Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 3 min read

जय हनुमान

कलयुग में हनुमान जी जाग्रत देव है
जब जब और जहां जहां श्री राम जी की भक्ति, उत्सव, कथा और उनका स्मरण किया जाता है वहां हनुमान जी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहते हैं । इसी कारण
हनुमान जी भारतीय परिवेश के साथ साथ समस्त जगत में पूज्य हैं
हनुमान जी न केवल भगवान राम के भक्त हैं बल्कि वह जन मानस के संकटमोचक, रोग-दुख नाशक भी है ।
तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के साथ-साथ हनुमान चालिसा, हनुमान बाहुक और बजरंग बाण की भी संरचना की है, जिनका नियमित पाठ करने से हनुमान जी मनुष्य की संकटों से अपनी रक्षा भी करते है

“संकट कटे मिटे सब पीरा
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ।”

हनुमान की आराधना का महात्म्य बहुत अधिक है । इससे मनुष्य को हनुमान जी की शक्ति का आभास होता है । रोग, बीमारी के समय हनुमान जी का स्मरण कष्टों से मुक्ति देता है
” नासे रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा”

हनुमान जी की आराधना जहाँ मनुष्य को आनन्द देती है वहीं उससे तत्काल सद्फल भी प्राप्त होता है ।

“और मनोरथ जो कोई लावे
सोई अमित जीवन फल पावे ।”

हनुमान जी की कीर्ति तीनों लोकों में है , उनके लिए संसार का कोई कार्य असंभव नहीं है

” जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
जय कपिस तिहुं लोक उजागर ”

हनुमान जी के रूप की प्रशंसा करते हुए उल्लेख है:
“कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुण्डल किंचित केसा ”
याने आप सुनहरे रंग, सुन्दर वस्त्रों , कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं ।
हनुमान जी शंकर जी के अवतार हैं, इसी कारण उनमें महान पराक्रम और यश है, इसीलिए सम्पूर्ण जगत उनकी निरंतर वन्दना करता है :
” शंकर सेवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन ”
हनुमान जी अपने स्वामी श्री राम की सेवा में सदा तत्पर रहते हैं , इसी कारण वह राम जीऔर माता सीता के परम प्रिय है :
“लाय संजीवन लखन जियाये
श्री रघुवीर हरषि उर लाये ”

” अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बीर दीन जानकी माता”

हनुमान जी के राम भक्तिभाव के गुण के कारण देव, दानव, मानव सभी उनके गुणों का बखान करते हैं
” सनकादिक ब्रहमादि मनीषा
नारद , सारद सहित अहीसा ”
हनुमान जी ने नि:स्वार्थ भाव से राम भक्ति की है और मानव जीवन का मार्गदर्शन किया :
” तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राजपद दीन्हा। ”
हनुमान जी ने विभीषण को भगवान राम की शरण में स्थान दिलवाया और राजपद दिलवाया ।
हनुमान जी की शरण में जो भी मनुष्य आता है, वह परम आनन्द प्राप्त करता है, क्यों कि फिर उसे संसार में किसी का डर नहीं रहता है
” सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काजू को डरना ”

हनुमान जी के स्मरण से भूत पिशाच का भय दूर हो जाता है ।

“भूत पिशाच निकट नहीं आवें
महावीर जब नाम सुनावे ।
हनुमान जी की अराधना करने से मानव में साहस, पराक्रम, निडरता आती है क्योंकि हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं
” साधु संतों के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे ।”
हनुमान चालिसा का महात्म्य ऐसा है कि जो भी नियमित इसका पाठ करता है उसे सभी स्थानों पर सफलता मिलती है और वह सब बंधनों से छूट जाता है ।
हर व्यक्ति को निष्काम भाव से प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए ।
आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने और उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने हेतु प्रेरित करना चाहिए ।
क्योकि तुलसीदास जी ने लिखा भी है :
” जो यह पढ़े हनुमान चालिसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजिए नाथ हृदय महं डेरा”

कलयुग में जीवन से तरने और मोक्ष प्राप्त करने का सरल , सर्वमान्य उपाय हनुमान आराधना है ।

लेखक
संतोष श्रीवास्तव

Language: Hindi
19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
चंदा मामा से मिलने गए ,
चंदा मामा से मिलने गए ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
महान् बनना सरल है
महान् बनना सरल है
प्रेमदास वसु सुरेखा
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
*Author प्रणय प्रभात*
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"फिकर से जंग"
Dr. Kishan tandon kranti
While proving me wrong, keep one thing in mind.
While proving me wrong, keep one thing in mind.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चाँद बहुत अच्छा है तू!
चाँद बहुत अच्छा है तू!
Satish Srijan
मुस्कुराना जरूरी है
मुस्कुराना जरूरी है
Mamta Rani
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
कुछ भी रहता नहीं है
कुछ भी रहता नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
*रणवीर धनुर्धारी श्री राम हमारे हैं【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
ruby kumari
प्रणय 10
प्रणय 10
Ankita Patel
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुश्ती दंगल
कुश्ती दंगल
मनोज कर्ण
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जब बहुत कुछ होता है कहने को
जब बहुत कुछ होता है कहने को
पूर्वार्थ
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
साथ
साथ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
पिता संघर्ष की मूरत
पिता संघर्ष की मूरत
Rajni kapoor
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...