Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2020 · 1 min read

ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते

ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते
****************************

ऑनलाइन जिंदगी ऑफलाइन रिश्ते
जो अब संजीदगी से नहीं हैं निभते

आधुनिकता की चकाचौंध मे गुम हैं
औपचारिकताओं की भेंट चढ़े रिश्ते

ऑनलाइन जिन्दगी में नये रिश्ते बने
ऑफलाइन आस्तित्व खो रहे रिश्ते

चैट में मेट हो हैलो हाय रहें करते
जो पास में बैठे हैं रहें उनसे टलते

असली चरित्र में चरित्रहीन निकलते
छायाचित्र बनावटी रहें पॉस्ट करते

मेल फिमेल भेद भी समद ना आये
नर बने नारियाँ हुए कलंकित रिश्ते

सार्वजनिक नहीं इनबॉक्स चैट करें
मानवीय मर्यादा को पार करते रिश्ते

चलते बैठते सोते जागते हैं चैट करें
जिंदगी में लक्ष्यहीन हो रहें हैं रिश्ते

सुखविंद्र कब ऑनलाइन से है बचा
ऑफलाइन मूल जड़ें खो रहें रिश्ते
***************************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

3 Likes · 1 Comment · 416 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर्यावरण
पर्यावरण
Manu Vashistha
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
कवि दीपक बवेजा
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Sakshi Tripathi
रिसते हुए घाव
रिसते हुए घाव
Shekhar Chandra Mitra
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
Dr MusafiR BaithA
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" समय बना हरकारा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नमो-नमो
नमो-नमो
Bodhisatva kastooriya
फितरत सियासत की
फितरत सियासत की
लक्ष्मी सिंह
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
Er. Sanjay Shrivastava
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
Anamika Singh
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
प्राकृतिक के प्रति अपने कर्तव्य को,
goutam shaw
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
सफलता
सफलता
Raju Gajbhiye
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
"क्या बताऊँ दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
ସାଧନାରେ କାମନା ବିନାଶ
Bidyadhar Mantry
2890.*पूर्णिका*
2890.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...