सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: ग़ज़ल/गीतिका 422 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2020 · 1 min read यूँ ना तुम बुरा मानिए यूँ ना तुम बुरा मानिए ****************** यूँ ना तुम बुरा मानिए हमारी भी जरा सुनिए सुनो, कुछ जरा सुनाइए जरा सा भी न शर्माइए मुख है तमतमा सा रहा हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 346 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jul 2020 · 1 min read तुमसे मेरी बनी पहचान है **तुमसे मेरी बनी पहचान है** *********************** सुहाना मौसम बेईमान है छाया मन मे ये घमासान है गमों के बोझ से दिल है बोझिल चेहरों पर दिखती मुस्कान है आँखो में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 302 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read कैसे गाँए गीत मल्हार *** कैसे गाँए गीत मल्हार *** ************************* कोरोना वायरस की झेलें मार दुनिया भर में मच गया हाहाकार जन जन में हो रही चीख चित्कार भला हम कैसे गाँए गीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 174 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2020 · 1 min read जीवन का आधार पिता जी ** जीवन का आधार पिताजी ** ************************** मेरे जीवन का आधार पिताजी सदा करता रहूँ मैं सत्कार पिताजी निज आमोद तज घरबार संभाले परिवार के हैं कर्णधार पिताजी सुबह से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है ************************* फूल सा चेहरा मुरझाया क्यों है वो यार दिलदार घबराया क्यों है चहुं ओर खुशियों के भरे मेले हैं भारी भीड़ में तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 220 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read आँखों में रही नींद कहाँ आँखों में रही नींद कहाँ ******************* आँखों में रही नींद कहाँ पहले जैसे दिन रात कहाँ काटे से भी कटते नही क्यों नहीं ये दिन रात यहाँ आँखें भी पथराई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2020 · 1 min read कविता बहती सरिता * कविता बहती सरिता * ******************** मेरी कविता बहती सरिता भावों की बहती जल धारा मन अंदर में उठें हाव भाव विचार समेटती काव्यधारा भेजे में मचती उथल पुथल संवारती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read प्रेम ज्वाला ****** प्रेम ज्वाला ****** ********************** जब से तुम से है प्रीत लगाई तब से दुनिया दिल से भूलाई तेरे ख्यालों में खोयें रहते मन को भाने लगी है तन्हाई जबसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 474 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read मंजिलें आसपास थी मंजिलें आसपास थी **************** मंजिलें आसपास थी सफर में अटके रहे महबूब तो पास था पर हम ढूँढते रहे कस्तूरी नाभि में थी मृग वन भटकते रहे ईश्वर मन अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 330 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2020 · 1 min read ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते **************************** ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते जो अब संजीदगी से नहीं हैं निभते आधुनिकता की चकाचौंध मे गुम हैं औपचारिकताओं की भेंट चढ़े रिश्ते ऑनलाइन जिन्दगी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 418 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2020 · 1 min read शारदे माल वंदना ***** माँ शारदे वंदना ****** ************************ शारदे माँ मेरी ,तू है दयालु बड़ी कृपा दृष्टि तेरी टले विपदा बड़ी श्वेतवर्णी है तू, हैं वीणा वादिनी कष्टहरणी तू , है तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 271 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jun 2020 · 1 min read प्रीत की तलाश है *** प्रीत की तलाश है *** ********************* दिल को प्रीत की तलाश है मन को मीत की तलाश है हसीं वादियां हैं दामन मधु संगीत की तलाश है पंछी कलरव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 446 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jun 2020 · 1 min read तुम्हारी पनाहें ****** तुम्हारी पनाहें ****** ************************ तुम्हारी झुकी झुकी सी निगाहें तुम्हें बुलाती हैं मेरी बाहें मिले जब नैन , रहूँ मैं बैचेन ताकता रहता तुम्हारी राहें ईश्क बीमारी , छाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 442 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jun 2020 · 1 min read दिल रो पड़ा ******* दिल रो पड़ा ******* ************************ देख कर तेरा हाल दिल रो पड़ा है बिछाया ये जाल दिल रो पड़ा हौसले ना जाने कहाँ खो गए ना मिली कोई ढाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jun 2020 · 1 min read जब किसी को प्यार हो जाता है जब किसी को प्यार हो जाता है ************************* जब किसी को प्यार हो जाता है वह बिल्कुल बेकार हो जाता है सूझती न बात सिवाय मुलाकात जैसे सपना साकार हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 361 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jul 2020 · 1 min read दीवारों के भी कान होते हैं ******* दीवारों के कान होते हैं ********* ********************************** जुबां को रोकिए बोलने से नुकसान होते है संभल के बोलिए दीवारों के कान होते हैं कुछ भी कहने से पहले ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 327 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read झींक आने लगी ***** झींक आने लगी ***** *********************** पौह की ठंड में वो बुलाने लगी मुझे सर्दी लगी जान जाने लगी उस वाक्या हम जिक्र कैसे करें शुरू करते शर्म सी आने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2021 · 1 min read किस दिशा में इंसान रे ***किस दिशा में इंसान रे*** ****212 221 221 2**** *********************** किस दिशा में आज इंसान रे, मुँह रहा है मोड़ भगवान रे। मैल मन में है जमी रहती सदा, क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 376 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read घर में गति विराम घर में करें गति विराम ***************** हाथ जोड़ करूँ पुकार घर से न निकलें बाहर कोराना है महामारी बनो नहीं तुम सरदार अब न भाई चारा है दूर से तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 369 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2020 · 1 min read मॉबाइल दैत्य ******* मॉबाइल दैत्य******* ************************* मॉबाइल दैत्य से किनारा कीजिए थकी आँखें जरा सहारा कीजिए दूर होते जा रहें हैं सभी रिश्ते वार्तालाप से कम दुरियाँ कीजिए जो हैं दूर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2020 · 1 min read साथ तुम्हारा ***** साथ तुम्हारा ***** ********************* सिसक सिसक कर मैं रोया जिस पल था तुमको खोया जड़ तुल्य हुआ अंग प्रत्यंग बिलख बिलख कर था रोया संवर गया हर पल मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 426 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read दीवानगी ******** दीवानगी ******** ************************ हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाए रह ना पाएं कहीं जी नहीं पाएं तेरा मेरा मिलन सदियों पुराना जमाना हमें जुदा कर नहीं पाए जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2020 · 1 min read कहाँ गया बेदर्दी ******* कहाँ गया बेदर्दी ******* *************************** कहाँ गया बेदर्दी,मन को तड़फा के कहाँ गया बेदर्दी,दिल को तरसा के खुली हुई आँखो में ख्वाब सजाए थे कहाँ गया स्वप्नकार स्वप्न दिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 485 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2020 · 1 min read जोगी लेने आया भीख **** जोगी लेने आया भीख *** ************************** जोगी आया दर पर माँगने भीख कासा ले हाथ आया माँगने भीख सुंदर सुडौल सन्यासी वो तेजस्वी किस देश दिशा से आ मांगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2020 · 1 min read चेहरा बेनकाब ***** चेहरा बेनकाब ***** ********************** जब से देखा तुमको बेनकाब धरती पर उतरा हो माहताब चेहरा मन को नहीं भाया है देख लिए यहाँ हुस्न बेहिसाब आँखे खोलूँ तुम दिखाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 232 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2020 · 1 min read वारिद ने है प्यास बचझाई वारिद ने है प्यास बुझाई ******************** नभ मे गरज रहे हैं बादल धरती पर काली घटा छाई उमड़ उमड़ बरसते बादल प्यासी वसुधा,प्यास बुझाई नीर लेने जाएं श्वेत बादल जल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 464 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jun 2020 · 1 min read याद आते हैं अफसाने *याद आते हैं अफसाने* ******************* जब से मिले यार पुराने छिड़ गए हैं प्रेम तराने वो ही बातें, बीते किस्से याद आते हैं अफसाने सच्ची झूठी वो अफवाहें ताजा हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 203 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jun 2020 · 1 min read मुलाकातें होती रहेंगी ***** मुलाकातें होती रहेंगी ****** **************************** मिलें ना मिलें पर दोस्ती जिंदा रहेगी कुछ दिन ठहर मुलाकातें होती रहेंगी बेबसी ही सही,पर आज यह जरूरी जिंदगी रही तो भेंट होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jun 2020 · 1 min read संवाद होना चाहिए ******** संवाद होना चाहिए ********* ********************************* कोई भी हो मुद्दा, चाहे कोई भी हो बात ना वाद,ना विवाद,बस संवाद होना चाहिए देखो , आस पास विवादों के घने साये है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 354 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jun 2020 · 1 min read तेरे जाने के बाद ****** तेरे जाने के बाद ******* *************************** जी भर के रोया तेरे जाने के बाद था मन घबराया ,तेरे जाने के बाद बीते लम्हें वापिस हाथ हैं आते कहाँ खोया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 317 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jun 2020 · 1 min read कैसे जताएं आभार पितामह *कैसे जताएं आभार पिताजी* ************************ बरगद की शीतल है छाया जैसा घर परिवार का आधार पिताजी इच्छाओं की पूर्ति करता रहता निज की इच्छाएँ मार पिता जी सुख, समृद्धि, खुशहाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jun 2020 · 1 min read पहले जैसे हों जाएं लॉकडाऊन खत्म हुआ,पहले जैसे हों जाएं ********************************* लॉकडाऊन खत्म हुआ,पहले जैसे हों जाएं कोरोना है तो क्या हुआ,पहले जैसे हों जाएं आओ घूमें साथ साथ,हाथों में दे कर हाथ आदतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jun 2020 · 1 min read बैरन कित चाल गई हरियाणवी ****** हरियाणवी गीत ******* ****बैरन कित चाल गई ******* *************************** ओ बैरन कित चाल गई,घैल कर के सूली पै रै जान टांग गई,घैल कर के 1 दर दर के रै,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 220 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jun 2020 · 1 min read चहकता रहे तेरा चमन **** चहकता रहे तेरा चमन **** ************************** फूलों सा महकता रहे तेरा चमन पंछियों सा चहकता रहे तेरा चमन बीजुरी सी सदैव तुम चमकती रहो चपला सा दमकता रहे तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 257 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jul 2020 · 1 min read मैं देखता रह गया ******* मैं देखता रह गया ******* ***************************** तुम जाने लगे मैं देखता रह गया कुछ भी ना कहा मैं झांकता रह गया जी भरा भी नहीं तुम थे चल दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jul 2020 · 1 min read तुषार गमों की पिघलनी चाहिए ***तुषार गमों की पिघलनी चाहिए **** ******************************** जम गई है तुषार गमों की पिघलनी चाहिए गरजे आसमां में है बिजली गिरनी चाहिए १ नभ में उड़ते पंछी भू पर उतरने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2020 · 1 min read मजबूरियाँ बं गई **** मजबूरियाँ बन गई **** *********************** हम दोनों में हैं दूरियाँ बन गई लगता है ये मजबूरियाँ बन गई तेरे बिन रह लेंगे जहां में तन्हां जाने ये फांस पहेलियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jul 2020 · 1 min read इंसानियत की बंद दुकान हो गई *** इंसानियत की बंद दुकान हो गई *** ******************************* कितनी अहसान फ़रामोश जुबान हो गई लगता है इंसानियत की बंद दुकान हो गई जुबां की हिफ़ाज़त में सर कटा देते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 412 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read रुत प्यार की ******** रुत प्यार की ******** *************************** आ गई है देखो फिर , रुत प्यार की प्रेमी परिंदों के पर , रुत प्यार की १ कस लीजिएगा कमर , रहे ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 333 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read मोहरे बना देते हैं ****** मोहरे बना देते हैं ******** **************************** दिल में है क्या चेहरे बता देते हैं पल भर में वो मोहरे बना देते हैं मासूमियत सी है सदा रहती दिखती नाजायज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 210 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jul 2020 · 1 min read बदल गया संसार ********** बदल गया संसार *********** *********************************** राहें बदली, सोच बदली ,बदल गया सभ्याचार अंबर में काली बदली बदली,बदल गया संसार दुनियादारी के कायदे , रंग , ढंग बदल गए शुरुआतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 151 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read शब्द तीर ******* शब्द तीर ******* ********************** जब सीधे मन लगते शब्द तीर आर पार हो जाते शब्द तीर अखियों से खूब बहता है नीर जब सीने में चुभते शब्द तीर जख्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो *खाली बादलो से क्यों उमड़ रहे हो* **************************** मौसम की तरह तुम यूँ बिगड़ रहे हो बिन बात के गलत राह पकड़ रहे हो हाल ए दिल मजाज है रुसवां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 402 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read घोड़ी कभी चढ़ना नहीं घोड़ी कभी चढ़ना नहीं ***************** तेरे बिना जीना नहीं तेरे बिना मरना नहीं राह में चाहे फूल हों तेरे बिना चलना नहीं परियाँ चाहे हमें मिले तेरे बिना बढ़ना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read खिले फूल मुरझाने लगे **खिले फूल मुरझाने लगे** ********************** खिले थे फूल हैं मुरझाने लगे भौंरें घर को लौट जाने लगे दिलबर सुदूर, हों प्रत्यावर्तन हद से ज्यादा याद आने लगे नभ में छाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 209 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने मयनोशी सी आँखों के हैं क्या कहने *************************** मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने नैनों के अफसानों के हैं क्या कहने नैन कटोरे जैसे मदिरा के प्याले आसव रूपी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 397 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2020 · 1 min read धूँए की आँच से ****** धूँए की आँच से ******** *************************** दम सा घुटने लगा धूँए की आँच से सिर चकराने लगा धूँए की आँच से नाक,आँख,कान से आने लगा पानी मन घबराने लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 171 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Aug 2020 · 1 min read बहन की फरियाद ********बहन की फरियाद******** ***************************** माँ जाए ओ भाई तनिक बात तो सुन दे रही हूँ दुहाई तनिक बात तो सुन मुख फैलाए बैठा छोटी सी बात पर दे रही हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Aug 2020 · 1 min read तोहमतें लगी में हैं बढ़ रही **तोहमतें लगी में हैं बढ़ रही** ************************ रंजिशें जिन्दगी में हैं बढ़ रही बंदिशें बंदगी में हैं बढ़ रही हंस रहें हैं सभी जो हमनशीन दूरी रवानगी में हैं बढ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 173 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2021 · 1 min read गुलाब **** गुलाब (बालगीत) **** ***** मात्रा भार-16 ****** गुलाब फूल बहुत मन भाता, खुशबू से बगिया महकाता। काँटों से भरी हुई डाली, रखवाली करता है माली, बगिया को हैं खूब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share Page 1 Next