Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2019 · 1 min read

प्रेम भरी चिट्ठियाँ

अतीत के गर्भ में खो गई मेरी प्रेम भरी चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

प्रेयसी से अतरंग प्यार की भावनाओं का एहसास थी
इन्कार करार प्यार तकरार जैसे जज्बातों का वास थी
ढूंढता हूँ, पर कहीं नहीं मिलती वो राजदार चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

रूठना-मनाना कभी आखों से बतियाना कभी
इन्तजार में थक हार कर उस पर सठियाना कभी
दिवानगी नाराजगी विरानगी की प्रेम भाती चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

रंगीन लम्हों को थी समेटे चिट्ठियाँ अपने साथ में
आँखें नम हो जाती हैं जब यादें आती हैं ख्वाब में
जड़ बना जाती हैं तन को वो खोई हुई चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

उनकी यादों का झरोखा जब है मन को टीसता
रोम रोम रो पड़ता है चेहरा आँसुओं से भीगता
गागर में सागर सी थी वो अविस्मरणीय चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

भूल नहीं सकता वो लम्हा जो था प्रेम विच्छेद का
लुट गया था सर्वस्व उस पल जो था उससे संयोग का
खुद दफना दी थी धरा में दिल को रोंदती थी चिट्ठियाँ
बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ

– सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
2 Likes · 706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी के उतार चढ़ाव में
जिंदगी के उतार चढ़ाव में
Manoj Mahato
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
चलो दूर चले
चलो दूर चले
Satish Srijan
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
बिटिया
बिटिया
Mukta Rashmi
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
कहना नहीं तुम यह बात कल
कहना नहीं तुम यह बात कल
gurudeenverma198
गुरु दक्षिणा
गुरु दक्षिणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
Drjavedkhan
*** सफलता की चाह में......! ***
*** सफलता की चाह में......! ***
VEDANTA PATEL
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
2794. *पूर्णिका*
2794. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम अक्षम हो सकते हैं
हम अक्षम हो सकते हैं
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन
जीवन
Rekha Drolia
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Kishan tandon kranti
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
*सीता जी : छह दोहे*
*सीता जी : छह दोहे*
Ravi Prakash
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
भगवावस्त्र
भगवावस्त्र
Dr Parveen Thakur
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
छुट्टी बनी कठिन
छुट्टी बनी कठिन
Sandeep Pande
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
Madhuyanka Raj
Loading...