Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2019 · 1 min read

मेरी माँ

ओ मेरी माँ, तूँ हैं कहाँ, ढूँढता फिरूँ तुम्हे,यहां वहाँ
वहां यहां सारा जहाँ ,मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

वो दिन कितने अच्छे थे,सभी थे साथ-साथ आस-पास
तेरे आँचल की घनी छाँव ,फलते फूलते थे हमारे सांस
जिन्दगी गमसीन हो गई, जब से तूँ है नहीं हमारे यहांँ
वहांँ यहांँ सारा जहाँ, मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

दुलार भरी वो लोरियां, जो गोद में तेरी हमें सदा मिली
कभी नहीं चढी त्यौरियाँ,गलतियां हमारियां जब मिली
सब कुछ सहा कुछ न कहा, जब तक तुम रही यहाँ
वहांँ यहाँ सारा जहाँ, मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

खूब मौज थी हर रोज थी, माँ तेरे वात्सल्य दुलार में
बेपरवाह थे तेरी परवाह में,माँ तेरे बहुमूल्य लाड़ प्यार में अब वो मौज कहाँ इस जहाँ में तुम छोड़ गई ये जहाँ
वहांँ यहाँ सारा जहाँ, मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

सदा पिसते घिसते हुए सींचती रही कुटुम्ब कुटीर को
मन मार के, ख्वाब मार के संवारती रही घर द्वार को
खुद को भूल गई औरों की याद में जब थी यहाँ
वहांँ यहाँ सारा जहाँ, मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

माँ अजर है, माँ अमर है,अमूल्य है , रब्ब तुल्य है
जग वालों इसकी कदर करो यह धन बहुमूल्य है
अवसर न जाने देना चल बसी तो मिलती नहीं यहाँ
वहाँ यहाँ सारा जहाँ, मिली नहीं कहीं, गया जहाँ जहाँ

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
2 Likes · 258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#मौसनी_मसखरी
#मौसनी_मसखरी
*प्रणय प्रभात*
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
चांद पर चंद्रयान, जय जय हिंदुस्तान
Vinod Patel
पेड़ से कौन बाते करता है ।
पेड़ से कौन बाते करता है ।
Buddha Prakash
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेशर्मी के हौसले
बेशर्मी के हौसले
RAMESH SHARMA
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
चाँद से बातचीत
चाँद से बातचीत
मनोज कर्ण
मन के सवालों का जवाब नाही
मन के सवालों का जवाब नाही
भरत कुमार सोलंकी
3410⚘ *पूर्णिका* ⚘
3410⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"इंसानियत"
Dr. Kishan tandon kranti
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
पूर्वार्थ
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
चेहरा देख के नहीं स्वभाव देख कर हमसफर बनाना चाहिए क्योंकि चे
Ranjeet kumar patre
कौन हो तुम
कौन हो तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां नही भूलती
मां नही भूलती
Anjana banda
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
उमेश बैरवा
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
कुछ नींदों से अच्छे-खासे ख़्वाब उड़ जाते हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैं स्त्री हूं भारत की।
मैं स्त्री हूं भारत की।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
कोई क्या करे
कोई क्या करे
Davina Amar Thakral
सफ़र
सफ़र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
ମୁଁ ତୁମକୁ ଭଲପାଏ
Otteri Selvakumar
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
Vandna thakur
Loading...