संजीवनी गुप्ता 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीवनी गुप्ता 16 Dec 2025 · 1 min read सुकून हर बज़्म से दूर हूं, हर नज़्म से दूर हूं, हर अफसाने से दूर हूं। तन्हाई के बाहों में बैठा हर शोर से दूर हूं, हर चाहत से दूर हूं,... Hindi · कविता 15 Share संजीवनी गुप्ता 7 Oct 2025 · 1 min read गिरिराज हिमालय अटल, अभेद्य, अदम्य हिमालय, अचल, आगम, आशीष हिमालय। दुस्साहसी, दुर्गम, दुर्गेश हिमालय, अजिंक्य, अलंकृत किरीट हिमालय। शिवालिक, हिमाचल, हिमाद्रि श्रृंखला, सुरम्य, सुजल, श्वेत हिम माला। डमरू, त्रिशूल, कैलाश हिमालय, पावन,... Hindi · कविता 4 167 Share संजीवनी गुप्ता 24 Sep 2025 · 1 min read बेटियां कभी अधीर, कभी गंभीर; कभी शोख, कभी अल्हड़। कभी नाराज़, कभी खुश; कभी रूठी, कभी राजी। पल में शोला, पल में शबनम; बेटियां तो ऐसी ही होती हैं। होठों पर... Hindi · कविता 4 2 115 Share संजीवनी गुप्ता 13 Sep 2025 · 1 min read हिंदी का आलोक भारत मां के आँखों की अंजन, भाषा जो अति निरंजन। अलख ज्योति ज्ञान की, सकल प्रिया जनमानस की। अथाह ज्ञान हो ऋषियों का, दर्शनशास्त्र हो विद्वानों का। या गूढ़ रहस्य... Hindi · कविता 2 110 Share संजीवनी गुप्ता 10 Sep 2025 · 1 min read प्रकृति का प्रकोप वसुधा का सुरम्य श्रृंगार, प्रकृति का अद्भुत अलंकार। देवताओं का रूप साकार, विशाल, विराट, विहंगम, धराधर। सुगम बनाने पहाड़ को, मशीनों की दहाड़ को। लेकर आदमी आया शहर से, बरपाया... Hindi · कविता 2 111 Share संजीवनी गुप्ता 23 Jul 2025 · 1 min read तमन्ना नगमा-ए-हिन्द जब लबों पर हो, तमगा-ए-हिन्द जब सीने पर हो। जुनून-ए-हिन्द जब जज्बा हो, उल्फत-ए-हिन्द जब आरजू हो। हसरतें नहीं किसी की आशिकी की, फितरतें जब हों तलवारों की। राह... Hindi 4 4 154 Share संजीवनी गुप्ता 14 Jun 2025 · 1 min read बेबसी बात हंसते हुए हुई थी, बात सफर की हुई थी, बात मंजिलों की हुई थी, बात ख्वाबों की हुई थी, बात जीत की हुई थी, बात जश्न की हुई थी,... Hindi · कविता 1 150 Share संजीवनी गुप्ता 24 Apr 2025 · 1 min read वेदना शहनाई की गूंज यूं बंदूकों के साये में सहम जायेगी, सोचा न था। सिंदूरी शाम इस कदर स्याह रातों में बदल जायेगी, सोचा न था। लबों की मुस्कुराहट खामोश सिसकियों... Hindi · कविता 2 155 Share संजीवनी गुप्ता 8 Mar 2025 · 1 min read पहचान शेरनी की हुंकार हूं, पायल की झंकार हूं। सुंदरता की मूरत हूं, मर्दानी की सूरत हूं। फूलों की रंगत हूं, सुर ताल की संगत हूं। फिज़ा में फैली इत्र हूं,... Hindi · Poem 2 166 Share संजीवनी गुप्ता 24 Sep 2024 · 4 min read पटरी पटरी! हां, रेल की पटरी। कभी आड़ी, कभी तिरछी तो कभी सीधी। देश के महानगरों, शहरों और अन्य भू - भागों को जोड़ती हुई नदी-नालों और खेतों से गुजरती हुई... Hindi · कहानी 3 258 Share संजीवनी गुप्ता 17 Aug 2024 · 1 min read बस एक कहानी ..... कहानी है यह -- एक सपने की, एक हौसले की, एक उड़ान की। कहानी है यह -- एक भावना की, त्याग और समर्पण की, एक मर्म हृदय की। कहानी है... Hindi · कविता 7 4 270 Share संजीवनी गुप्ता 15 Jul 2024 · 1 min read फितरत यूं रंग बदलती फितरत देख इंसा की, गिरगिट भी एक बारगी शर्मा जाए। रहबर समझ अपना जिसका थामा हाथ, वही निकला आस्तीन का सांप। अपनी खुद की फितरत जानवरों में... Hindi · कविता 4 4 295 Share संजीवनी गुप्ता 5 May 2024 · 1 min read फकीरा मन बन फकीरा घूमे मन इधर - उधर, पीर पराई सबकी मांगे ये उधार, रोक ना इसे, इसमें कर सुधार। संवेदनशील हृदय पी हलाहल कहलाये शिवाय, तन बने शिवालय, मन देवालय।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 258 Share संजीवनी गुप्ता 2 May 2024 · 1 min read संवेदना भावनाओं का अंबार है मानव, राग, द्वेष, हिंसा का गुबार है मानव। खंगाले जरा खुद के भीतर तो, संवेदनाओं का विस्तार है मानव। भरते हुए विभिन्न प्रकार की भावनाएं, उकेरा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 223 Share संजीवनी गुप्ता 28 Mar 2024 · 1 min read सच की मौत कहते हैं झूठ के पांव नहीं होते, फिर भी वह जड़ें जमाने की कोशिश करता है। बार – बार पकड़े जाने पर भी, सच पर एक नया इल्जाम लगा कर,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 282 Share संजीवनी गुप्ता 28 Mar 2024 · 1 min read सत्य चला .... कुछ जगा – जगा सा है, कुछ थका – थका सा है। सब धुआं – धुआं सा है, बादलों में छिपे सूरज की तरह, सत्य आज ढका – ढका सा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 347 Share संजीवनी गुप्ता 12 Jan 2024 · 1 min read नवचेतना सघन अंधियारी रात है, घोर सन्नाटा साथ है। गहरी नींद तज जाग हे युवक, धरा पर विपदा आन भारी है। तू अटल, तू अभेद्य, तू अंगारा, फिर क्यों तुझमें घोर... Hindi · कविता 1 388 Share संजीवनी गुप्ता 13 Nov 2023 · 1 min read पथिक मुझसे है पर मेरा नहीं। तू रचना सृष्टि की, तू अंश ईश्वर का, तू गीत अपनी अधरों का, तू ताल अपनी लय का, तू चिंतन अपनी मानस का। उंगली पकड़... Hindi · कविता 19 16 518 Share संजीवनी गुप्ता 29 Sep 2023 · 1 min read हमारी लता दीदी हर गुरूर से दूर तू, भारत का इक नूर तू। रोशन हुआ दिल का चिराग, तपिश ऐसी तेरी आवाज की। खुमारी न उतरी आज तक, सुरूर ऐसी तेरी आवाज की।... Hindi · कविता 7 461 Share संजीवनी गुप्ता 25 Sep 2023 · 1 min read विनायक की विनय स्वीकार निमंत्रण सहर्ष तुम्हारा, पहुंचा मैं तुम्हारे द्वार। तोड़ अपनी गुल्लक, तोड़ अपनी जमापूंजी, किया तुमने मेरा आदर और सत्कार। सजाया मंडप, चढ़ाया प्रसाद, बनाये नाना प्रकार के पकवान, और... Hindi · कविता 5 2 359 Share संजीवनी गुप्ता 14 Sep 2023 · 1 min read हिंदी भारत है एक, भाषाएं अनेक, जैसे रिश्तों में चाची, मामी, मौसी, ताई, पर मां तो मां होती है। सभी आदरणीय, सभी हमें स्मरणीय, पर मां तो पूज्यनीय होती है। सभी... Hindi 4 2 214 Share संजीवनी गुप्ता 13 Aug 2023 · 1 min read तिरंगे की व्यथा आजादी का पर्व है, पर आज नहीं गर्व है। सर नहीं झुका सलामी में, झुका है यह बदनामी में। तिरंगा पूछे सवाल है, सूझता नहीं जवाब है। पहुंचाया मेरी शान... Hindi · कविता 4 4 394 Share संजीवनी गुप्ता 25 Jul 2023 · 1 min read ये दिल मांगे मोर लम्बी काली स्याह रातें, गुज़र जाती हैं आंखों में। वो पल - पल खतरा झेलते हैं, लम्हा - लम्हा हमारा सुरक्षित करते हैं। कतरा - कतरा ख़ून का दे, शहीद... Hindi · कविता 5 2 318 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jul 2023 · 1 min read इल्जाम रिश्तों के रिश्तों के चौराहे पर, तोहमतों के अंबार पर खड़ा हूं। भाई ने इल्जाम लगाए सो लगाए, लगाए इल्जाम पिता ने भी। पत्नी ने इल्जाम लगाए सो लगाए, लगाए इल्जाम मां... Hindi · कविता 3 359 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read कुछ तो है कुछ तो है वरना यूं ही नहीं महफिलों में तेरी नामौजूदगी में तेरा ज़िक्र होता और तेरी मौजूदगी में तुझे छिप कर देखना होता। कुछ तो है वरना यूं ही... Poetry Writing Challenge · कविता 2 346 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read रातें रात अभी जवान है, बीत गई शराब और शबाब में,। रात अभी जवान है, बीत गई आहें भरने और तारे गिनने में। रात अभी जवान है, बीत गई थपकियों और... Poetry Writing Challenge · कविता 3 229 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read तलाश तलाश में निकला है हर मनुष्य यहां तलाश किसी को रोटी की, तो किसी को आशियाने की। तलाश किसी को अपनों की, तो किसी को सपनों की। तलाश किसी को... Poetry Writing Challenge · कविता 4 4 356 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read विश्वासघात सांस टूटी तो क्या टूटी, असल में टूटा वह विश्वास जो हर सांस के साथ था। घात लगाकर विश्वासघात करना तो गैरों की फितरत है, विश्वास जीत कर घात करना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 336 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read सवाल कर सवाल कर, उंगलियां उठें तो उठें, सवाल कर, आंखें लाल दिखायें तो दिखायें, सवाल कर, तेरी नियत पर शक हो तो हो, सवाल कर, तेरी इज्जत की धज्जियां उड़े तो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 306 Share संजीवनी गुप्ता 13 Jun 2023 · 1 min read ख्वाहिश नज़रों की प्यास है, तुझे देखने की आस है। दूरियां नज़दीकियां बन जाएं, आज चाह यही राहों की भी है। दिल की धड़कनें बेताब हैं, यह शोर आज़ बादलों में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 407 Share Page 1 Next