रक्षाबंधन
कच्चे धागे की डोर नहीं यह रिश्ता है अनमोल
बहना की भाई रक्षा करे यही रक्षाबंधन की खोल
यह रिश्ता नहीं अब से हैं जब सृष्टि बनी तब से है
सदियों से निभते आए इस रिश्ते का नहीं है मोल
बहना की भाई रक्षा करे यही रक्षाबंधन की खोल
जग में और भी रिश्ते हैं पर भाई बहन सा कोई नहीं
इक दूसरे से प्यार है करते, लड़ते भी है और मखौल
बहना की भाई रक्षा करे यही रक्षाबंधन की खोल
मुसीबत में यदि काम न आए वो कैसा बहन का भाई
मरते दम तक साथ निभाने में भाई ना करे कोई घोल
बहना की भाई रक्षा करे यही रक्षाबंधन की खोल
जिस भाई की बहन नहीं वो राखी किससे बंधवाए
कोख में कन्या न मरवाने का संकल्प करें मेलजोल
बहना की भाई रक्षा करें यही रक्षाबन्धन की खोल
निशदिन बहनें जलती मरती शिकार बालात्कार का होती
बहन रहेगी न कोई उसदिन समझोगे रक्षाबंधन का मोल
बहना की भाई रक्षा करें यही रक्षाबंधन की खोल
कच्चे धागे की डोर नहीं यह रिश्ता है अनमोल
बहना की भाई रक्षा करें यही रक्षाबंधन की खोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत