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11 Dec 2016 · 1 min read

तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो

तुम साथ हो तो मेरा खुदा हो खुदाई हो
जीने का सामां हो दिल हो दिलरुबाई हो

ये क्या कि तुम इल्ज़ाम दिए जाते हो
अच्छा है सज़ा दे दो क़ैद हो रिहाई हो

आज अच्छा सा कुछ सुनाओ मेरे सनम
गीत हो ग़ज़ल हो ख़याल हो रुबाई हो

रोशन सवेरे हैं कभी रातों के अंधेरे
जैसे सनम ने चिलमन उठाई हो गिराई हो

दिल से निकली हुई जा लगेगी वहाँ ज़रूर
रही हो उफ़ या आह दुआ हो दुहाई हो

बनाए हुए है यहाँ हर ज़ायक़ा अपनी कशिश
नमक हो नमकीन हो मीठा हो मिठाई हो

बयां हो गया आख़िर जो’सरु’-ए-दिल में था
दास्तां उसने चाहे लिखी हो सुनाई हो

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