Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2021 · 1 min read

अपना कोई उपमान नहीं है….

कोई अपना उपमान नहीं है….

शून्य जीवन, एक दिल, दो नयना,आँसू अनगिन, गम बेशुमार
कितना रोना लिखा भाग्य में, हमें किंचित अनुमान नहीं है।

मन-पृष्ठ कोरे, सूखी स्याही
रहती गमों की आवाजाही
हर चाह से करती किस्मत
हफ्ता बसूली और उगाही
दुख से युगों-युगों का नाता, सुख से कोई पहचान नहीं है
हम जैसे बस एक हमीं हैं, कोई अपना उपमान नहीं है

मीलों दूर चले आए हम
बचपन पीछे छोड़ आए
नव्य तलाशने की खातिर
संबंध पुराने तोड़ आए
जड़ों से अपनी कटकर जीना इतना भी आसान नहीं है

– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“मनके मेरे मन के” से

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 528 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
Dr.Rashmi Mishra
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
आर एस आघात
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
देख कर उनको
देख कर उनको
हिमांशु Kulshrestha
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
आने वाला कल दुनिया में, मुसीबतों का पल होगा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
Chunnu Lal Gupta
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
Shweta Soni
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
हिंदी
हिंदी
Mamta Rani
गणपति अभिनंदन
गणपति अभिनंदन
Shyam Sundar Subramanian
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ऐसा लगता है कि एमपी में
ऐसा लगता है कि एमपी में
*Author प्रणय प्रभात*
कभी किसी की मदद कर के देखना
कभी किसी की मदद कर के देखना
shabina. Naaz
सोना छत पर अब कहॉं,पानी का छिड़काव (कुंडलिया )
सोना छत पर अब कहॉं,पानी का छिड़काव (कुंडलिया )
Ravi Prakash
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
" पहला खत "
Aarti sirsat
दिया एक जलाए
दिया एक जलाए
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
Rj Anand Prajapati
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
"जुबां पर"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...