ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
जिंदगी के लिए वो क़िरदार हैं हम,
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की १३२ वीं जयंती
"मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य"