डॉ.सीमा अग्रवाल 463 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Aug 2021 · 1 min read साथ समय के चलना सीखो... साथ समय के चलना सीखो। नहीं किसी को छलना सीखो। भोर तुम्हारे द्वार खड़ी है, नवसृजन की ये घड़ी है। अनथक तुम बस चलते जाना, परीक्षा आगे बहुत कड़ी है।... Hindi · कविता 3 2 962 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jan 2022 · 1 min read उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत) उठो-जागो-बढ़े चलो बंधु... उठो-जागो-बढ़े चलो बंधु, न जब तक लक्ष्य तुम पाओ। सपने सतरंगी आगत के, सजें तुम्हारी आँखों में। जज्बा जोश लगन सब मिलकर, भर दें उड़ान पाँखों में।... Hindi · गीत 4 2 825 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Dec 2020 · 1 min read जान है तो जहान है.... ("कोरोना" विषय पर काव्य प्रतियोगिता हेतु) जान है तो जहान है.... न सँभले हैं हालात अभी और कुछ दिन घर में रहो ख्याल रखो अपना-अपनों का न बीच शहर में रहो संयम से रह किसी तरह... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 57 747 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Sep 2021 · 1 min read कौन बचेगा इस धरती पर..... (विश्व प्रकृति दिवस, 03 अक्टूबर) कुछ ख्वाब नयन में हैं बाकी, क्या यहीं धरे रह जाएंगे ? उनको पूरा करने फिर हम, क्या लौट धरा पर आएंगे ? बचा रहेगा भू पर जीवन, या सब... Hindi · कविता 5 4 858 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Apr 2018 · 1 min read हुईं आज से हम-तुम समधन.... पाया हम दोनों ने सम धन हुईं आज से हम-तुम समधन मैंने तुमसे और तुमने मुझ से पाया न रत्तीभर भी कम धन 'सभ्या' मिसाल है सभ्यता की मूरत ये... Hindi · कविता 2 697 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Jul 2021 · 1 min read तुम ना आए.... उग आया लो चाँद गगन में, तुम ना आए। खोई तुममें रही मगन मैं, तुम ना आए। याद करो तुम ही कहते थे, साँझ ढले घर आ जाऊँगा। निकलेगा जब... Hindi · गीत 7 8 695 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Aug 2021 · 1 min read जीवन का आधार लेखनी... जीवन का आधार लेखनी। अपना तो संसार लेखनी दे भावों को रूप-आकार, कर दे मन साकार लेखनी। विभा से जगमग शब्दों की, हर ले हर अंधकार लेखनी। फँसे जो जग... Hindi · कविता 3 674 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Sep 2021 · 2 min read भ्रातृ चालीसा ... भ्रातृ-चालीसा -- भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान। भाई में बसती सदा, हम बहनों की जान।। रिश्ता भाई-बहन का, सबसे पावन जान। इसके जैसा जगत में, मिले नहीं... Hindi · कविता 3 6 656 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Jul 2021 · 1 min read किन्नर व्यथा..... जिस जननी ने जाया हमको, किया उसने ही हमें पराया। जिस पिता का खून रगों में, उसे भी हम पर तरस न आया। अन्याय समाज और अपनों का, जन्म लेते... Hindi · कविता 6 8 627 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Feb 2021 · 1 min read अधर मौन थे, मौन मुखर था... अधर मौन थे, मौन मुखर था... कितना सुखद हसीं अवसर था। अधर मौन थे, मौन मुखर था। पूर्ण चंद्र था, उगा गगन में। राका प्रमुदित, मन ही मन में। टुकुर-टुकुर... Hindi · कविता 14 16 628 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jul 2021 · 1 min read बीजः एक असीम संभावना.... बीजः एक असीम संभावना---- उठ सके अध्यात्म के शिखर तक छुपी हैं ऐसी अनंत संभावनाएँ मनुज में। होती हैं जैसे हर बीज में वृक्ष बनने की। जरुरत है बस सम्यक्... Hindi · कविता 4 569 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 2 min read पल रहा था नयनों के भीतर.... पल रहा था नयनों के भीतर सपना एक मधुर सलोना था...... कब तक जीता रहता यूँ ही, हासिल न कुछ भी होना था। एक न एक दिन तो आखिर, उसे... Hindi · कविता 4 2 535 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jul 2021 · 1 min read अपना कोई उपमान नहीं है.... कोई अपना उपमान नहीं है.... शून्य जीवन, एक दिल, दो नयना,आँसू अनगिन, गम बेशुमार कितना रोना लिखा भाग्य में, हमें किंचित अनुमान नहीं है। मन-पृष्ठ कोरे, सूखी स्याही रहती गमों... Hindi · गीत 3 2 527 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read कहाँ गए मेरे दिन वे सुनहरे.... कहाँ गए मेरे दिन वे सुनहरे ! संबंध सुखों से जब थे गहरे ! स्वच्छंद गोद में प्रकृति की, होती थीं अनगिन क्रीडाएँ ! सुख से पटी दिल की जमीं... Hindi · कविता 2 563 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read छोड़ो नफरत और अदावट.... छोड़ो नफरत और अदावट। हर चेहरे पर, दिपे खिलावट। रची विधना ने रचना अद्भुत, सहज बनावट, सघन बुनावट। परख न पाएँ अपना-पराया, बातों में यूँ, मिले न मिलावट। मुख पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 526 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Apr 2018 · 1 min read मैं तो अकेली चलती चलूंगी... मैं तो अकेली चलती चलूँगी, धुन में अपनी मंजिल की, परवाह न मुझको काँटों की, चाह न किसी बुजदिल की। छुपकर कितने ही वार करे, ओछी हरकत औ घात करे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 555 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Jun 2021 · 1 min read करुणा की बरसात...(दोहे) करुणा की बरसात... सावन आया देखकर, हर्षित दादुर मोर। बदली में चंदा छुपा, ढूँढे कहाँ चकोर।।१।। अबके सावन करो प्रभु, करुणा की बरसात। शाख ना टूटे कोई, घर-घर हुलसें पात।।२।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 562 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read क्यों चाँद आज उदास है.... क्यों चाँद आज उदास है ! पीली सी पड़ी उजास है ! सहमा सा है स्तब्ध गगन, दिखता न कहीं हुलास है। हतप्रभ निहारती चाँदनी, रुक गया धरा का लास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 523 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jun 2022 · 1 min read चंद दोहे.... अपनी सुविधा के लिए, करे और पर वार। परदुख का कारण बने, पड़े वक्त की मार।। अपनी गलती को छुपा, मढ़ें और पर दोष। बुद्धिमत्ता दिखा रहे, खाली जिनका कोष।।... Hindi · दोहा 4 969 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 Aug 2021 · 2 min read वे दिन भी क्या सुंदर दिन थे..... वे दिन भी क्या सुंदर दिन थे... बाँहों में जब चाँद की हम, चाँदनी ओढ़कर सोते थे ! पंख पसारे कल्पनाओं के, स्वप्न लोक में विचरा करते। दूर से ही... Hindi · कविता 4 2 539 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 May 2021 · 1 min read जब आया बरसात का मौसम.... जब आया बरसात का मौसम... जब आया बरसात का मौसम घिर आया जज्ब़ात का मौसम उँगली अधर पर धरता आया मन से मन की बात का मौसम खड़ा द्वार ज्यों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 520 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jul 2021 · 1 min read अजब जीवन की बिडंबना है.... जानती हूँ, नसीब में मेरे, जुगनू भर की चमक नहीं है। तमस मेरे गम का अमा-निशा से भी अधिक घना है। कब देखी मैंने हरियाली, कब आयी घर खुशहाली, सब... Hindi · गीत 5 6 497 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Apr 2023 · 1 min read विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पृथ्वी पर जीवन रहे, स्वच्छ रहे परिवेश। सद्भावों की संपदा, आओ करें निवेश।। © सीमा अग्रवाल मुरादाबाद Hindi · Quote Writer · दोहा 3 631 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Jul 2022 · 2 min read हृद् कामना .... हृद्-कामना... यही कामना जग में सबसे, सरल-सहज व्यवहार करूँ। तेरी कृपा के गुल खिलें तो, उन्हें गले का हार करूँ।। नहीं चाहिए मुझको प्रभुवर, किस्मत से कुछ भी ज्यादा। लिखा... Hindi · गीतिका 5 4 537 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Jul 2021 · 1 min read साजिशें ही साजिशें.... साजिशें ही साजिशें... साजिशें ही साजिशें। रंजिशें ही रंजिशें। चैन- सुकून लीलतीं, रंजिशें औ साजिशें। लग रहीं हर काम में, तिकड़म औ सिफारिशें। पूरी हों तो कैसे, आसमां - सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 674 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 Jun 2021 · 1 min read सँभल जा मानव... स्वार्थ-ग्रसित हो सीने में प्रकृति के, नित खंजर तूने भोंके हैं । पग- पग चेतावनी देकर उसने, पग बढ़ने से तेरे रोके हैं । नामुमकिन है कुदरत को तेरा, वश... Hindi · मुक्तक 5 4 480 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jul 2021 · 1 min read न जागी हूँ न सोई हूँ.... एक मुक्तक.... 1222 1222 1222 1222 न जागी हूँ न सोई हूँ, पड़ी हूँ बस उनींदी- सी। तुम्हें ही सोचती हरपल, लिए आँखें पनीली- सी। तुम्हारी याद भी क्या है,... Hindi · मुक्तक 2 4 512 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Nov 2016 · 1 min read तेरे बिना दिल कहीं न लागे तेरे बिना ! सुख सुख ना लागे तेरे बिना !! अब मेरा इस पर जोर कहाँ ! जाने कहाँ ये भागे तेरे बिना !! भोजन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 488 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read तेरी- मेरी एक कहानी तेरी-मेरी एक कहानी --- विरह की देखो तोप दगी है दिल में बादल के चोट लगी है ! नेत्रमय हो गया तन सारा अश्कों की कैसी झड़ी लगी है !... Hindi · कविता 2 2 515 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Oct 2018 · 1 min read जीवन इतना आसान कहाँ--- जीवन इतना आसान कहाँ--- जीवन इतना आसान कहाँ जीने लायक सामान कहाँ विचरते हैं शैतान जमीं पर मिलता अब इन्सान कहाँ मुखौटे लगे खोटे चेहरों पर सहज सरल मुस्कान कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 522 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jun 2021 · 1 min read खींच मत अपनी ओर..... खींच मत अपनी ओर अतीत। साथ हमारा गया अब बीत। माना तू सुहाना बहुत है। पर अब मुझसे दूर बहुत है। आकर्षण में बँध मैं आती, दिखता तुझमें नूर बहुत... Hindi · कविता 4 2 512 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jul 2021 · 1 min read धरा के छोर सब रोशन.... उगा प्राची दिशा सूरज, धरा के छोर सब रोशन। कहाँ ठहरे निशा बोलो, नहीं दिखता कहीं तम कन। बड़ी हलचल मची जग में, जगी आशा-किरन मन में, चले आओ मिरे... Hindi · मुक्तक 3 493 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jun 2022 · 1 min read रहे न अगर आस तो.... रहे न अगर आस तो.... क्या क्षणिक इन आँधियों से,जिंदगी डर जाएगी ? रहे न अगर आस तो हाँ, प्यास ही मर जाएगी । तू बस अपना काम कर, फल... Hindi · गीत 7 8 537 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Jun 2021 · 1 min read किस्मत की निठुराई.... किस्मत की निठुराई... पलभर पाया साथ खुशी का, अब लम्बी तन्हाई। हँसता मुखड़ा नहीं सुहाया, किस्मत की निठुराई। बाहर शांत मगर मन - भीतर, चलती थी फेंटेसी। छाया बढ़कर मुझ... Hindi · कविता 3 2 529 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Dec 2020 · 1 min read बसंत का आगम क्या कहिए.... बसंत का आगम क्या कहिए.... बसंत का आगम क्या कहिए दिन चमचम रात उजाली है नत यौवन-भार से आज धरा हुई मद में गजब मतवाली है घाम ने अंगों को... Hindi · कविता 3 4 511 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 May 2021 · 1 min read कैसी झमाझम सारी रात हुई.... कैसी झमाझम सारी रात हुई... बिन मौसम ही बरसात हुई अँखियों से सारी रात हुई मन-किसान झूला फाँसी पर सुख की खेती बरबाद हुई ! पसरा हर सूं गहन अँधेरा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 478 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read चाँद दूज का.... चाँद दूज का... कित्ता प्यारा चाँद दूज का ! देखो न यारा चाँद दूज का ! अपनी लघुता पर इठलाए, कब सकुचाए चाँद दूज का ! नयन कोर से इंगित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 487 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Jul 2021 · 1 min read ऐसे नहीं मरेगा रावण.... ऐसे नहीं मरेगा रावण.... पुतले जितने फूँकोगे उतना अट्टहास करेगा रावण। ऐसे नहीं मरेगा रावण। जितने शीश हरोगे उसके उतने रूप धरेगा रावण। ऐसे नहीं मरेगा रावण। जिस रावण को... Hindi · कविता 2 6 455 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Jul 2021 · 1 min read जीवन इतना आसान कहाँ.... जीवन इतना आसान कहाँ जीने लायक सामान कहाँ विचर रहे शैतान जमीं पर मिलता कहीं इन्सान कहाँ मुखौटे लगे खोटे चेहरे वो सहज सरल मुस्कान कहाँ भ्रष्टता हर सूं पसरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 491 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Jul 2021 · 1 min read बहना चली वीरा के गाँव... बहना चली वीरा के गाँव... होंठों पर मुस्कान ले सोंधी मृदु स्मृतियों के हार सँजोए नेह-धार अजस्र भर नैनों में रोते से हँस दे, हँसते रोए सुन आहट सपने में... Hindi · गीत 2 458 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read हर पल तुमको खोने का डर... हर पल तुमको खोने का डर.... हर पल तुमको खोने का डर फिर से तनहा होने का डर सोई पीड़ा के जगने का भाग्य - सितारे सोने का डर दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 487 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read रात हमारी तुम बिन... २- रात हमारी तुम बिन.... कभी उभरती पीर, कभी आस बिखरती है। रात हमारी तुम बिन, कुछ ऐसे गुजरती है। दिन ढल जाता यूँ ही, कामों के बोझ तले। साँझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 460 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read जीने को नया एक ख्वाब मिला.... ~ जीने को नया एक ख्वाब मिला ~ कभी मुस्कुराता गुलाब मिला कभी अश्कों का सैलाब मिला सुख या दुख इस जिंदगी से जो भी मिला बेहिसाब मिला मिला असल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 437 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read सहमी सी है आज कलम.... सहमी सी है आज कलम शब्द उदास हैं खोए-खोए अथाह गमों का सागर है आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की पीड़ा समझ न पाता है शब्द... Hindi · कविता 2 424 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Aug 2021 · 1 min read दिल क्यूँ उसका अभ्यस्त हुआ... दिल क्यूँ उसका अभ्यस्त हुआ हर पल जो खुद में व्यस्त हुआ हों आँख में तेरी अश्क तो क्या वो सुख में अपने मदमस्त हुआ रची थी जतन से प्रेम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 428 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Jul 2022 · 1 min read दोहे एकादश ... धंधा करते झूठ का, दावे करते नेक। सिर्फ एक या दो नहीं, देखे यहाँ अनेक।।१।। जता कमी कुछ और की, करते ऊँचा घोष। छिद्रान्वेषी मनुज को, दिखें न अपने दोष।।२।।... Hindi · दोहा 8 10 505 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Nov 2016 · 1 min read मन मेरे तू सावन सा बन मन मेरे तू सावन-सा बन ! मृदुल मधुर भावों से अपने कर दे जग को पावन-पावन मन मेरे तू सावन-सा बन ! मिट जाए चाहे तेरी हस्ती हरी-भरी हो जग... Hindi · कविता 1 451 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 Jun 2021 · 1 min read उतरी जमीं पर चाँदनी.... उतरी जमीं पर चाँदनी - नयनों में नेह भरे, उतरी जमीं पर चाँदनी पलकों पे ख्वाब धरे, पसरी है उन्मादिनी ! तिमिर के आगोश में, मुँह छुपाए थी निशा पायी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 457 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Jun 2021 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी... पड़ी वक्त की लताड़, जिंदगी हुई उजाड़, आस-प्यास सब मिटी, चाह दुखदायी है। हाय ये कैसी बेबसी, माँ- बहन चल बसी, रिश्तों को यूँ खोते जाना, घोर कष्टदायी है। दोस्त... Hindi · घनाक्षरी 2 491 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Jul 2021 · 1 min read सुन लो प्रभु जी.... दुर्मिल सवैया छंद 32 मात्राएँ, 24 वर्ण व आठ सगण 112 सुन लो प्रभुजी दुखते मन की, कर जोड़ करूँ विनती तुम से भव ताप हरो अघ भार हरो, मन... Hindi · मुक्तक 6 2 427 Share Page 1 Next