सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 64 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 May 2022 · 1 min read आदमी आजकल आदमी ना रहल गजल आदमी आजकल आदमी ना रहल। बैर टकराव में कुछ कमी ना रहल। छोडि दिहलू तू जहिया से दिल तोड़ि के, जिंदगी में कहीं रोशनी ना रहल। आज फैशन सजी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Mar 2022 · 1 min read होली में रंग अबीर लगाओ भइया होली में। मन से बैर भुलाओ भइया होली में। करते हो हुड़दंग नशे में क्यों आकर, मदिरा मत छलकाओ भइया होली में। बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी छोड़ो तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read तहके दिल में बसावल खता हो गइल तहके दिल में बसावल खता हो गइल। लोग हमरा से आपन खफा हो गइल। कइसे नैना मिलल बात आगे बढ़ल, हाय अचके में जाने इ का हो गइल। भाजपा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सेल चुनावी हऽ सब चोर हवें साथे, बस मेल चुनावी हऽ। नेता जी गइल बारन, ऊ जेल चुनावी हऽ। अब काम सभे पाई, मिट जाई गरीबी हो, सब मुफ्त मिले लागल, ई सेल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सूर्य का गंगा नहाए के सांस बा तऽ मुसकुराएके। मौत से काहें डेराएके। जिंदगी में लाख उलझन बा, का भइल तऽ हार जाएके। सत्य अंतिम मौत ही होला, बात ई काहें भुलाएके। गम भला नीयर... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Mar 2022 · 1 min read दिल यह बंजारा गीतिका समझ न पाया दुनियादारी, दिल यह बेचारा। न्योछावर कर डाला तुझपर, निज जीवन सारा।१ मचल रहा था बेटा कब से, एक खिलौना को, बाप बहुत लाचार हुआ तो, थप्पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 229 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read गंगा रोज नहाई लोग साँच कहब बाउर बन जाइब, झूठ कहीं पतियाई लोग। जियते केहू हाल न पूछी, मरते अश्क बहाई लोग। एके लेखा हाल बा सबकर, द्वेष जलन ईर्ष्या भरपूर, मन में खइचा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read ठिठुरता आदमी गजल आदमी को देखकर क्यों आज जलता आदमी। हाय क्यों ईर्ष्या जलन में रोज मरता आदमी।१ चार दिन की जिन्दगी है सांस भी अपनी नहीं, फिर भी देखो आदमी से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Mar 2022 · 1 min read राह यही है सूर्य सभी को जाना है बह्र -बहरे मुतदारिक मुजाइफ़ मखबून मक़तूअ महजूफ़ वज्न-22,22,22,22,22,2 काफिया सुलझाना (आना की बंदिश) रदीफ -है। जोश जिगर में जिंदा है बतलाना है सरहद की रक्षा में शीश कटाना है //१... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 8 Feb 2022 · 1 min read दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है प्यार, मुहब्बत, झगड़ा होता रहता है। आपस का यह लफड़ा होता रहता है। पहली बार नहीं जी सौ-सौ बार हुआ, दिल है दिल का टुकड़ा होता रहता है। कभी कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Jan 2022 · 1 min read शहरिया निगल जाई देहात के गिरावे ल आंसू बिना बात के // निकालऽ समइया मुलाकात के // समस्या हवे तऽ समाधान बा, करऽ सब्र निकले द बस रात के // बदल जाला मौसम छने छन... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 309 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Jan 2022 · 1 min read क्या मिलेगा आपको तकरार से देखना है देखिए जी प्यार से // क्या मिलेगा आपको तकरार से //१ खून ही दुश्मन बना है खून का, क्या शिकायत अब करूँ संसार से //२ दल-बदल करता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jan 2022 · 1 min read इधर गैरों की बस्ती कौन रुकना चाहता साहब खुदा मिलता तो करता सिर्फ इतना याचना साहब// कभी तो आपका भी सत्य से हो सामना साहब// बड़ी मुश्किल है अपनों को यहां पर खोजना साहब// दिखाना है मुझे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 402 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Jan 2022 · 1 min read हुई सत्य की हार गीतिका :- ---------- झूठ मलाईदार बहुत था, हुई सत्य की हार। समरथ की इच्छाओं पर यह, चलता है संसार। सदा स्वार्थ में लिपटा रहता, मन में रहता पाप, सुधर नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 575 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Jan 2022 · 1 min read आदमी था मगर देवता हो गया ((( ग़ज़ल ))) मैं जिसे उम्र भर चाहता रह गया कह न पाया यही इक खता रह गया//१ कब्र पर लोग चादर चढ़ाते रहे, एक भिक्षुक वहीं काँपता रह गया//२... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 353 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jan 2022 · 1 min read ना ना अइसन ना होई बिना वजह तहके भुलवा दीं, ना ना अइसन ना होई। जियते धड़कन सांस भुला दीं, ना ना अइसन ना होई। प्यार मुहब्बत से भी आगे, दुनिया में कुछ अउरो बा,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read पतझड़ के मौसम भा गइल बहर-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आ रदीफ-गइल हाय! फिर मौसम चुनावी आ गइल। गाँव के माहौल सब गरमा गइल।१ चाय पर चर्चा चले दिन-रात अब, दिन पियकड़न के लवटि के आ गइल।२... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jan 2022 · 1 min read केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा अब बचल बा भलाई कहाँ मरदवा। केहू मरहम लगाई कहाँ मरदवा। तीर हमरी करेजा में लागल हवे, दर्द तहरा बुझाई कहाँ मरदवा। जख्म आपन देखावल खता हो गइल, लोग देला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 322 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Dec 2021 · 1 min read स्वर्ण भी सम घास हे प्रभो तेरे चरण के, हम सभी हैं दास। एक तेरा ही सहारा, बस तुम्हीं से आस। है समय का चक्र कब, किसका बदल दे भाग्य, भूख, लाचारी, गरीबी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 372 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Dec 2021 · 1 min read आदमी लाचार बा २१२१ २१२२ २१२ आदमी देखीं बड़ी लाचार बा। हौसला राखल इहाँ दरकार बा। बा खजाना माल दौलत झूठ सब, प्रेम ही तऽ जिंदगी के सार बा। देह बा माटी क... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Dec 2021 · 1 min read गिद्ध मँड़राने लगे बह रही शीतल हवाएं, अरु भ्रमर गाने लगे। आजकल शायद उसे हम याद अब आने लगे। देखकर ढ़लती जवानी पुष्प मुरझाने लगे। छोड़कर मझधार में क्यों तुम मुझे जाने लगे।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Nov 2021 · 1 min read आईना देखता कहाँ कोई दर्द किससे करूँ वयाँ कोई। आज अपना नहीं यहाँ कोई।१ हर तरफ आज जो धुआँ सा है, जल रहा है उधर मकाँ कोई।२ हर कदम पर मिला मुझे ठोकर, जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 508 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Nov 2021 · 1 min read सूर्य ये कौन है जो बाल सुखाने आयी वज्न-2122 1122 1122 22 काफ़िया-ठिकाने(आने की बंदिश) रदीफ़-आयी मौत की नींद मुझे आज सुलाने आयी देखिए बेवफा भी प्यार जताने आयी//१ आज फिर मुझसे मुहब्बत वो निभाने आयी अपने हाथो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read देख लीं लोभ में आन्हर भइल बाटे जमाना देख लीं। लोग चाहत बा दहेजे में खजाना देख लीं। ऑकसीजन के बिना तड़पत मरल हऽ लोग सब, मौत भी खोजत हवे नीमन बहाना... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read के बतावऽ खास बा गजल मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ के इहाँ आपन पराया के बतावऽ खास बा। मतलबी दुनिया हवे जी ना केहू से आस बा। जे रहेला दूर उनसे प्यार भी गहिरा रहे,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Nov 2021 · 1 min read चाल ढाल बदले नहीं, विषधर, गिरगिट, श्वान। विधा- दोहागजल *************** द्वेष जलन की भावना, रखता जो इंसान। पग-पग पर मिलता उसे, तिरस्कार अपमान। माटी की इस देह में, क्षणभंगुर है सांस, यद्यपि सब इस बात की, दिखलाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Nov 2021 · 1 min read दीया में के तेल झुराइल कइसन हाय दिवाली आइल। दीया में के तेल झुराइल। अच्छा दिन आवे आला बा, तहरा कुछऊ बात बुझाइल। शतक मारि के मोछि अँइठलस, सबजी, तेल, दाल गरमाइल। कवना फेरा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Oct 2021 · 1 min read बाल श्रमिक विधा- दोहा गजल मुस्कानों को ढूंढते, सूने नैन हजार। बाल श्रमिक को चाहिए, बस ठोड़ा सा प्यार। होती हैं मजबूरियाँ, और उदर की आग, बाल, श्रमिक कब शौकिया, बनता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 198 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Oct 2021 · 1 min read सबका हो कल्याण विधा --दोहागजल ??????????????? आओ हम फिर से करें, नवयुग का निर्माण। सबका सम अधिकार हो, सबका हो कल्याण। औषधि शिक्षा मुफ्त हो, हाथ सभी के काम, देखो अन्न अभाव में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 351 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read मिला साजन नहीं मन का नहाया रोज मल-मल कर, धुला आंगन नहीं मन का। हृदय में शूल थे जिनके, खिला उपवन नहीं मन का। जवानी से बुढ़ापे तक, किया हमने सफर लेकिन, अजी क्या बात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 286 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read गुनगुनायें आधार छन्द-माधव मालती(मापनी युक्त, मात्रिक, 28 मात्रा) मापनी-गालगागा,गालगागा,गालगागा,गालगागा। समान्त-'आये' ,अपदान्त। दर्द, गम, आँसू, खुशी हैं,जिन्दगी में क्या बतायें। सांँस जबतक चल रही है, आइए हम गुनगुनायें। हर घड़ी खुशियांँ न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read सियासत नयन में अश्क घड़ियाली, कुटिल मुस्कान होता है। वही नेता है जिसका वोट पर बस ध्यान होता है। नहीं चर्चा कभी होती कहीं, बेरोजगारी की, जहाँ हक माँगते हैं लोग,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 308 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read लाश पर आँसू बहाना है। विधा- गजल (१६ मात्रिक) लाश पर आँसू बहाना है। दाव सबको आजमाना है। है निशाने पर विपक्षी तीर, पक्ष को दामन बचाना है। सब हवा देने चले आए, आग यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read मुहब्बत बना यहाँ व्यापार सत्य भी होता है हथियार। बड़ी मारक होती है धार। कभी भी मत बोलो तुम झूठ, करो इतना खुद पर उपकार। त्याग दो लालच ईर्ष्या लोभ, लगेगा सुंदर यह संसार।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Oct 2021 · 1 min read पास न आएगी बीमारी, रोज टहलने से। ~~~ गीतिका~~~ पास न आएगी बीमारी, रोज टहलने से। बिस्तर अपना छोड़ दो पहले, सूर्य निकलने से। सेहत का सब राज छुपा है, गांठ पार लो तुम, कभी नहीं कतराना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 223 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Oct 2021 · 1 min read ठीक है क्या? रोज यह मिलना मिलाना, ठीक है क्या। बेवजह आँसू बहाना, ठीक है क्या। साँस जबतक चल रही खुलकर जिओ जी, मौत से बचना बचाना, ठीक है क्या। मतलबी दुनिया फरेबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 459 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Sep 2021 · 1 min read अजी चमचे हैं कुत्तों से भी ज्यादा दुम हिलाते हैं कभी अध्धा कभी पौवा कभी बोतल पिलाते हैं। अजी चमचे हैं कुत्तों से भी ज्यादा दूम हिलाते हैं। गलत है कौन यह मुश्किल हुआ पहचानना अब तो- सही को झूठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 703 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Sep 2021 · 1 min read याद के मोती झरल हम का करीं #ग़ज़ल लोर अँखियन में भरल हम का करीं। याद के मोती झरल हम का करीं। लोग सब आपन बनल दुश्मन इहाँ, प्यार से हमरी जरल हम का करीं। हऽ प्रथा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के ई प्रगति सब झूठ बाटे बस दिखावे के। अब कहाँ बा साँस की रिश्ता निभावे के। जब मुबाइल ना रहल सबकी लगे देखीं, बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 328 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read सूर्य तुम को खुद लजाना चाहिए- गजल (२१ मात्रिक ) २१२२ २१२२ २१२ आदमी को मुस्कुराना चाहिए। दर्द गम अपना छिपाना चाहिए।1 हर हकीकत दूर से दिखती नहीं, और ठोडा पास आना चाहिए।2 टूट कर यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read कौन सी अपनी कमाई जा रही है कौन सी अपनी कमाई जा रही है। बाप की दौलत लुटाई जा रही है। जो बुजुर्गों ने बनाई थी यहाँ पर, खाक में इज्जत मिलाई जा रही है। सभ्यता की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 427 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read राम जी के नाम लीं भोजपुरी गजल बा समय बाउर अगर तऽ, धैर्य से अब काम लीं। कर्म निज कइले करीं, अरु राम जी के नाम लीं। आदमी यदि लड़खड़ाते, मिल गइल हऽ राह में,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 562 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read यार कइले हऽ बेवफाई हो भोजपुरी गजल हाल केकरा के हम बताईं हो। यार कइले हऽ बेवफाई हो। लोग मुठ्ठी में नून लिहले बा, घाव केकरा के अब देखाईं हो। प्यार हर हर्फऽ में समाइल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read गीतिका चउथा पन आइल हवे, झुलल देह के चाम। बुढ़वा बुढ़िया सूखि के, भइलन पाकल आम। साथे केहू ना हवे, हीत मीत भा पूत, हाय अकेले कटि रहल, जिनगी शेष तमाम।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read देखो सूर्य दिलाने आये गीतिका :- ---------- मजनूं वहीं पुराने आये। लेकर नये बहाने आये। बीच सफर में छोड़ गये थे, कारण आज बताने आये। अरमानों से खेल-खेल कर, दिल अपना बहलाने आये।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 219 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read सांस लीहल हो गइल मुश्किल बड़ी हम का करीं गजल लोभ में आन्हर भइल, हर आदमी हम का करीं। ना दिखाई दे रहल, आपन कमी हम का करीं। नासमझ के भीड़ भारी, सत्य से सब दूर बा, जाति मजहब... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 376 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read गजल गजल मापनी- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ मचि रहल बा दिल, जिगर में, खलबली हम का करीं। साथ तहरी जुड़ गइल बा , जिंदगी हम का करीं। याद ना कुछऊ रहेला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Aug 2021 · 1 min read यह कैसा अंगार तुम्हारी आंँखों में गीतिका आधार छंद - मंगल माया (मापनी मुक्त मात्रिक) विधान - कुल 22 मात्राएँ, 11,11 पर यति, यति के पूर्व गाल, पश्चात लगा अनिवार्य समांत - आर, पदांत - तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Aug 2021 · 1 min read झूठ की रोटी चबाकर पल रहे हैं गीतिका मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ नफरतों की आग में जो जल रहे हैं। आज अपने-आप को ही छल रहे हैं। द्वेष, ईर्ष्या आपसी रंजिश हृदय में, राह में काँटे बिछाकर चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read भोजपुरी देशभक्ति गजल २१२२ २१२२ २१२२ २१२ हो गइल आजाद जब, भारत ब्रिटिश शैतान से। हिंद के जयकार गूंजल, खेत से खरिहान से। जे भइल कुर्बान भारत, भूमि के रक्षा करत। बा नमन,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 518 Share Page 1 Next