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14 Jul 2020 07:16 PM
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे।
मोहे कहीं ले चल बाहों के सहारे।
बागों में खेतों में नदिया किनारे।
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे।
सजनिया तोसे नेहा लागे रे।
बिन तेरे रहा नहीं जाए रे।
आजा रे आजा रे आजा रे।
श़ुक्रिया !
बहुत खूब ।
धन्यवाद!