सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2627 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Dec 2020 · 1 min read आंखों की खुमारी ****** आँखों की खुमारी ******* **************************** आँखों की खुमारी से होकर मदहोश कहाँ रहा अब हुस्न दीवाने को होश रफ़्ता रफ़्ता तुम हो सांसों में समाए झट से आ जाओ... Hindi · कविता 3 1 475 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Dec 2020 · 1 min read तस्वीर ******* तस्वीर ******* ******************** तुम ही तो हो मेरी तकदीर छपी जब से दिल में तस्वीर होशोहवास न रही पल भर नजरों में छाई बनके नज़ीर दिल्लगी का दिल पर... Hindi · कविता 3 350 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2021 · 1 min read उन्मुक्त परिंदे ****** उन्मुक्त परिंदे ****** *********************** कितने दिखते हैं खुश परिंदे खुले आसमां में उन्मुक्त परिंदे लंबी- लंबी उड़ाने रहें भरते हैं जहाँ चाह उसी डगर चलते हैं मनचाही मन से... Hindi · कविता 3 1 294 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2021 · 1 min read प्रेम पर दोहे *********** प्रेम पर दोहे *********** ******************************** 1 पहला दोहा ************ गीत गाता हुआ चला,प्रेम नगर की डगर प्रीत मिली न प्रेम मिला,अधूरा रहा सफर 2 दूसरा दोहा *********** तुम बनो... Hindi · कविता 3 3 710 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2021 · 1 min read आज मन है बहुत उदास आज दिल है बहुत उदास ******************** मेरा साजन नहीं पास आज दिल है बहुत उदास तम छाया है जीवन में मेरा तनहा मन उदास भौरों ने चूस लिया रस बुझती... Hindi · कविता 3 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jan 2021 · 1 min read तुम आ जाओ एक बार *तुम आ जाओ एक बार* ******************** मात्रा भर=15 तुम आ जाओ न एक बार मिल कर बातें करें हजार साथ घूमूं बन परछाई बन जाओ तुम छायाकार तन मन में... Hindi · कविता 3 2 194 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Feb 2021 · 1 min read श्रेष्ठ कलाकार ***** श्रेष्ठ कलाकार***** ********************** जो बदल देता है तस्वीर, श्रेष्ठ कलाकार कहलाए। जो बदल देता है तकदीर, भगवान का दर्जा है पाए। जो सांसों को देता समीर, जीवन रक्षक है... Hindi · कविता 3 4 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Feb 2021 · 1 min read दूर संस्कार हुए ****दूर संस्कार हुए**** ******************** जब से एकल परिवार हुए, दूर सारे ही संस्कार हुए। दादा - दादी,नाना - नानी, रिस्ते - नाते व्यापार हुए। भाई की रही बहन नहीं, राखी... Hindi · कविता 3 2 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read खर और नर ** खर और नर ** *************** खोते हंस रहे हैं, इंसां फंस रहे हैं। बोझ से हैं आजाद, हर्षित बस रहे हैं। मानव खूब थकाया, अब गधे बक रहे हैं।... Hindi · कविता 3 285 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2021 · 1 min read ताया जी हमारे ***** ताया जी हमारे ****** ************************ ताया जी हमारे बहुत प्यारे, छोड़ कर हमें क्यों स्वर्ग सिधारे। किस नगरी में ठिकाना बनाया, बिना बताए किधर हो पधारे। अंगुली पकड़ चलना... Hindi · कविता 3 1 385 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2021 · 1 min read किस दिशा में इंसान रे ***किस दिशा में इंसान रे*** ****212 221 221 2**** *********************** किस दिशा में आज इंसान रे, मुँह रहा है मोड़ भगवान रे। मैल मन में है जमी रहती सदा, क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 376 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Aug 2021 · 1 min read भालवीर नीरज ********** भालवीर नीरज ********* ******************************** भारत नीरज लाल ने,भाला फैंका आज। झोली में सोना मिला,है राष्ट्र को नाज़।। भाला निकला हाथ से,मिला पूर्ण मुकाम। विश्व विजेता को मिला,भालवीर का नाम।।... Hindi · दोहा 3 288 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read अन्ततर्भाव जाना चाहता हूं. बहुत दूर इतना दूर कि कोई अपना न छू सके न देख सके न सुन सके और न ही कुछ सुना सके ,कह सके निभा के देख... Hindi · कविता 2 312 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read आज का डॉक्टर कलयुगी डॉक्टर आज शैतान बन गया डॉक्टर जो भगवान था हैवान बन गया घटित हुई घटना इक बतलाता हूँ डॉक्टर की काली करतूत सुनाता हूँ मित्रवर का पुत्र अचानक बीमार... Hindi · कविता 2 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read स्वपन सपना जो देखा आँखों में साकार हो गया दिलदार मेरा प्यार रहमत नसीब हो गया खुशनसीब हूँ जो उनका साथ मिला साथ क्या मिला बेइंतहा प्यार मिला यार मेरा प्यार... Hindi · कविता 2 375 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read सैनिक की नार क्या व्यथा सुनाऊँ मैं सैनिक की नार की काँटों भरी है जिन्दगी कुमलाहीं नार की राह ताकती रहती अखियाँ पहरेदार की घर आगमन पर बातें खूब होगीं प्यार की तरसे... Hindi · कविता 2 401 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read तराने जिन्दगी के दिल के तराने अचानक याद आ गए बीते दिन वो अफसाने याद आ गए मकान हमारे कच्चे पर दिल पक्के थे उस कच्चे घर में सब रहते इकट्ठे थे मकान... Hindi · कविता 2 428 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read आज के दोहे क्रोध कभी न कीजिए,रखें शान्त स्वभाव प्रतिक्रोधी घातक अति,सुशांत में है बचाव लोभ मोह में कुछ न धरा,जनसेवा रहत कमात संसेवा का मेवा मिलेगा,रहत सेवादार जमात मीठे बोल सदा बोलिए,... Hindi · कविता 2 424 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रेम रंग प्रेम रंग बड़ा निराला है,जीवन जीने का सहारा है प्रेम रंग मे रंग जाए,वो रंगीला सबसे प्यारा है मानव जीवन बड़ा अनमोल बारम्बार नहीं मिलता ईर्ष्या और क्रोध में लीन... Hindi · कविता 2 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read रौद्र प्रकृति शान्त और शालीन थी प्रकृति बनती जा रही है निष्ठुर,उदण्ड, अदयामय और प्रतिक्रोधित नित मानवीय हस्तक्षेप से भौतिकवादी प्रहारों से विकसित बनने की होड़ में प्रकृति को ही कर दिया... Hindi · कविता 2 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read दोस्ती दोस्तों को दोस्ती का क्या सिला दूँ उनसे मिले प्यार का मैं क्या सिला दूँ बचपन के दोस्तों के तो क्या कहने पचपन की उम्र में भी हैं साथ रहने... Hindi · कविता 2 337 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रियतमा प्रियतमा प्रियतमा कहाँ तुम चले गए लगा के दिल में आग कहाँ सरक गए मालूम नहीं हमें क्या खता हमारी थी हमको यूँ छोड़ने की क्यों जिद तुम्हारी थी कशमकश... Hindi · कविता 2 220 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read रक्षाबंधन कच्चे धागे की डोर नहीं यह रिश्ता है अनमोल बहना की भाई रक्षा करे यही रक्षाबंधन की खोल यह रिश्ता नहीं अब से हैं जब सृष्टि बनी तब से है... Hindi · कविता 2 301 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रेम शिकारी प्रेम-शिकारी आ गए चाहत का मौसम आ गया प्रेम के लुटेरे आ गए चाहत का मौसम आ गया संभल जाओ, दिलवालों, आई रुत प्यार करने की चित्चोर परिन्दे आ गए... Hindi · गीत 2 520 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्यार केअफसाने जब वो आए जिन्दगी में अफसाना हो गया तब से दिल उस हुस्न का दीवाना हो गया कहते हैं प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती आशिकों के बतियाने की भाषा... Hindi · कविता 2 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read हिन्दूस्तान हमारा है हिन्दुस्तान हमारा है,जन गण के नयनों का तारा है। विश्व पटल पर नाम हमारा सारे जहाँ से न्यारा है।। तीन रंगों में जड़ा तिरंगा जिसकी जग में उँची शान हैं... Hindi · कविता 2 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read शिक्षा अभियान सरकारी स्कूल सफल बनाएँगे झण्डा साक्षरता का फहराएँगे जन जन तक शिक्षा पहुंचा्के शिक्षा का अलख जगाएँगे देखो कोई छूट न पाए शिक्षा-चक्र टूट न जाए असाक्षरता का जग से... Hindi · कविता 2 401 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read शहीदों को नमन करबद्ध नमन सरहद पर तैनात जवान को रक्षा करते देश की सलाम हर जवान को दुश्मनों की गोलियां सहर्ष सीने पर खाते हैं ना कभी घबराते हैं ना कभी बौखलाते... Hindi · कविता 2 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read रिश्तों मे गाँठ भूल कर सारे वाद-विवाद मनमुटाव और अपवाद मिलजुल कर आगे बढते हैं परस्पर कर मीठा संवाद बीत गई सो बात गई रुठी हुई काली लम्बी रात गई उलाहनों की बरसात... Hindi · कविता 2 167 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read जीवन का पतझड़ रेगिस्तान सी विरान हो गई जिन्दगी ना हा भाव ना ही हाव है ना कोई शोक है बस ऱोक है बोझ तले दब गई है जिन्दगी रूक गई है थम... Hindi · कविता 2 382 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read बेटियाँ बाबुल के आंगन की बेटियां होती हैं मोमबत्तियाँ कभी जलती हैं बुझती हैं जैसे होंती हैं फुलझड़ियाँ बड़े लाडो में पलती हैं फूलों सी होती हैं नाजुक प्यार दुलारों में... Hindi · कविता 2 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read मुलाकात तारों भरी रात थी रात हसीं खास थी प्रेमिका से ख्वाब में हो रही मुलाकात थी घनी नींद में लीन था वक्त बहुत हसीन था आगमन के चाव में सर... Hindi · कविता 2 408 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read कलयुगी दोहें बनता कारज देख के लियो मुँह फुलाए । कारज बिगड़ जाए तो लियो मुख छिपाए ।। प्रेम कभी न कीजिए रहिए कपट कमाए । जब तक झगड़ा न हो कपटी... Hindi · कविता 2 337 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read मेरी माँ ओ मेरी माँ, तूँ हैं कहाँ, ढूँढता फिरूँ तुम्हे,यहां वहाँ वहां यहां सारा जहाँ ,मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ वो दिन कितने अच्छे थे,सभी थे साथ-साथ आस-पास तेरे आँचल... Hindi · कविता 2 257 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read यादें तनहाई में तन्हा होता हूँ तो अंगड़ाई और फिर लम्बी जम्भाई के साथ अक्सर वो याद आ जाती है दिलो दिमाग पर.छा जाती है जकड़ लेती है अपने आगोश मे... Hindi · कविता 2 488 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read सोच सोचता हूँ जब कभी शून्यता के अक्ष पर एकांत में शान्त से गंभीरता के भाव से दिनकर क्यों दिन भर अथक असहनीय असीमित अधिकतम तापमान में क्यों तपता है, जलता... Hindi · कविता 2 383 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रेम भरी चिट्ठियाँ अतीत के गर्भ में खो गई मेरी प्रेम भरी चिट्ठियाँ बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ प्रेयसी से अतरंग प्यार की भावनाओं का एहसास थी इन्कार करार... Hindi · कविता 2 706 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read नारी शक्ति नारी सम्मान असहनीयऔर असीमित पीड़ा जिसको न जाने कितनी बार हँसते और समाज से लडती हुई बाधित और बाध्य होती हुई सीमित और असाध्य साधनों के साथ विपरीत हवाओं को चीरती हूई... Hindi · कविता 2 413 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रेम भाव ढाई अक्षर का शब्द है प्यार जीवन में खुशिया देता बेशुमार संयोग वियोग दो मूल है भाव जिस भाव में उसी भाव में बहाव भिन्न भावों में भिन्न रखता सार... Hindi · कविता 2 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Aug 2019 · 1 min read सिसकियाँ सुनाई देती हैं मुझे सिसकियाँ फिर से प्यार में आहत व चोट खाई हुई उस खूबसूरत कलत्र की जिसका पुनः विश्वास और आस्था विस्वासघाती शस्त्र से तार तार हुई चूर... Hindi · कविता 2 434 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Aug 2019 · 1 min read जन्माष्टमी के दोहे काली घटा घनघौर थी,बरसी थी घनी बरसात देवकी कोख पैदा हुए,मधुसुदन श्यामल गात काल कोठरी कैद थे,खुल गए थे कारागार द्वार टोकरी मे रख कृष्ण को,वसुदेव गए नन्द के द्वार... Hindi · कविता 2 293 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Aug 2019 · 1 min read समय के बोल स्त्री और मिस्त्री दोनों समझ में नहीं है आते बिगड़ जाएं एक बार जो काबू में नहीं है आते नाई और दाई दोनों के हैं गुण सभी एकसमान बीच अधर... Hindi · कविता 2 313 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Aug 2019 · 1 min read मातृ शक्ति माँ का आँचल बड़ा ही शीतल और शान्त मिलती है जहाँ पर अपार जन्नत और राहत जिस कोख से उसने हमें जन्म दिया जग में आने का हमें शुभावसर दिया... Hindi · कविता 2 544 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Aug 2019 · 1 min read प्यार दी पींग सोहणी कुड़ी मलूक जही मेरे नित सुपने च आवे सुपने दे विच आके यारों मैनूं ओह रोज जगावे चेहरा खिड़े फुल गुलाब दा की सिफतां मैं गांवा रेशमी गुलाबी अंग... Hindi · गीत 2 544 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Aug 2019 · 1 min read सजना वे दूर जान वालया सजना वे छड जान वालया सच्चे प्यार नूं खेड क्यों बना लया प्यार तेरे च खुद नूं लुटा लया सजना वे दूर जान वालया कित्थे गए तेरे वादे ,ओ पक्के... Hindi · गीत 2 519 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Sep 2019 · 1 min read प्रेम दिल से दिल मिल गया है जब से जीवन का प्यारा गीत मधुर हो गया निर्जन बंजर विरान था मेरा जीवन प्यार पा कर तेरा बागमबग हो गया वर्षो से... Hindi · कविता 2 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read वाहन चालान.कानून देखो भारत सरकार ने क्या गजब कानून बना दिया वाहन से भी मंहगा वाहन का चालान कर बना दिया बड़े चाव से लिया था चारपहिया व दो पहिया वाहन परिवार... Hindi · कविता 2 430 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Sep 2019 · 2 min read वो हसीन पल वो एक हसीन पल जिसको सोचा था कभी सपनों में ढूँढना चाहा था जिसको अपनों में कल्पनाओं में चित्र कल्पित करता था छायाचित्र मिटाता था कभी बनाता था यथार्थ में... Hindi · कविता 2 252 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Sep 2019 · 1 min read समाज के ठेकेदार चूर चूर कर डाले रिश्ते समाज के ठेकेदारों ने खुद के दोष रहे छिपाए लगे औरों को उछलाने में भावहीन भयमुक्त हो गए लगे औरों को धमकाने में छोटों को... Hindi · कविता 2 1 598 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2019 · 1 min read बादल आसमान में हैं छाये बादल काले घने और घनेरे बादल पानी लेने जा रहें हैं बादल पानी लेकर आ रहें बादल काली घटा में घिरे बादल उमड़ उमड़ उमड़ते बादल... Hindi · कविता 2 2 296 Share Previous Page 2 Next