संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: कविता 319 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 May 2022 · 1 min read मजदूर_दिवस_पर_विशेष #मजदूर_दिवस_पर_विशेष मजदूर 🌾🌾🌾 शिव शंकर के जैसे हर दिन विष का पान ही करता है, परिस्थिति हो चाहे जैसी हर विपदा से लड़ता है। कड़ी धूप में धू - धू... Hindi · कविता 4 3 527 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Apr 2022 · 1 min read देखो! पप्पू पास हो गया देखो! पप्पू पास हो गया। ________________________ घर बाहर अब खास हो गया। देखो! पप्पू पास हो गया। मम्मी पापा को वह भुला। चला ब्याहन बना वो दूल्हा। सास ससुर का... Hindi · कविता 2 839 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Dec 2021 · 1 min read राधा सम तुम प्रीत हमारी। राधा सम तुम प्रीत हमारी। रूप सुघर तन मादकता की, लगती हो फुलवारी। कुन्तल कारे मेघ सरीखे, चितवन है मतवारी। रूप - रंग तेरे निज मन की, पीर मिटाये सारी।... Hindi · कविता 2 436 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Nov 2021 · 1 min read महंगाई के मार महंगाई के मार (भोजपुरी कविता)......... *************************** ऐह दीवाली सगरो हमें अंहार दिखेला। महंगाई के मार महंग समान मिलेला।। सबका हमसे रहला हरदम बहुते आशा लाख जतन करके भी हमरा मिलल... Bhojpuri · कविता 2 578 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Sep 2021 · 1 min read राजनेता #हास्य_व्यंग्य:- राजनेता ````````````````````````````````````````````````````````` रंग बदलते गिरगिट जैसे, मेढक ये बरसाती। बाप मान लें गदहे को भी, शर्म इन्हें न आती।। जनाधार के खातिर करते, जन की खातिरदारी। पाँच वर्ष न... Hindi · कविता 2 1 722 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Jul 2021 · 1 min read शिव स्तुति दिनांक :- १८/०७/२०२१/ दिन :- रविवार ।। शिव स्तुति ।। =================================== नमो विधाता भय नाश कर्ता। नमो पिनाकी दुख शोक हर्ता। नमो कपाली धन धान्य दाता। नमो महादेव सुभाग्य दाता।... Hindi · कविता 4 4 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2021 · 1 min read बरसाती विरह दुर्मिल सवैया में 24 वर्ण होते हैं। छंद के पद आठ सगणों यानि सलगा यानि लघु लघु गुरु या ।।ऽ से बनते हैं। यानि, दुर्मिल सवैया = सगण X 8... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 6 591 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 14 May 2021 · 1 min read निवर्तमान चित्रण (भोजपुरी) आयोजन-छन्द कार्यशाला छन्द-रोधेश्यामी/मत्त सवैया ***************************** आफत बिपत कुफूत घेरलस, जगत में बढ़ल आज झमेला। तरु काट आफत के नेवता, देखीं अब कुदरत के खेला। आक्सीजन के मारा मारी, प्रदुषित सब... Hindi · कविता 3 507 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 May 2021 · 1 min read कष्ट हरो प्रभु (भोजपुरी मत्तगयंद सवैया) विधा:- मत्तगयंद सवैया विधान:- भगत ×७ + गुरु गुरु ___________________________________ छंद- ०१ राम रमापति नाथ उमापति कष्ट हरीं जन के त्रिपुरारी। टूटत बा अब आज मनोबल दूर करीं भय हे!... Hindi · कविता 2 462 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Apr 2021 · 1 min read करोना से मुक्ति मनुहार (मत्तगयंद सवैया) भोजपुरी आज गुहार करे भगता धर ध्यान कहे प्रभु लाज बचाईं। व्याधि हरीं हरि कोविड के मनु प्रान हरीं जिन आज बचाईं। देश दशा सब रूद्ध दिखे जन शोक हरीं सब... Hindi · कविता 3 438 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Apr 2021 · 1 min read परिणय बंधन मन मंदिर में तुझे बिठाकर, प्रेम पुष्प बरसाऊँगा। प्राणप्रिया इस उर आलय की, देवी तुम्हें बनाऊँगा।। पावन बंधन है परिणय का, आँच नहीँ आने दूँगा। डगर कठिन चाहे हो जितनी,... Hindi · कविता 3 3 327 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Apr 2021 · 1 min read मत्तगयंद सवैया (बेवफा) #विधा ? मत्तगयन्द सवैया , सम वर्ण वृत्त या वार्णिक छन्द है। प्रत्येक चरण में ७ भगण(२११) और दो गुरु के क्रम से २३ वर्ण होते हैं। ... ... रचना... Hindi · कविता 1 392 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Apr 2021 · 1 min read तंत्री छंद (बेलगाम सपने) #विधा ? तंत्री छंद ... ...रचना... ... बेलगाम है, सपने अपने, कस लगाम, अब मिलना क्या है ? बेलगाम ही, चलते जाना, ख्वाब बिना, फिर झिलना क्या है ? खुले... Hindi · कविता 1 677 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Apr 2021 · 1 min read किरीट सवैया (पादप) #विषय ? #शाखी #विधा ? किरीट सवैया वर्णिक छंद- (8 भगण) 211*8 =24 वर्ण मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 211 .... रचना ? _________________ ०१ _________________ पादप... Hindi · कविता 1 420 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Mar 2021 · 1 min read मत्तगयंद सवैया #दिनांक ? २६ / ०२ / २०२१ #विधा ? मत्तगयन्द सवैया , सम वर्ण वृत्त या वार्णिक छन्द है। प्रत्येक चरण में ७ भगण(२११) और दो गुरु के क्रम से... Hindi · कविता 3 3 394 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2021 · 1 min read सरस्वती वंदना दिनांक-०४~०३~२१ प्रस्तुत है पञ्च चामर छंद में सरस्वती वंदना मापनी-१२ १२ १२ १२ १२ १२ १२ १२ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ #सरस्वती_वंदना नमामि मातु मालिनी, नमामि विन्ध्यवासिनी | भजामि मातु भोगदा, नमामि मोह... Hindi · कविता 2 2 552 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Feb 2021 · 1 min read हाय री ! वोट हाय री ! वोट छंद:- १ भाग रहे सब मांग रहे सब वोट कि खातिर जाग रहे है। जोह रहे कुछ टोह रहे कुछ नेह सहोदर ताग रहे है। छूट... Hindi · कविता 6 3 327 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Feb 2021 · 1 min read पिय को पाती मत्तगयंद सवैया विधान = भगण X 7 +गुरु+गुरु पिय को पाती छोड़ि गये किस कारण से अब ढूंढ रही अँखिया दिन राती। भूल गये परदेश बसे यह सोच सदा धड़के... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 51 85 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Jan 2021 · 1 min read महाभुजंगप्रयात सवैया ( विडम्बना) विधान महाभुजंगप्रयात सवैया 24 वर्णों का छन्द कहा जाता है, यह छंद आठ यगणों (122) के द्वारा लिखा जाता है। इसे भुजंगप्रयात छंद का दुगुना छन्द कहा जाता है तभी... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Jan 2021 · 1 min read प्रणम्य आदिशक्ति 122 122 122 122 भवानी नमो शाम्भवी देवमाता। भवानी नमो विक्रमा सर्व ज्ञाता। भवानी नमो चित्तरूपा अनन्ता। भवानी नमो ताप हर्ता नियन्ता।। भवानी नमो सर्वविद्या कराली। चिता एककन्या जया भद्रकाली।... Hindi · कविता 5 4 432 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Dec 2020 · 1 min read पञ्चचामर छंद #पञ्चचामर_छंद (वार्णिक) १२१ २१२ १२१ २१२ १२१२ रहे सुखी सभी यहाँ प्रसन्नता अथाह हो। विहान प्रेम का खिले यही महान चाह हो।। समानता मिली नहीं विपन्नता विचार में। विकार ही... Hindi · कविता 1 1 336 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना का प्रतिकार कोरोना का प्रतिकार ------------------------------------------------ कोरोना का कहर मिटाने , सब मिल प्रण दुहराना जी। दूर रहो इक दूजे से पर, मिलकर इसे हराना जी।। मिला दिवस माँ अम्बे का नव,... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 52 73 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2020 · 1 min read मत्तगयंत सवैया (श्रृंगार वियोग) रस:- श्रृंगार ( वियोग ) विधा :- मत्तगयंद सवैया = भगण X ७ +गुरु+गुरु ------------------------------------------------------------------------ रचना ( ०१ ) कोमल अंग उमंग भरा, मन साजन को खलनायक माने। दग्ध हुई... Hindi · कविता 1 3 984 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2020 · 1 min read मत्तगयंत सवैया (वीर रस) रस का नाम :- वीर रस विधा :- मत्तगयंद सवैया = भगण X 7 +गुरु+गुरु --------------------------------------------------------------------------- रचना ( ०१ ) धैर्य धरे कछु होत नहीं रिपु रक्त बहा कर राष्ट्र... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2020 · 1 min read मत्तगयंत सवैया विधा:-– मत्तगयंद छंद सवैया [विधान:- मत्तगयंद सवैया – 7 भगण तथा अंत में 2 गुरु ] ===================================== 【रचना】 ( ०१ ) नाम अनेक धरे जग पालक, देख रहे सब पुण्य... Hindi · कविता 1 550 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2020 · 1 min read उपेन्द्रवज्रा छंद (शिव स्तुति) विद्या :- उपेन्द्रवज्रा छंद विषय :- शिव स्तुति ===================================== 【रचना】 नमो विधाता भय नाश कर्ता। नमो पिनाकी दुख शोक हर्ता। नमो कपाली धन धान्य दाता। नमो महादेव सुभाग्य दाता। वृषांक... Hindi · कविता 1 434 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 23 Sep 2020 · 1 min read तिलका छंद तिलका छंद ११२, ११२ (सगण, सगण) ------------------- शिव नाम हरे। प्रभु धाम हरे। शिव शंकर हे। प्रलयंकर। हे।। जग पालक हो। तुम चालक हो। भय नाश करो। उर वास करो।।... Hindi · कविता 3 282 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Sep 2020 · 1 min read किरीट सवैया छंद- किरीट सवैया वर्णिक छंद- (8 भगण) 211*8 =24 वर्ण = 32 मात्रा मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 211 ________________________________________ (०१) मात महान धरा पर शोभित, वंदन... Hindi · कविता 4 4 2k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Sep 2020 · 1 min read प्रार्थना #मदिरा सवैया विधान:- सात भगण(भानस) और एक गुरु ,और 12-10 पर यति 211 211 211 211, 211 211 211 2 #छंद:- ०१ नाथ सहाय सदा रहना सर, हाथ रखो हर... Hindi · कविता 2 1 240 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Sep 2020 · 1 min read चमन बिक रहा है। ख़रीदो - ख़रीदो चमन बीक रहा है। ---------------------------------------------- ख़रीदो ख़रीदो चमन बिक रहा है। पुरातन का सारा चलन बिक रहा है। कबूतर ये तीतर ये कोयल बिकाऊ। बिकेगा सभी कुछ... Hindi · कविता 1 1 263 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Sep 2020 · 1 min read छवि है सलोनी श्याम की छवि है सलोनी श्याम की। सीता रमण श्री राम की। जो देख भवबाधा टरे। इनसे सभी दुख हैं डरे।। तस्वीर इनकी बोलती। प्रारब्ध के पट खोलती। छवि है मनोहर साँवला।... Hindi · कविता 2 1 429 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Sep 2020 · 1 min read महंगाईके मार (भोजपुरी कविता) महंगाई के मार.......... (भोजपुरी कविता)......... ऐह दीवाली सगरो हमें अंहार दिखेला। महंगाई के मार महंग समान मिलेला।। सबका हमसे रहला हरदम बहुते आशा लाख जतन करके भी हमरा मिलल निराशा... Hindi · कविता 3 1 350 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Sep 2020 · 1 min read घनाक्षरी #वर्तमान_परिदृश्य ज्येष्ठ संग लघु भाई, बांट दिए बाप माई। गोद में खुदी है खाई, कैसी घड़ी आई है।। बहना विलाप करे, कटे बृक्ष हरे- भरे। जड़ इस टूट की तो,... Hindi · कविता 2 1 263 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Sep 2020 · 1 min read भयानक रस विधा :- गीत ( १६/१६ ) प्रदत्त रस:- भयानक रस अशोक वाटिका में हनुमान को सबकुछ तहस नहस करता देख भय से भयग्रस्त सैनिक एवं लंकापति रावण का संवाद सैनिक:-... Hindi · कविता 3 1 397 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Sep 2020 · 1 min read पंचचामर छंद #छंद_पंचचामर ( एक प्रयास ) मापनी- 121 212 121 212 121 2 वाचिक मापनी- 12 12 12 12 12 12 12 12 -------------------------------------------------------- करे महान कार्य जो, वहीं रहे सदा... Hindi · कविता 5 2 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jun 2020 · 1 min read किरिट सवैया विश्व पर्यावरण दिवस की आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह। मान रहे हर बात नहीं तुम, जान रहे यह काम भयावह।... Hindi · कविता 8 7 429 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jun 2020 · 1 min read मत्तगयंद सवैया दोस्तों बहनों का सदैव स्वागत है बहना मन की अति सुंदर, कोमल है व्यवहार निराला। मान लिया लड़ती मुझसे पर, प्रेम मिला उससे अति आला। अग्रज हूँ यह धर्म निभे... Hindi · कविता 5 3 268 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jun 2020 · 2 min read क्या पता कल रहें ना रहें--------!! #क्या_पता_कल_रहें_न_रहें........!! _____________________________________ मित्रों हम चले जायेंगे। शायद ! जी हाँ शायद सबको याद भी आयेंगे ? पर मैं चाहता हूँ, ह्दय से मानता हूँ, याद अच्छे कृत्य कर आना, अच्छा... Hindi · कविता 5 6 317 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jun 2020 · 1 min read सुमुखि सवैया #प्रियतमा_द्वारा_मनुहार सुमुखि सवैया = जगण X 7 + लघु + गुरु या, । ऽ। । ऽ। । ऽ। । ऽ। । ऽ। । ऽ। । ऽ। । ऽ ( ०१... Hindi · कविता 4 2 2k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Feb 2020 · 1 min read चौपाई (राजनीति आज की) राजनीति (आज की) _______________________ धन चाहो बनना जननायक। राजनीति अब है सुखदायक।। जो जन गिरगिट सम बन जाता। राजनीति में नाम कमाता।। दोष सभी क्षण में हर लेती। धन से... Hindi · कविता 4 1 643 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Feb 2020 · 1 min read कीर्ति छंद विधा :- कीर्ति छन्द दिनांक :- ७/२/२०२० दिन :- शुक्रवार *********************** कीर्ति छंद विषय - " नेता " दशाक्षर वर्ण बृत्त मात्रिक विन्यास सगण सगण सगण गुरु I I S... Hindi · कविता 3 510 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Feb 2020 · 1 min read चौपाई हे गिरधारी कृष्ण मुरारी। नाग नथैया वंशीधारी।। यमुना तट तुम गाय चराये। चोरी कर ब्रज माखन खाये।। राधा के तुम नटवर नागर। दुखहर्ता प्रभु सुख के सागर।। नन्दलाल प्रभु हे... Hindi · कविता 4 417 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 31 Dec 2019 · 1 min read गीतिका छंद गीतिका छंद 2122 2122 2122 212 या ला ल लाला / ला ल लाला / ला ल लाला / लालला माँ तुम्हारे प्यार की हर, वो कहानी याद है। कष्ट... Hindi · कविता 2 1 580 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read अमर्ष (क्रोध) #विषय--- #अमर्ष का समानार्थी #क्रोध **************************** नवीन एक शोध कर। शत्रु पे तू क्रोध कर। रक्त में रहे उबाल। शत्रु से करो सवाल। कुरीति का विरोध कर। शत्रु पे तू... Hindi · कविता 2 246 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read जीवन चक्र जीवन चक्र (कविता) जन्म मरण जीवन का पहिया, नित्य यहाँ पर चलता है। बात सत्य यह कालचक्र भी हमसे हरपल कहता है। जन्म मरण के बीच का जीवन बचपन, प्रौढ़,... Hindi · कविता 1 464 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read भुजंगप्रयात छंद भुजंगप्रयात छंद १२२ १२२ १२२ १२२ जिये जा रहा हूँ, अकेले, अकेले। सिये जा रहा हूँ, अकेले, अकेले।। नहीं . एक साथी, न कोई सहारा। बता भाग्य कैसे, लिखा है... Hindi · कविता 1 698 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Nov 2019 · 1 min read भुजंगप्रयात छंद भुजंगप्रयात छंद १२२ १२२ १२२ १२२ शुचे ! पास मेरे, कथाएँ पड़ी हैं। निशानी तुम्हारी, व्यथाएँ पड़ी हैं।। हरे वक्ष के है,अभी घाव सारे। मिले थे, मुझे जो, तुम्हारे सहारे।।... Hindi · कविता 1 512 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2019 · 1 min read कहाँ गये वो दिन विषय--चाय ************************** कहाँ गये वो दिन? ^^^^^^^^^^^^^^^^^ वो दिन भी कितने सुन्दर थे। हम तुम जब साथ में रहते थे। हाथों में चाय की प्याली ले- मन की बातों को... Hindi · कविता 500 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Sep 2019 · 1 min read विजात छंद ???प्रार्थना??? ************************ प्रभु मेहमान बन आओ। साक घर मेरे भी खाओ।। विदुर के घर गये थे तुम। चखे थे बेर सबरी तुम। अहिल्या तार आये थे। दैत्य संहार आये थे।... Hindi · कविता 427 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read मनोरम छंद #छंद - मनोरम #विधान - 【२१२२ २१२२】 ******************************** मीत मन के द्वार खोलो। प्रेम से कुछ यार बोलो।। साथ जो मिल जाय तेरा। सुख भरा हो फिर सबेरा।। उर भरा... Hindi · कविता 1 274 Share Page 1 Next