सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: ग़ज़ल/गीतिका 422 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read जाम जोबन के ** जाम जोबन के (ग़ज़ल)** **** 2122 2212 22 *** *********************** वक्त रहते प्रिय आ गए होते, चार फेरे मन भा गए होते। प्यार हीरा अनमोल है समझो, मोल तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read सुमन ***********सुमन (दोहा)*********** ******************************** बाग में है सुमन खिले, रहते महक बिखेर। भिन्न भिन्न खुश्बू मिले, संध्या और सवेर।। रंग बिरंगे फूल हैं, उपवन का श्रृंगार। देख कर सदा मन खिले,कुदरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 253 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read मय से रहता पूछता ***** मय से रहता पूछता **** **** 212 222 222 12 **** ************************* मयकशी मय से रहता है पूछता, मद्य में क्या कुछ पाया है पूछता। रात दिन दारू में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 161 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2021 · 1 min read सूखा शज़र ***** सूखा शज़र (ग़ज़ल) ***** ****** 2122 1212 22 ***** *************************** खास थी फिर दबी खबर क्यों है। खूब सूखा हरा भरा शज़र क्यों है। छोड़ झट है दिया अधर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read वही चौखट वही घर वही चौखट वही घर (गजल) *********************** *** 1222 1222 122 *** *********************** वही चौखट वही दर है हमारा, वही खूंटा वही घर है हमारा। उदय हो गम भरा चाहे सवेरा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 527 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jun 2021 · 1 min read चाँदनी भरी रात **चाँदनी भरी रात (ग़ज़ल)** ***212 212 212 12**** *********************** चाँदनी से भरी रात चाहिए, प्रेम की दात बरसात चाहिए। लोभ में लोग देते नज़र सदा, स्वार्थ से मुक्त सौगात चाहिये।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 307 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2021 · 1 min read घबरा रही **घबरा रही (गजल)** *** 2212 2212 *** ****************** यादें बहुत सी आ रही, दर पर खड़ी घबरा रही। है नाव रहती फंसती, हूँ उलझनें सुलझा रही। जब बाड़ खुद खाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 304 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2021 · 1 min read बिकता सामान है बिकता सामान है (ग़ज़ल) **** 222 222 12 *** ******************** मन में जागे अरमान है, घर का बिकता सामान है। कोई आया ना पास में, मेरे हक में भगवान है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 321 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Sep 2021 · 1 min read दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए ***************************** *****222 221 221 2 (ग़ज़ल)** ***************************** दिल की सुन कर आवाज़ हम आ गए, मोहोब्बत का आगाज़ हम आ गए। मनवा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 153 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Sep 2021 · 1 min read खता हम से **खता हम से (ग़ज़ल)** ******************** हो गई क्या खता हम से, क्यों हुए हो खफ़ा हम से। क्यों नज़र है झुकी तेरी, ऑंख तो भी मिला हम से। मत छुपा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Oct 2021 · 1 min read बदलता मौसम **बदलता मौसम (ग़ज़ल)** ********************** मौसम बदलता ही जा रहा, बादल गरजता ही जा रहा। है देख कर नंगा नाच वहाँ, आँचल सिमटता ही जा रहा। की कोशिशें हैं तम ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2020 · 1 min read एकांत में उदासीन *****अकेले में उदासीन***** ************************ जिन्दगी में मौसम मस्ताना देखा प्रेम में दिलदार दीवाना देखा जब जब वो मेरे जीवन में आए आने से पहले ही जाना देखा बागों में फूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 398 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2020 · 1 min read मौत देती नहीं मोहलत मौत देती नहीं मोहलत ***************** दौलत हो चाहे शौहरत मौत देती नहीं मोहलत सब ने यहाँ से है जाना काम आती नहीं दौलत चाहे रंक हो या राजा सभी हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 182 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2020 · 1 min read अमूल्य निधि माँ **** अमूल्य निधि माँ **** ********************** पीपल सी शीतल छाँव है माँ मधुर , मृदुल एहसास है माँ दरिया सी गहराई है दिल में आँचल में छिपा लेती है माँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 505 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2020 · 1 min read पायल.की तरह ***** घुँघरू की तरह ****** *********************** घुँघरू की तरह मैं बजता रहा घुट घुट के जीवन में मरता रहा किसी ने कभी मुझे समझा नही दूसरों को सदा मैं समझता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2020 · 1 min read गुजरा जमाना ******** गुजरा जमाना ******* *************************** गुजरा जमाना मुझे याद आता है पल पल बिताया साथ याद आता है तेरा वो हंसते हुए शरमा जाना हया से नजर चुराना याद आता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2020 · 1 min read दीवारों के भी कान होते हैं **** दीवारों के भी कान होतज हैं **** ******************************* सुना है दीवारों के भी कान होते है जिन्दगी के रास्ते भी सुनसान होते है सजी मजलिसो में खूब रौनक बहारां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 200 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2020 · 1 min read बेकाबू मन *** बेकाबू मन *** *************** काबू किया मेरा मन वस में नहीं मेरा तन मन से ही रहे जाती सीधी राहें ओर तन भड़के देह में ज्वाला प्रेमाग्नि में मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2020 · 1 min read तुम याद न आया करो तुम याद न आया करो ***************** तुम याद न आया करो हमें न तड़फाया करो तुम आँखों में छाये नजरें न चुराया करो रग रग में समाये हो तुम दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2020 · 1 min read चोट खा बैठे किटाणु से ***** चोट खा बैठे किटाणु से ***** ***************************** जगत तो सारा डरता रहा परमाणु से चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से विकसित देशों ने परमाणु बम बनवाए शक्ति प्रदर्शन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read लगते अब फल नहीं लगते अब फल नहीं *************** दरख्त फलदार हैं लगते अब फल नहीं अपने है घर बार खुलते अब दर नहीं तरुवर छायादार बैठें अब जन नहीं बेशक प्रेम विवाह रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 161 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read खुद से रूठ बैठे ** खुद से रूठ बैठे *** ****************** हम तुम्हें मनाते-मनाते हम खुद से हैं रूठ बैठे तुझको याद करते करते हम खुद को है भूल बैठे जीवन में तुझे पाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 430 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2020 · 1 min read तुम्हारा नाम **** तुम्हारा नाम **** ****************** हथेली पर हम लिखते है तुम्हारा प्यारा सा नाम लिख कर मिटाते रहते हैं तुम्हारा प्यारा सा नाम कहीं रेत ढ़ेर को रौंद पर कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 174 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2020 · 1 min read दीदार को तरसे ** दीदार को तरसे ** ****************** तेरे दीदार को तरसे तेरे निहार को तरसे तेरे पास में रहकर भी तेरे साथ को हैं तरसे तुझसे कोई बात न हुई मुलाकात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read महफिले थम सी गई ** महफिलें थम गई ** ****************** महफिलें हैं थम सी गई रौनकें भी जम सी गई भर भर प्याले पीते थे वो घड़ियाँ बीत सी गई मेले खूब भरते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 378 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2020 · 1 min read भर लो मूझको तेरी बाहों में भर लो मुझको तेरी बाहों में ********************* किस बात पर रूठी रहती हो कोशिश करो मुझे बताने की जी जान लगा तुम्हें मना लेंगे तरकीब बताइए मनाने की बेरूखी सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 196 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2020 · 1 min read कोरोना का फेरा एक हरियाणवी में छोटी सी कोशिश ----------------------------------------- ******* कोरोना का फेरा (हरियाणवी) ********** ***************************************** मेरे पाच्छे पाच्छे आवण का भाई यू कै मतलब तेरा सै दो डींग की दूरी राखिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 338 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2020 · 1 min read बदला जमाना बदला पहरावा बदला जमाना बदला पहरावा ************************ बदला जमाना बदल गए दस्तूर बदला पहरावा किस का कसूर संस्कृति बदली बदले हैं संस्कार रीति रिवाज बदले हैं सभ्याचार स्त्रीत्व के बदल गए हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2020 · 1 min read प्रेम अनुभूति ***** प्रेम अनुभूति ***** ********************* दो बूँद बारिश सा है प्यार कहीं मिले तो कहीं इंकार बादल जैसे बनै नभ में दिल से उमड़ता है ये प्यार पल में मिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 447 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2020 · 1 min read गाएं मधुरिम गीत *** गाएं मधुरिम गीत *** *******************ज कहाँ हो तुम मेरे मनमीत पुकारे तुम्हें मेरी प्रीत सुन सदाएं दे रही है तुम्हारी मंजिल मेरी जीत विरह वेदना दे रही है शायद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 May 2020 · 1 min read धुन में रहता हूँ **** धुन में रहता हूँ **** ******************** अपनी धुन में रहता हूँ रहूँ मैं सदा सहता हूँ मुझे कोई भी कुछ कहे किसी को कुछ न कहता हूँ मस्त हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 193 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2020 · 1 min read प्रेम आँधी मेंबह गया प्रेम आँधी में बह गया ******************* प्रेम आँधी में बह गया मेरा अमूल्य सामान देखते ही सब ढह गया जुटा न पाया समाधान कोशिशें तो थी खूब की हासिल नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 198 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2020 · 1 min read चलते चलते यूँ ही रूक जाता हूँ मैं चलते चलते यूँ ही रूक जाता हूँ मैं ***************************** चलते चलते यूँ ही रूक जाता हूँ मैं कहना चाहूँ जो पर न कह पाता हूँ मै उल्फतों का समंदर है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 163 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2020 · 1 min read सोचा भी न था ******* सोचा भी न था ******* *************************** होगा बुरा अंजाम सोचा भी ना था हासिल ऐसा मुकाम सोचा भी न था अनीतिपूर्ण है निलंबन का फैसला होंगे सडक किनारे सोचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 440 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2020 · 1 min read नैया बीच मंझदार **नैया बीच मंझदार** ***************** नैया है बीच मंझदार ना इस पार ना उस पार फंस गई बीच जलधारा नजर ना आए पतवार दिखाई ना दे किनारा मांझी भी है दरकिनार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2020 · 1 min read तारीकियों में गिरफ्तार हुए तारीकियों में गिरफ्तार हुए ********************* फ़िक्र ज़िंदगी में लाचार हुए चारों तरफ हैं बन्द द्वार हुए उजालों से बहुत दूर हो कर तारीकियों में गिरफ्तार हुए रहगुजर तेरी फ़सादों भरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 164 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2020 · 1 min read बेसहारा पड़े रहे राहों में *** बेसहारा पड़े रहे बाहों में *** ************************** देख कर महबूब पराई बाहों में गुलाब राह ताकता रहा राहों में ना जाने कितने मुसाफिर चले गए किसी ने भी उठाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2020 · 1 min read अधूरे तेरे बिन *******अधूरे तेरे बिन******* ************************* हसरतें रह गई अधूरी तेरे बिन ख्वाब भी रह गए अधूरे तेरे बिन मंसूबे हमारे जग जाहिर थे यहाँ पर पूरे नहीं हो ये पाए तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 189 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jun 2020 · 1 min read सुन्दर सुनहरी स्वप्न सजाएं सुन्दर सुनहरी स्वप्न सजाएं ********************* सुन्दर सुनहरी स्वप्न सजाएं मधुरिम मोती माला में पाएं प्रेमभाव है घट रहा धरा पर सभ मिल के प्रेम तराने गाएं भाईचारा सदा रहे जीवित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 465 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jun 2020 · 1 min read रास्ते ****** रास्ते ******* ****************** तुम्हें सब पता है रास्ते तुम दिखाओ हमें रास्ते पहेली में फंसे बैठे सुलझा दो उलझे रास्ते मोड़ पर हैं हम आ खड़े तुम जानते ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 452 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jun 2020 · 2 min read शिक्षक नेता सतबीर सिंह गोयत हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए शिक्षको के हित में महत्वपूर्ण व उत्कृष्ट योगदान देने के लिए सुखविंद्र सिंह मनसीरत प्रवक्ता, अंग्रेजी, रा.उच्च विद्यालय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jun 2020 · 1 min read दिन एतवार का ***** दिन एतवार का ***** *********************** बहुत इंतजार दिन एतवार का बहुत इंतजाम दिन एतवार का तैयारी में बीत जाए सप्ताह बेसब्री भरा है दिन एतवार का दौड़ धूप में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 300 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jun 2020 · 1 min read सुंदर नारी लगती प्यारी सुन्दर नारी लगती प्यारी ******************* प्यारी आँखे भोली सूरत रूप लावण्य की वो मूरत नैन कटोरे नशीले ज़ाम मय के प्याले है नहीं आम सुन्दर नारी लगती प्यारी जौबन छाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jun 2020 · 1 min read रेशम जैसे रिश्ते *** रेशम जैसे रिश्ते *** ******************** रेशम की डोर जैसे हैं होते जिंदगी के ये नाजुक रिश्ते खींचों,तो झट टूट जाते हैं छोड़ें तो ढ़ीले पड़ जाते हैं प्रेम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 458 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jun 2020 · 1 min read तराने प्यार के गाने लगे तराने प्यार के गाने लगे ********************** तराने प्यार के गाने लगे नींद में भी बुड़बुड़ाने लगे १ प्रेमरंग चढ़ने लगा इस कदर सपने दिन में भी आने लगे २ इश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 468 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jun 2020 · 1 min read बेटा समझो बाप से बड़ा हो गया बेटा समझो बाप से बड़ा हो गया ************************** जब चश्में का नंबर बड़ा हो गया बेटा समझो बाप से बड़ा हो गया १ जब कहे आपको अब समझ कहाँ समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी का सफर ******ज़िंदगी का सफर****** ************************* ये जिन्दगी का सफर सुहाना है हर शख़्स जीने का दीवाना है चाय पर बुलाने का बहाना है पीलाने के बहाने मनाना है ज़िंदगानी ज़िंदादिली का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 378 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Jun 2020 · 1 min read मैं खानाबदोश रहा ******* मैं खानाबदोश रहा ******* ****************************** ज़फाएं सह कर भी मैं खामोश रहा वफाएं निभा कर भी मैं खामोश रहा ज़माने भर का यह असूल है अमूमन हंसती रही दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 194 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jul 2020 · 1 min read चाँद महबूब नजर आए **** चाँद महबूब नजर आए **** ************************** गोल गोल चाँद महबूब नजर आए रोज रोज चाँद चितचोर नजर आए काली घनी रात चाँदनी कर जाए शीत,शांत और शालीन नजर आए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 158 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jul 2020 · 1 min read सुरमयी शाम सुहानी **सुरमयी शाम सुहानी** ******************* सुरमयी शाम सुहानी सी मस्ती में मस्त मस्तानी सी शीत हवाएं चल रहीं हैंं तन में आग ज़िस्मानी सी यह जो तुषार जम रही है रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 351 Share Previous Page 2 Next