Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2016 · 1 min read

पुरानी क़िताबों से धूल झाड़ते रहना

पुरानी क़िताबों से धूल झाड़ते रहना
काग़ज़ पे लिखके जज़्बात फ़ाड़ते रहना

बदलते ही रहते हैं ख़्याल ज़माने के
गर बुरा कुछ लगे तो मिट्टी डालते रहना

बिखरी है ज़माने की हवाओं से हरसू
मुसीबतों को गर्द सा बस झाड़ते रहना

मात-पिता हैं ज़मीन- औ- आसमाँ ए बंदे
हर पल तुम तैयार उनके वास्ते रहना

खिज़ाओं के मौसम बिखर न जाना कभी
ख़्वाब ज़िंदगी में नये पालते रहना

आलसी लोगों की है आदत ये मशहूर
हो काम कैसा भी कल पर टालते रहना

जिंदगानी ना मिले शायद देकर जान भी
तुम दामन हौसले का ‘सरु’ थामते रहना

1 Comment · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लोकतंत्र में शक्ति
लोकतंत्र में शक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अगर आप समय के अनुसार नही चलकर शिक्षा को अपना मूल उद्देश्य नह
अगर आप समय के अनुसार नही चलकर शिक्षा को अपना मूल उद्देश्य नह
Shashi Dhar Kumar
"लाभ का लोभ"
पंकज कुमार कर्ण
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दोस्ती
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ऋतुराज
ऋतुराज
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
DrLakshman Jha Parimal
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मतदान
मतदान
साहिल
"साफ़गोई" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
Dr MusafiR BaithA
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"गॉंव का समाजशास्त्र"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
बेटियां
बेटियां
Neeraj Agarwal
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
gurudeenverma198
जीवन एक संघर्ष
जीवन एक संघर्ष
AMRESH KUMAR VERMA
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
युवा संवाद
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
चाँद
चाँद
Vandna Thakur
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
*बिन बुलाए आ जाता है सवाल नहीं करता.!!*
AVINASH (Avi...) MEHRA
Loading...