराना। ना मिली हम को राहत भी, प्यार का भुगता हर्जाना। तुम बताओ चाहत अपनी, छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 370 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jul 2020 · 1 min read दबी दबी सी बंद जुबान है *** दबी दबी सी बंद जुबान है *** *************************** दबी दबी हुई सी बंद हर जुबान है चलने वाली हर रहगुजर सुनसान है खोया हर कोई अपनी अपनी धुन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने मयनोशी सी आँखों के हैं क्या कहने *************************** मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने नैनों के अफसानों के हैं क्या कहने नैन कटोरे जैसे मदिरा के प्याले आसव रूपी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 421 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2021 · 1 min read तेरी याद सताती है **तेरी याद सताती है ** ****************** 2 2 2 1 1 2 2 2 ***************** तेरी याद सताती है, जो दिन-रात रुलाती है। तेरे यार गिले - शिकवे, मेरा मूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2022 · 1 min read नस्ल कागज सी कोरी *** नस्ल काग़ज़ सी कोरी *** ************************ लुप्त हो गई माँ की लोरी है, नस्ल आज काग़ज़ सी कोरी है। समझ से हुआ बाहर मानव मन, सख़्त लोग पर दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Dec 2021 · 1 min read खास लोग *खास लोग (ग़ज़ल)* ****************** कुछ लोग होते खास हैं, हो दूर फिर भी पास हैं। वो रोज आते याद हैं, पुरजोर बुझती प्यास है। बन बैठ बैठे बार पर, अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 356 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2021 · 1 min read दो चार करने की ***दो चार करने की (ग़ज़ल) *** ************************** दे दो मंजूरी प्यार करने की, तुम से आँखे दो चार करने की। अड़ जाती हैं नावें कदम भरते, सोचो सागर से पार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 397 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Dec 2021 · 1 min read राह नही आसान **राह नहीं आसान** ***************** राह नहीं आसान है, चाह हुई कुरबान है। कार सदा होकर रहा, होनी बड़ी बलवान है। बाट न कोई पूछता, दूर बहुत भगवान है। दे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jun 2021 · 1 min read लटक जाती है *लटक जटिल है (ग़ज़ल)* *** 212 212 222 *** ********************* देख कर वो महक जाती है, प्यार से झट बहक जाती है। वायु जब भी कभी तीव्र हो, आग अक्सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 374 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2021 · 1 min read जिंदगी है लापता ** जिंदगी है लापता (ग़ज़ल) ** ************************* जिंदगी यारो सुना है ला'पता, ना पता तेरा न ही खुद का पता। मंजिलें भी अब नजऱ से दूर हैं। ढूंढते हारे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jun 2020 · 1 min read लटकती लटें **** लटकती लटें **** ******************* माथे पर लटकती लटें जुल्फों की लहराती लटें काली बदली हो नभ में बूँदों को झटकती लटें यौवन से जब टकराती छाती पर सरकती लटें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 353 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो *खाली बादलो से क्यों उमड़ रहे हो* **************************** मौसम की तरह तुम यूँ बिगड़ रहे हो बिन बात के गलत राह पकड़ रहे हो हाल ए दिल मजाज है रुसवां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2020 · 1 min read शादी सरकारी गठबंधन *** शादी सरकारी गठबंधन **** ************************** शादी दो दिलो का निजी बन्धन है सचमुच लगे सरकारी गठबंधन है विवाह पूर्व आकर्षक ऐसा है राजनीति में लालच के जैसा है कटोरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Dec 2021 · 1 min read संध्या की गोद में ** संध्या की गोद में (ग़ज़ल) ** ************************* संध्या की गोद में धूप समाई है, दिन बीता जा रहा बात बताई है। पंछी भी नीड़ में लौट रहे हैं अब,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 329 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2021 · 1 min read प्रेम-बरसात ****** प्रेम-बरसात ******* ************************ यही तो है आपकी सौगात, शूक्रिया की जो दिल की बात। मुख देख कर नहीं होती बात, चेहरे तो देते हैं सदा ही मात। जज़्बात बताएं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Dec 2021 · 1 min read खास वजह नही है *** खास वजह नहीं है *** ********************* कोई खास वजह नहीं है, शायद ठीक जगह नहीं है। होता शोर नहीं कभी घर, अब ओर कलह नहीं है। सीना चीर मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2021 · 1 min read किस दिशा में इंसान रे ***किस दिशा में इंसान रे*** ****212 221 221 2**** *********************** किस दिशा में आज इंसान रे, मुँह रहा है मोड़ भगवान रे। मैल मन में है जमी रहती सदा, क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 377 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Nov 2021 · 1 min read तेरी याद *तेरी याद (सजल)* **************** याद तेरी फिर आई, ऑंख मेरी भर आईं। रात बीती दिन आया, ना नजर तू पर आई। प्यार खोया है जबसे, साथ छोड़ा है जबसे, है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jul 2020 · 1 min read शब्दबाण से परेशान ******* शब्दबाण से परेशान ******* ****************************** शब्दबाण करते परेशान , तड़फते रहे तनिक तन में रही नहीं जान,तड़फते रहे तीखे तीखे तीर तन - मन चीरते रहते दिल के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 391 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Dec 2021 · 1 min read ग्रन्थों का सार है गीता ***ग्रंथों का सार है गीता*** *********************** जीवन का आधार है गीता, पावन जल की धार है गीता। फल की नाहक छोड़ता चिंता, बद ख्याली संहार है गीता। स्वयं का संज्ञान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Feb 2022 · 1 min read काम कब आया *कोई कभी काम कब आया* ************************ कोई कभी काम कब आया, जोगी जहाँ जान जब आया। तन - मन तमाशा बना जग में, वो बन मदारी न तब आया। फंसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 324 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Oct 2021 · 1 min read प्यार जिस्मानी **** प्यार जिस्मानी (ग़ज़ल) *** ************************** प्यार हो गया जिस्मानी आजकल, राह भटकती जवानी आजकल। देख तो जरा बिगड़ती आबोहवा, रूह काँपती रुहानी आजकल। प्रेम जो नहीं टिका आधार पर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read घर में गति विराम घर में करें गति विराम ***************** हाथ जोड़ करूँ पुकार घर से न निकलें बाहर कोराना है महामारी बनो नहीं तुम सरदार अब न भाई चारा है दूर से तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 371 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2021 · 1 min read रूठे लोग *** रूठे लोग ***** **212 122 221** ***************** मानते नहीं रूठे लोग, चरपरे बड़े मीठे लोग। काम पर नजर अंदाज, कामयाब हैं झूठे लोग। दो लम्हें नहीं आराम, बेफ़िक्री करे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 335 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2020 · 1 min read यूँ ना तुम बुरा मानिए यूँ ना तुम बुरा मानिए ****************** यूँ ना तुम बुरा मानिए हमारी भी जरा सुनिए सुनो, कुछ जरा सुनाइए जरा सा भी न शर्माइए मुख है तमतमा सा रहा हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 348 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jul 2020 · 1 min read दीवारों के भी कान होते हैं ******* दीवारों के कान होते हैं ********* ********************************** जुबां को रोकिए बोलने से नुकसान होते है संभल के बोलिए दीवारों के कान होते हैं कुछ भी कहने से पहले ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 331 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jun 2020 · 1 min read संवाद होना चाहिए ******** संवाद होना चाहिए ********* ********************************* कोई भी हो मुद्दा, चाहे कोई भी हो बात ना वाद,ना विवाद,बस संवाद होना चाहिए देखो , आस पास विवादों के घने साये है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 356 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Mar 2022 · 1 min read ग़ज़ल ******** माँ ******** ******************* किस मिट्टी की बनाई माँ, हर मर्ज़ की दवाई माँ। सीने है जिन्हे लगाती वो, करते बेटे पराई माँ। आँचल माँ का निराला है, सारी खुशियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 353 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read मंजिलें आसपास थी मंजिलें आसपास थी **************** मंजिलें आसपास थी सफर में अटके रहे महबूब तो पास था पर हम ढूँढते रहे कस्तूरी नाभि में थी मृग वन भटकते रहे ईश्वर मन अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 334 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Apr 2022 · 1 min read खूबसूरत घड़ी *** खूबसूरत घड़ी *** ******************* खूबसूरत थी वो घड़ी, जब नज़रे नजर से लड़ी। देख कर देखता रह गया, पास कुछ भी न रह गया, सामने आ जब वो खड़ी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jul 2021 · 1 min read तूफान आएगा अभी ****** तूफान आएगा अभी (ग़ज़ल) ******* **2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2** ************************************* यूँ देख कर तुमको हसीं तूफान आएगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Aug 2021 · 1 min read सितम ढा गया *** सितम ढा गया (ग़ज़ल) *** ************************* *****2212 2122 12 ***** दीवानगी का नशा छा गया, ये जिंदगी का मजा आ गया। जाने लगी जान दिलबर अभी, दिल पर हज़ारों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 316 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Dec 2021 · 1 min read मौत के मुँह में जाते बच गए *मौत के मुँह में जाते बच गए* ************************ मौत के मुँह में जाते बच गए, ख्वाब जो जीने के थे मच गए। खूब अपनों ने की मन की सदा, जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2020 · 1 min read सुरभित मुखरित पर्यावरण ****** सुरभित मुखरित पर्यावरण ******** ************************************ सुरभित और मुखरित हो सदा पर्यावरण हमारा प्रदूषण से दुषित ना हो शुद्ध पर्यावरण हमारा वसुंधरा को मिलजुल कर निर्मल निर्मित करना पेड़ पौधे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 315 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jul 2020 · 1 min read सुरमयी शाम सुहानी **सुरमयी शाम सुहानी** ******************* सुरमयी शाम सुहानी सी मस्ती में मस्त मस्तानी सी शीत हवाएं चल रहीं हैंं तन में आग ज़िस्मानी सी यह जो तुषार जम रही है रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 351 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jun 2021 · 1 min read बदला है जमाना **** बदला है जमाना (ग़ज़ल) **** ***** 222 222 222 122 ***** ***************************** देखो कितना बदला बदला है जमाना, बदला खाना बाना बदला है जमाना। राहों में कदमों की गति... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 348 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी में शामिल हुआ ***** जिंदगी में शामिल हुआ (ग़ज़ल) ****** ************************************* 2 1 2 2 - 2 1 2 2 - 2 1 2 2- 2 1 2 ************************************* आ गया वो साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2021 · 1 min read बिकता सामान है बिकता सामान है (ग़ज़ल) **** 222 222 12 *** ******************** मन में जागे अरमान है, घर का बिकता सामान है। कोई आया ना पास में, मेरे हक में भगवान है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 321 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2021 · 1 min read डूब जाते हैं घराने डूब जाते हैं घराने (ग़ज़ल) *** 212 212 122 *** ******************** राम के रंग राम जाने, ढूंढ़ते इंसान बस बहाने। आहटें जानती पथिक को, ठीक लगते सभी निशाने। देख कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Nov 2021 · 1 min read नदी सा जीवन ***** नदी सा जीवन ***** *********************** जीवन नदी सा बहता रहे, गाथा जहां में कहता रहे। सब कुछ समेटे तल में सदा। यूं नीर फिर भी चलता रहे। ऊँचे पहाड़ों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share Previous Page 2 Next