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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
221 posts
Page 2
रोने   कोई   देता  नहीं   और  हँसी  आती  नहीं
रोने कोई देता नहीं और हँसी आती नहीं
suresh sangwan
भीगी पलकें सुखाने  में ज़रा तो देर लगेगी
भीगी पलकें सुखाने में ज़रा तो देर लगेगी
suresh sangwan
नज़रों ही नज़रों  में  मुहब्बत सी  हुई जाती है
नज़रों ही नज़रों में मुहब्बत सी हुई जाती है
suresh sangwan
मोहब्बत  से  बढ़कर  तो इबादत नहीं कोई
मोहब्बत से बढ़कर तो इबादत नहीं कोई
suresh sangwan
क्या पाएगा मंज़िल जो अभी चला भी नहीं
क्या पाएगा मंज़िल जो अभी चला भी नहीं
suresh sangwan
कुछ इस तरह ज़िंदगी में जान फूँकते रहे
कुछ इस तरह ज़िंदगी में जान फूँकते रहे
suresh sangwan
सिवा  तिरे  मेरी दुनियाँ में कोई  कमी  नहीं है
सिवा तिरे मेरी दुनियाँ में कोई कमी नहीं है
suresh sangwan
हर गली हर मोड़  पे मेरे कदम अटके बहुत
हर गली हर मोड़ पे मेरे कदम अटके बहुत
suresh sangwan
छोड़ो   ये    बेकार   की   बातें
छोड़ो ये बेकार की बातें
suresh sangwan
मेरा  पता  मुझको  बता मेरे ख़ुदा
मेरा पता मुझको बता मेरे ख़ुदा
suresh sangwan
तू    सोए  तो   हो  जाएं   सवेरे मेरी   अना
तू सोए तो हो जाएं सवेरे मेरी अना
suresh sangwan
महफ़िल  में  राज़दारों   की   बात   करता  है
महफ़िल में राज़दारों की बात करता है
suresh sangwan
छोड़ा  हाथ  हौसले   ने  न  डरूँ  तो  क्या  करूं
छोड़ा हाथ हौसले ने न डरूँ तो क्या करूं
suresh sangwan
ये दिल है सरफ़िरा गर कभी घूम गया तो घूम गया
ये दिल है सरफ़िरा गर कभी घूम गया तो घूम गया
suresh sangwan
बहकने की बात थी कुछ संभलने का इशारा था
बहकने की बात थी कुछ संभलने का इशारा था
suresh sangwan
ख़ामोश    रहकर   बोलते  हैं  रंग  तस्वीर के
ख़ामोश रहकर बोलते हैं रंग तस्वीर के
suresh sangwan
मोहब्बत के  शरर  का  नूर  है
मोहब्बत के शरर का नूर है
suresh sangwan
नहीं   नफ़रत  से  ये  मोहब्बत  से डरा  जाय है
नहीं नफ़रत से ये मोहब्बत से डरा जाय है
suresh sangwan
चल   ना   होली   खेलें  यार
चल ना होली खेलें यार
suresh sangwan
घटायें  गर  करके हिसाब चली जाती
घटायें गर करके हिसाब चली जाती
suresh sangwan
पुरानी   क़िताबों   से   धूल   झाड़ते  रहना
पुरानी क़िताबों से धूल झाड़ते रहना
suresh sangwan
दीवानगी   हद   में   रही   तो  मोहब्बत  कैसी
दीवानगी हद में रही तो मोहब्बत कैसी
suresh sangwan
एक  ही  सवाल  के  हज़ारों  जवाब  मिलते हैं
एक ही सवाल के हज़ारों जवाब मिलते हैं
suresh sangwan
तेरी याद आज फिर चश्म-ए-तर  कर गई है
तेरी याद आज फिर चश्म-ए-तर कर गई है
suresh sangwan
इरादा -ए- वस्ल-ए-यार है मौसम  जैसा  भी हो
इरादा -ए- वस्ल-ए-यार है मौसम जैसा भी हो
suresh sangwan
तुम साथ हो तो  मेरा खुदा  हो खुदाई हो
तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो
suresh sangwan
बज़म-ए-दुनियाँ से दूर कहीं ले चल
बज़म-ए-दुनियाँ से दूर कहीं ले चल
suresh sangwan
कारवान -ए- बहार  चलें
कारवान -ए- बहार चलें
suresh sangwan
ज़मीं  पर  उतरने  की  फ़िराक़ देखे है
ज़मीं पर उतरने की फ़िराक़ देखे है
suresh sangwan
वतन के बच्चे किधर जा रहे बताओ तो सही
वतन के बच्चे किधर जा रहे बताओ तो सही
suresh sangwan
हसरतें  उठती  हैं  जज़्बात  मचल जाते हैं
हसरतें उठती हैं जज़्बात मचल जाते हैं
suresh sangwan
ख़्वाब  मेरी  आँखों  के  न बिखरने देगा
ख़्वाब मेरी आँखों के न बिखरने देगा
suresh sangwan
वो  जबां  पर कहकहों का आलम रखते हैं
वो जबां पर कहकहों का आलम रखते हैं
suresh sangwan
तूने ही आतिश-ए-ईश्क़ लगाई मैने  कब  चाही
तूने ही आतिश-ए-ईश्क़ लगाई मैने कब चाही
suresh sangwan
शाखें फूलों वाली झुकी- झुकी- सी हैं इन दिनों
शाखें फूलों वाली झुकी- झुकी- सी हैं इन दिनों
suresh sangwan
वक़्त  के  पाँव  में  जंज़ीर  डालने  का वक़्त था
वक़्त के पाँव में जंज़ीर डालने का वक़्त था
suresh sangwan
तेरी  मुहब्बत  में  हम  खुद से गये हैं
तेरी मुहब्बत में हम खुद से गये हैं
suresh sangwan
बिन   मोहब्बत   के   कहीं   अफलाक़   नहीं  होते
बिन मोहब्बत के कहीं अफलाक़ नहीं होते
suresh sangwan
तू वो नहीं इस दिल को बताने के लिए आ
तू वो नहीं इस दिल को बताने के लिए आ
suresh sangwan
कुछ  रोज़ का बहकना है और  दवा  क्या है
कुछ रोज़ का बहकना है और दवा क्या है
suresh sangwan
सूरत- ए- दुनियां  सँवरने   में   देर  हो  गई
सूरत- ए- दुनियां सँवरने में देर हो गई
suresh sangwan
दिल-ए-मुज़तर को वाइज़ कोई समझाए तो सही
दिल-ए-मुज़तर को वाइज़ कोई समझाए तो सही
suresh sangwan
कमल  केतकी  गुलाब  या गुलबहार  हो  तुम
कमल केतकी गुलाब या गुलबहार हो तुम
suresh sangwan
तिरी  बे-रूख़ी  का  कोई  ग़म नहीं  होता जानां
तिरी बे-रूख़ी का कोई ग़म नहीं होता जानां
suresh sangwan
अपनी ज़ुल्मत-ओ-नफ़रत को  अदा कहती है
अपनी ज़ुल्मत-ओ-नफ़रत को अदा कहती है
suresh sangwan
मौसम  आशिकाना बहुत है  आज
मौसम आशिकाना बहुत है आज
suresh sangwan
हर शय में ढलने की आदत डाल रखी है
हर शय में ढलने की आदत डाल रखी है
suresh sangwan
तेरे ईश्क़ को अपनी अमानत कर लूं
तेरे ईश्क़ को अपनी अमानत कर लूं
suresh sangwan
ज़िंदगी अपनी  है फिर  भी  उधार  लगती  है..
ज़िंदगी अपनी है फिर भी उधार लगती है..
suresh sangwan
मात-पिता और गुरु का मान  हमेशा  रखना..
मात-पिता और गुरु का मान हमेशा रखना..
suresh sangwan
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