Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2024 · 1 min read

“इंसानियत”

“इंसानियत”
इंसानियत तो दिन-ब-दिन
मरती ही जा रही है,
लेकिन
जात धरम मजहब की लकीरें
बढ़ती ही जा रही है।

1 Like · 1 Comment · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
जिंदगी की खोज
जिंदगी की खोज
CA Amit Kumar
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Fuzail Sardhanvi
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
कल की चिंता छोड़कर....
कल की चिंता छोड़कर....
जगदीश लववंशी
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
*जानो होता है टिकट, राजनीति का सार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जरूरत
जरूरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#वर_दक्षिण (दहेज)
#वर_दक्षिण (दहेज)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्राणवल्लभा 2
प्राणवल्लभा 2
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जोकर
जोकर
Neelam Sharma
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
त्याग
त्याग
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
Srishty Bansal
अपने अपने युद्ध।
अपने अपने युद्ध।
Lokesh Singh
वक्त
वक्त
Ramswaroop Dinkar
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
Rj Anand Prajapati
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ruby kumari
कविता ही हो /
कविता ही हो /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
गुलाल का रंग, गुब्बारों की मार,
Ranjeet kumar patre
Loading...