Santosh Shrivastava 749 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Santosh Shrivastava 10 Feb 2019 · 1 min read माँ का आशीर्वाद बेटा कब से आवाज दे रही हूँ कहाँ है ।" कहते हुए रमादेवी , सुरेश के कमरे की तरफ गयी । वहाँ सुरेश गुमसुम सा बैठा था । रमादेवी को... Hindi · लघु कथा 1 1 1k Share Santosh Shrivastava 1 Jun 2020 · 3 min read बच्चे और संस्कार मानव जीवन में संस्कारों का बहुत महत्व है। संस्कारविहिन व्यक्ति देश समाज परिवार के लिए बोझ तुल्य होता है । जब बच्चा गर्भ में रहता है तभी से उसमें संस्कार... Hindi · लेख 2 2 1k Share Santosh Shrivastava 10 May 2019 · 1 min read जिंदगी एक परीक्षा हर परीक्षा कराती है इन्तजार परिणाम का जिन्दगी की हर डगर है कठिन ये सिखाती है संघर्ष इन्सान को कर्म प्रधान बनें जीते हर जंग जिन्दगी की तभी तो बनेगा... Hindi · कविता 1 796 Share Santosh Shrivastava 7 Jan 2019 · 1 min read किताबों का संसार किताब हैं ज्ञान का भंडार किताबों में बसा हैं घर संसार इतिहास की गवाह हैं ये किताबें दादा दादी की बसी हैं इसमें कहानियाँ किताबों के बिना सूना है संसार... Hindi · कविता 948 Share Santosh Shrivastava 27 Apr 2021 · 4 min read हनुमान और रावण- तुलनात्मक विश्लेषण हनुमान जी विद्यावान है और रावण विद्वान है लेकिन सफल विद्यावान ही होता है । विद्वान अगर अभियान से भर जाये तो उसकी विद्वता व्यर्थ है । विद्यावान गुनी अति... Hindi · लेख 1 2 776 Share Santosh Shrivastava 13 Dec 2018 · 1 min read कोहरा (हास्य कविता) छाया है घना कोहरा रात ढल रही है अचानक पत्नी ने झकझोर कर उठा दिया बोली : "सुनो जी जरा बाहर का मौसम तो देखो कितना है सुहाना शुद्ध ताजा... Hindi · कविता 836 Share Santosh Shrivastava 15 Jan 2019 · 1 min read जीवन के खेल क्षणभंगुर हैं ये जीवन के खेल संभल कर खेलो जिन्दगी के खेल Hindi · मुक्तक 684 Share Santosh Shrivastava 24 Dec 2018 · 1 min read सुखी परिवार भावों के मोती दिनांक 24/12/18 परिवार सुखी परिवार में बसा है घर संसार दादा दादी का हो आशीर्वाद माता पिता का हो प्यार बच्चों पर हो ईश कृपा जितनी हो... Hindi · कविता 1 1 626 Share Santosh Shrivastava 21 Sep 2019 · 2 min read केकई एक चरित्र विडम्बना है कि केकई का चरित्र राम को वनवास जाने का पर्याय माना जा रहा है लेकिन इस मर्म के पीछे मंथरा के चरित्र को अनदेखा किया जाता है बुरा... Hindi · लेख 1 672 Share Santosh Shrivastava 11 Jan 2019 · 2 min read घर की इज्जत "इन्सपेक्टर चेतना ने अपनी टोपी निकाली और कुर्सी पर बैठ कर सुस्ताते लगी । अभी वह चार लड़कियों को पकड कर लाई थी जो रात को दो बजे घर से... Hindi · कहानी 616 Share Santosh Shrivastava 10 Dec 2019 · 1 min read जीवन में संतुलन है संतुलन जीवन में जरूरी कम बोलो अच्छा बोलो बना रहेगा मान समाज में तराजु सा संतुलित हो कार्य हमेशा नहीँ बिगड़ेगी बात कभी दाम्पत्य जीवन में रहे संतुलित सभी... Hindi · कविता 669 Share Santosh Shrivastava 2 May 2021 · 1 min read बेरहम इतना भी बेरहम मत बन मौला कि गमगीन सडकों पर इन्सां खुद का साया भी ढूंढने को तरस जाये संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 1 1 639 Share Santosh Shrivastava 30 Jan 2019 · 1 min read नारी की लज्जा घूंघट लम्बा सफर तय किया है घूंघट तूने चेहरा न दिखे बस सबब था तेरा हर किसी ने बस चेहरा ढका दिया तेरा प्रश्न यह है चेहरा क्यो ढका है नारी... Hindi · कविता 618 Share Santosh Shrivastava 11 Feb 2019 · 1 min read जहर जहर भरा है सर्प से भी ज्यादा इन्सान में अपना बन कर काटता है आस्तीन में ही छिपा रहता है इन्सान की भाई, भाई के लिए उगलता है ज़हर फिर... Hindi · कविता 565 Share Santosh Shrivastava 27 Mar 2021 · 3 min read संस्कार अच्छे संस्कार जीवन को जहाँ ऊचाईयों की बुलंदी पर पहुंचाते है वहीं संस्कारविहिन व्यक्ति परिवार समाज और देश पर बोझ स्वरूप होता है । एक सेठ जी ने जीवन में... Hindi · लेख 1 604 Share Santosh Shrivastava 15 Mar 2019 · 2 min read सफलता का राज विजय होस्टल में रहता था उसकी 12 वीं की परीक्षा जैसे जैसे पास आती जा रहीं थी उसकी घबराहट और परेशानी बढ़ती जा रही थी । वह मेहनत तो खूब... Hindi · कहानी 583 Share Santosh Shrivastava 5 Feb 2019 · 1 min read जय विज्ञान जय जवान जय किसान के बाद अब हुआ है जय विज्ञान का उद्घोष जब हुआ तीनों का साथ देश का हुआ चहुंओर विकास और हुऐ मजबूत हाथ विज्ञान की जरूरत... Hindi · कविता 594 Share Santosh Shrivastava 3 Feb 2019 · 2 min read बाबू जी की मुस्कान "संध्या ने अपनी पूरी जिन्दगी घर के देखभाल और घर को बनाने में गुजार दी । मैं तो बस आफिस में चपरासी था । इस तनख़्वाह में दो बच्चों का... Hindi · कहानी 574 Share Santosh Shrivastava 3 Jan 2019 · 1 min read कर्म ही जीवन है कर्म ही जीवन है कर्म ही पूजा है कर्म ही धर्म है जीवन में है सफल वही इन्सान जो है कर्म प्रधान कृष्ण का भी यही है संदेश करो कर्म... Hindi · कविता · बाल कविता 639 Share Santosh Shrivastava 8 Aug 2020 · 1 min read माँ का चूल्हा जोड़ता है चूल्हा परिवार को सुग॔ध रोटी की गोल गोल रोटी माँ का प्यार बैठे साथ बाबू जी भाई और बहन करता सब की चिंता माँ का चूल्हा है चौका... Hindi · कविता 1 655 Share Santosh Shrivastava 24 Jun 2019 · 1 min read झूठ न बोले दर्पण दिनांक 24/6/19 दर्पण विधा - हाइकु हर तरफ परेशान इन्सान देखें दर्पण सुखी मानव आस है बरसात कहे दर्पण न बोले झूठ देखे सब दर्पण छोड़ो फरेब क्षणभंगुर जीवन इन्सान... Hindi · हाइकु 588 Share Santosh Shrivastava 9 Jan 2019 · 2 min read अ-तिथि (हास्य कविता) सुबह पांच बजे मोबाईल की घंटी बजी उधर से आवाज आई " आ रही हूँ " फोन हाथ से छूटता छूटता बचा कड़ाके की सर्दी में पसीने से तरबतर हुआ... Hindi · कविता 658 Share Santosh Shrivastava 13 Jun 2019 · 1 min read भारत के वीर सपूत दिनांक 13/6/19 न तपती रेत की न अपने तन की चिन्ता चिन्ता है तो बस अपने देश की कैसी भी सरहद बर्फ की आग की हर जगह बेखौफ़ है भारत... Hindi · कविता 600 Share Santosh Shrivastava 4 Oct 2020 · 1 min read दृढ़ संकल्प दृढ़ स॔कल्प अटल विश्वास राष्ट्र प्रेम बंधन एकता का हर जगह पैनी नज़र लौह पुरुष तुम्हें नमन है आज हिन्दुस्तान एक है हर तरफ अनेकता में एकता चमत्कार है ये... Hindi · कविता 580 Share Santosh Shrivastava 24 Jan 2020 · 1 min read बिटियाँ (चौका लेखन विधा) सब की प्यारी बिटिया है हमारी आयी है घर रोशन हैं खुशियां चले ठुमक बजती पैजनियां हैं देवी तुल्य करें कन्या पूजन करें संघर्ष नहीं कुछ मुश्किल छूती आसमां बेटियों... Hindi · कविता 2 514 Share Santosh Shrivastava 26 Oct 2019 · 1 min read मन का सौन्दर्य (रूप चौदस पर विशेष) मन की पवित्रता मन की खुशहाली में है चेहरे से ज्यादा सौन्दर्य रूप का रहता सौन्दर्य चंद दिन व्यवहार कुशलता मधुर भाषा सत्य वचन देते जीवन भर का सौन्दर्य अपने... Hindi · कविता 574 Share Santosh Shrivastava 27 May 2019 · 1 min read गीत , मीत के दिनांक 27/5/19 गुनगुनाने लगी हूँ मैं गुनगुनाने का तो बहाना चाहिए जिन्दगी अब मुस्कुराने लगी है जब तुम गुनगुनाने लगे हो तो दूर जाने लगी हैं बिरहने खास हो तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 550 Share Santosh Shrivastava 28 May 2020 · 1 min read वक़्त है वक़्त बड़ा बलवान अविरल घुमता चक्र सुबह-ओ-शाम बनता राजा से रंक और रंक से राजा घुमती रहती जिन्दगी पहिये सी ठहरती नहीं जिन्दगी जब तक हैं प्राण इन्सान में... Hindi · कविता 1 1 553 Share Santosh Shrivastava 20 Nov 2019 · 2 min read जीवन दान "रात के दो बज रहे है , आईसीयू में लाईफ स्पोर्ट्स मशीनों की आवाजें वातावरण को भयावह बना रही थी । संगीता चार दिन से यहाँ एडमिट है एक सडक... Hindi · लघु कथा 1 567 Share Santosh Shrivastava 22 Jun 2019 · 2 min read समझदार रीना मयंक की शादी हो गयी थी वह रीना के साथ पुणे आ गया था । दोनों विप्रो कम्पनी में इंजीनियर है । सब ठीक चल रहा था इसी बीच मयंक... Hindi · लघु कथा 559 Share Santosh Shrivastava 4 Jan 2019 · 1 min read बेटी है घर की शान बेटी है घर की शान उसे दो घर संसार में मान बेटी को मत कहो मासूम बेटी तो है नौ देवी रूप हर अवतार में है शक्ति स्वरूप पिता ने... Hindi · कविता 529 Share Santosh Shrivastava 30 Jul 2020 · 1 min read चिट्ठी है बड़ा आत्मनीय शब्द खत दरवाजे पर खड़ी बाला इन्जार करती माँ खत नहीं तो दिखता नहीं कोई यहाँ वहाँ सुकड़ गया है आज संसार सुकड़ गये हैं आज संबंध... Hindi · कविता 1 570 Share Santosh Shrivastava 12 Feb 2020 · 1 min read निवेदन स्वीकारो मेरा प्रणय निवेदन प्रिय तन मन बारी जाऊँ वृन्दावन की गलियन में घूमें राधे सख्यिन संग किशन है जग का न्यारा - न्यारा स्वीकारे न्योता सब का बना है... Hindi · कविता 1 531 Share Santosh Shrivastava 27 Sep 2020 · 1 min read नज़राना एक तरफ इश्क़ दूसरी तरफ फ़साना है फरेब और बेईमान का ज़माना है कब तलक लडेगी ये जिन्दगी गैरों से अब तो मौत ही एक नज़राना है स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · कविता 2 553 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र है सूर बिन, गीत अधूरा अपनों बिन, परिवार अधूरा मित्र बिन, संसार अधूरा स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल (मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं) Hindi · मुक्तक 1 1 512 Share Santosh Shrivastava 16 Aug 2020 · 1 min read इन्सानियत स्वतंत्रता दिवस पर झंडा वन्दन के लिए मयंक तैयार हो कर आफिस जा रहा था । वह संचालक था , इसलिए झंडा वन्दन उसे ही करना था । मयंक अभी... Hindi · लघु कथा 2 528 Share Santosh Shrivastava 2 Jan 2019 · 1 min read बेटी माँ बेटी का रिश्ता है निराला कभी खट्टा तो कभी चाशनी का प्याला सिखाती माँ , बेटी को दुनियादारी बेटी मै आ जाती जल्दी समझदारी है बेटी का अमूल्य दुलार... Hindi · कविता 518 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2021 · 1 min read जीवन का सत्य हम है क्या दिखाना है कर के है नही मोहताज हम तारीफों के है यही अटल सत्य जीवन का मिलते हैं बहुत स्वार्थी करते है झूठी तारीफें न कर विश्वास... Hindi · कविता 1 2 491 Share Santosh Shrivastava 13 Feb 2020 · 2 min read गुब्बारे गरमी की दोपहरी में सिग्नल पर लाल लाईट होते हो कारों की लम्बी लाईन लग गयी , वहाँ एक लड़की हाथ रंगबिरंगे गुब्बारे और गोद में बच्चे ले कर दौड़ती... Hindi · लघु कथा 1 1 486 Share Santosh Shrivastava 27 Dec 2018 · 2 min read दामाद बारात आने में थोडी देर थी । सब बाहर तैयारी में लगे थे और संध्या पुरानी यादो मे खोई गयी थी : " मेरी शादी की बात चल रही थी... Hindi · लघु कथा 518 Share Santosh Shrivastava 7 Jul 2020 · 1 min read कसक जब अपने अपने न रहे तो उठती है कसक दिल में करते हैं वादे निभाने साथ का छोड़ जाते साथ बीच मंझधार में कसक उठती है दिल में हैं धोखेबाज... Hindi · कविता 1 483 Share Santosh Shrivastava 13 Oct 2019 · 2 min read जिन्दगी, एक अहसास भी उम्र पैंसठ-साठ साल को पार करते हुए पापा माँ में चिड़चिड़ा आता जा रहा था , और हो भी क्यों न ? हम दो बहनें समाज की क्रूरता के कारण... Hindi · कहानी 500 Share Santosh Shrivastava 17 Aug 2020 · 1 min read फूल गुलाब का काटों भरा है इनका शरीर, सुगंध, मुस्कान से हैं भरपूर है आदर्श ये गुलाब फूल हमारे दुःख में भी मुस्काय मन हमारे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 3 1 501 Share Santosh Shrivastava 17 Nov 2020 · 1 min read नमन सूर्य देव है संसार में अंधियारा है विश्व शक्ति हीन न है खेत खलिहान जंगल न है जीवन है नही कल्पना जीवन की बिन सूर्य के करते है नमन देते है आराध्य... Hindi · कविता 1 533 Share Santosh Shrivastava 24 Jul 2021 · 2 min read प्यारा बच्चा सुमि सुबह उठ कर रो रही थी । उसके सुबह सुबह रोने से सब परेशान हो रहे थे । एक दिन सुमि की माँ संगीता ने पूछा : ” बेटी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 488 Share Santosh Shrivastava 23 Nov 2018 · 1 min read नसीब (कविता) नसीब नसीब को मत कोसो दोस्तों घर बैठे नसीब बनता नही हथेलियों पर जब उभरते है छाले तब बनता है नसीब हर ठोकर सबक सिखाती है नसीब बनाने में बार... Hindi · कविता 2 1 619 Share Santosh Shrivastava 16 Aug 2019 · 1 min read बदनाम जिन्दगी बहुत ढूंढा उसे वो मिल न सकी , वक्त बेवक्त दिखती रही, वो कभी इस कंधे पर तो कभी उस कंधे पर, वो बस जिन्दगी यूँ ही बदनाम होती रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 470 Share Santosh Shrivastava 26 Sep 2020 · 1 min read पिंजरा दरकते संबंध हैं मुट्ठी में रेत से संबंध फिसल जाते कब ? चलता नहीं पता बहुत नाजुक ये संबंध हुई घुसपेठ ग़ैर की दरकते संबंध ज्यों रेत से रखो विश्वास... Hindi · कविता 486 Share Santosh Shrivastava 8 Jan 2019 · 1 min read मेरा परिवार मेरा प्यार मेरा घर संसार मेरी शक्ति मेरी भक्ति मेरे अपने मेरे सपने मेरी माता मेरे पिता मेरी सृष्टि मेरी गृहस्थी सब है बस मेरा परिवार जैसे माँ का दरबार... Hindi · कविता 490 Share Santosh Shrivastava 28 Jan 2020 · 1 min read दर्द होते हैं आंसू बड़े बेदर्द सह सकते नहीं दर्द करते नहीं दर्द किसी से बेबफाई करते हैं बफाई बेरहमी से जब भी होती है बात दर्दे-ए-दिल की याद आयेगे बदनसीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 525 Share Page 1 Next