जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई शाम आयेगी मेरे हिस्से
Intakam hum bhi le sakte hai tujhse,
तभी तो असाधारण ये कहानी होगी...!!!!!
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
इस दरिया के पानी में जब मिला,
सुखदाई सबसे बड़ी, निद्रा है वरदान (कुंडलिया)*
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👰👸🙋👭🕊️🕊️