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14 Jul 2020 10:50 PM

बहुत खूब ।
धन्यवाद!

रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे।
मोहे कहीं ले चल बाहों के सहारे।
बागों में खेतों में नदिया किनारे।
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे।
सजनिया तोसे नेहा लागे रे।
बिन तेरे रहा नहीं जाए रे।
आजा रे आजा रे आजा रे।

श़ुक्रिया !

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