Priya Maithil 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priya Maithil 16 May 2022 · 2 min read बुद्ध या बुद्धू हम लोग क्षुब्ध होते हैं...मुग्ध होते हैं.. क्रुद्ध होते है..बस बुद्ध नहीं हो पाते.. एक बूढ़ा आदमी ..एक शव ..एक बीमार आदमी..लगभग रोज देखते हैं लेकिन हमारी बुद्धि प्रबुद्ध नही... Hindi · लेख 10 10 852 Share Priya Maithil 7 Oct 2018 · 1 min read आरक्षण बहुत हो चुका हो हल्ला अब तो मन की गांठें खोलो.. सब में ही गुण है प्रतिभा है.. इन्हें आरक्षण से मत तौलो इन भारत बन्द के खटको से.. हो... Hindi · कविता 3 565 Share Priya Maithil 24 Oct 2018 · 2 min read भारतीय लोकतान्त्रिक चुनाव प्रणाली में युवाओं की भूमिका भारतीय लोकतान्त्रिक चुनाव प्रणाली अर्थात जनता का ,जनता द्वारा, जनता के लिए शासन!! किन्तु आज हमारे जनप्रतिनिधि अपने "मन के प्रतिनिधि" बनकर अपने स्वार्थ साधन में लगे हुए है! ये... Hindi · लेख 6 5 572 Share Priya Maithil 2 Oct 2018 · 2 min read सच्ची श्रद्धांजलि अक्टूबर २०१८ #प्रिया मैथिल हाथ में लाठी, तन पे लंगोटी...दुबला -पतला शरीर, साधारण कद - काठी .....किन्तु कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि साधारण चेहरे मोहरे वाला ये असाधारण... Hindi · लेख 1 432 Share Priya Maithil 18 Aug 2019 · 1 min read कविता झूठ नहीं होती तुम जो लिखती हो वह झूठ है वृक्ष - सा दिखता महज एक ठूंठ है, किन्तु झूठ लिखा नहीं जा सकता,_" कहा मैने!" सागर गागर में समा सकता है! गूंगा... Hindi · कविता 2 2 483 Share Priya Maithil 16 Sep 2018 · 1 min read गोरा रंग गोरे रंग रूप पे मिटी हुई - सी सारी दुनियादारी है....!! ये कैसी आधुनिकता है...?!! ये कैसी समझदारी है....?!! माना कि प्राचीनकाल से ही ... सौंदर्य पे कविता भारी है....... Hindi · कविता 2 499 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 2 min read किसान उड़ाते है मखौल बुजदिली का मेरी... ये जो तमाशबीन बने बैठे है सियासत में तेरी.. कायर तो नहीं हूं...पर मजबूरियों से थक चुका हूं... अपनी टूटी उम्मीदें इन बाजारों में... Hindi · कविता 4 5 447 Share Priya Maithil 21 May 2019 · 1 min read करना है जो वो कर ही चले... करना है जो वो कर ही चलें, बातों से मन बहलाये क्यों... छोटी - छोटी भूले भूलें, इनको बेकार बढ़ाएं क्यों... कुछ घर मिट्टी ही रहने दें, हर घर को... Hindi · कविता 2 4 483 Share Priya Maithil 17 Aug 2018 · 2 min read देश की #धड़कन अपने जीवन को दांव लगा, हर पल आहुति देते हैं! अपनी खुशियों की बलि चढ़ा, ना जाने क्या-क्या सहते हैं! है उनके दिल में भारत मां ... वे मां के... Hindi · कविता 3 420 Share Priya Maithil 19 Dec 2018 · 1 min read मेरा क्या मुझमें बतलाना? जो दिया तुम्हीं से था पाया.. कब खुदको ऊंचा दिखलाया.. कब तोड़ के डोरी "मर्यादा" मन मेरा खुद पे भरमाया... मैंने तो इन अवसादों से.. सीखा है गम में मुस्काना...... Hindi · कविता 1 449 Share Priya Maithil 14 Sep 2019 · 1 min read हिन्दी सूर्य हमारा है अलंकार और रस से सज्जित, प्यारी भाषा हिंदी है। भाव अनेक समाहित जिसमें, विस्मयकारी हिंदी है। संस्कृत से उत्पन्न हुई है, कालजयी एक तारा है। वैदिक युग से बहती आये,... Hindi · कविता 6 1 412 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read चुनना केवल तुमको है "चुनना केवल तुमको है"" है टूट रहे नित- नियम अनेकों, उनका तुम यलगार करो.. क्षण- क्षण को बटोरो जीवन में, या खुल कर तुम बर्बाद करो.. यह तिक्त- मधुर गाथा... Hindi · कविता 2 2 446 Share Priya Maithil 10 Dec 2021 · 6 min read कंपीटीशन की तैयारी ( ये लेखिका के व्यक्तिगत विचार हैं,इसका किसी भी जीवित एवम मृत व्यक्ति से पूरा - पूरा संबंध है?) तैयारियां कई किस्म की होती है, कई किस्म से होती हैं,तैयारी... Hindi · लेख 5 4 400 Share Priya Maithil 11 Nov 2018 · 1 min read जटिलता हृदय बड़ा उद्विग्न है.. सना हुआ है विघ्न में.. बड़ी विकट पड़ी घड़ी.. हूं तक रही खडी खड़ी.. है आज मौन खुद "धरा".. है किस जगह मेरी #धरा ये किस... Hindi · कविता 3 2 377 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read निर्णय कुछ शाखॆ टूट जाएगी मुरझा जाएंगी कुछ कलियां पत्तों का रंग बदल जाएगा मन भी शायद विद्रोह को मचल जाएगा सब कुछ निर्भर करता है "निर्णय"पर!! किसी की उलझी लटे... Hindi · कविता 2 2 386 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read दुर्बल तुम केवल मन से हो.. दुर्बल तुम केवल मन से हो _____________________ दुख का अपने कर के विलाप, मत हालातों को गाली दो। अपने आहत रीते मन को, मत व्यर्थ दिलासा खाली दो। है घड़ी... Hindi · कविता 4 6 343 Share Priya Maithil 8 Sep 2018 · 4 min read राष्ट्रीय हिंदी दिवस १४ सितंबर २०१८. राष्ट्रीय हिन्दी दिवस कुछ समय पहले की बात है जब मैने # यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव २०१८ में हिस्सा लिया, जो कि मध्यप्रदेश के ३०० चिंतनशील युवाओ के... Hindi · लेख 1 3 326 Share Priya Maithil 17 Aug 2018 · 1 min read मन के पन्नों में उलझी मैं.. मन के पन्नों में उलझी में, जीवन पन्ने सुलझाती हूं। खुद को समझने में निष्फल, मैं औरों को समझाती हूं। फिर कलह हुआ, लो जंग छिड़ी, खुद से ही लड़ती... Hindi · कविता 3 1 316 Share Priya Maithil 3 Apr 2020 · 4 min read मेरी मां मेरी ऊर्जा का स्त्रोत, मेरी शक्ति, प्रेरणा और मेरे स्वप्नों की पर्यवेक्षिका, मेरी मां... जब भी कभी जीवन की वास्तविकताओं से सामना होने पर कुंठा एवम् त्रासदी का बोध गहराता... Hindi · लेख 2 2 316 Share Priya Maithil 18 Dec 2018 · 1 min read रे फिर बापू मर जाते हैं!! स्वारथ की पोथी को पढ़कर, लोलुपता नभ पर चढ़कर , अपनी -अपनी ढोली ढपकर, प्रेम दया सब कुछ तजकर, जब हम निज मुख देख दरप में, तनिक नहीं सकुचाते है!... Hindi · कविता 1 1 355 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read जिस ओर उठी अंगुली जगकी.. जिस ओर उठी अंगुली जगकी उस ओर मुड़ी गति भी पग की जग के आंचल से बंधा हुआ, खिंचता आया तो क्या आया। जो टूट पड़े दुख आंगन में जो... Hindi · कविता 1 3 367 Share Priya Maithil 15 Feb 2019 · 1 min read सच्चा प्यार किसी को कैद कर लेना मोहब्बत की सलाखों में उसे ये ताड़ना देना, कि तुम हो मेरी चाहो में परखना उसकी हर एक बात में गुम हो कहीं ,तुम हो... Hindi · कविता 5 1 289 Share Priya Maithil 8 Sep 2018 · 2 min read फूल नहीं प्यारे मुझको केवल कांटे ही भाते हैं रक्त से जीवन रंजित कर ... जो तीक्ष्ण व्यथा दे जाते हैं... है फूल नहीं प्यारे मुझको... केवल कांटे ही भाते हैं!! जो दिखा मुझे मन का दर्पण कुछ कटु... Hindi · कविता 4 293 Share Priya Maithil 23 Aug 2018 · 1 min read शर्मिंदा हूं मैं हां सांसे थोड़ी कम- सी हैं .... हां आंखें थोड़ी नम- सी है... थोड़ी सी टूटी -टूटी हूं... खुद से जो रूठी -रूठी हूं ... मरे -मरे इस जीवन में...... Hindi · कविता 4 300 Share Priya Maithil 18 Jun 2019 · 1 min read मेरी आंखो का तारा नाजों से पाला था जिसको.. छूने भी नहीं दिया गम को.. हर खुशी लुटाई थी जिस पर. जीवन का एक एक पल चुनकर.. अब वो मेरा ही राजकुंवर... दिन मुझे... Hindi · कविता 2 2 258 Share Priya Maithil 10 May 2022 · 1 min read मेरी आंखों का तारा नाजों से पाला था जिसको.. छूने भी नहीं दिया गम को.. हर खुशी लुटाई थी जिस पर. जीवन का एक- एक पल चुनकर.. अब वो मेरा ही राजकुंवर… दिन मुझे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 1 255 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read मै देख रही हूं.. मै देख रही हूं, कुछ नामों को अपने अंत: स्थल से मिटते हुए.. ये नाम यहां मैंने कभी नहीं लिखे थे, किसने लिखे.. कैसे लिखे.. नहीं खबर, किन्तु मिटाना इन्हे... Hindi · कविता 2 2 248 Share Priya Maithil 21 Sep 2018 · 1 min read क्यों राह कोई आसान चुनूं मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. और शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Hindi · कविता 3 248 Share Priya Maithil 21 Sep 2019 · 1 min read विश्वाश की अंधी दौड़. विश्वास की अंधी दौड़ दौड़ता है आदमी जोड़ता है कुछ सपने,कुछ उम्मीदें उसके अपनों से मरोड़ता है तकलीफ की आंधी को मन ही मन टूटने पर भरम, कोसता है मसोसता... Hindi · कविता 1 246 Share Priya Maithil 24 Dec 2018 · 1 min read मैं कविता नहीं लिखती मैं कविता नहीं लिखती ये तो कुछ और है गहरे दरिया का छोर है अपने भीतर के दावानल को मिटाने के लिए चीखती खामोशियों का शोर है मैं कविता नहीं... Hindi · कविता 2 2 219 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... कटा के ये पर आसमां ढूंढ़ती है... इक नन्ही सी चिड़िया जहां ढूंढती है.. घटाओ के झोंको की भूखी थी वो.. अब पिंजरों में बाकी हवा ढूंढ़ती है... हर ज़र्रे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 64 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read घने तिमिर में डूबी थी जब.. घने तिमिर में डूबी थी जब.. किसने दीपक दिखलाया.. बैठी थी जब हो बेबस .. तब कहो कौन आगे आया.. अब जब राहों में खुद तारे .. तुम राह दिखाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 53 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. मंजिल खुद अश्रु - सिक्त हुई .. उर शीतलता भी तिक्त हुई .. फिर क्यों मैं मधुसम गान सुनूं क्यों राह कोई आसान चुनूं?? पूजा था जिसको बन साधक.. बन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 79 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read सारी उपमा सारी उपमा पस्त हो गई तुमको किस उपमा से जोडूं प्रिय मुझे तुम खुद से ज्यादा कभी तुम्हारा साथ न छोडूं तुम दीपक से अंधकार में हो औषध मन के... Poetry Writing Challenge-2 1 49 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब हृदय में ..छटपटा- जाती.. कोई पीड़ा पुरानी... जब रसा को मूक कर दे ..आत्मघाती कोई कहानी.. जब नयन में नीर ,,बनके तीर से गड़ने लगे, हो व्यथित जब कह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 65 Share Priya Maithil 8 Feb 2024 · 1 min read चुनना केवल तुमको है"" चुनना केवल तुमको है"" है टूट रहे नित- नियम अनेकों, उनका तुम यलगार करो.. क्षण- क्षण को बटोरो जीवन में, या खुल कर तुम बर्बाद करो.. यह तिक्त- मधुर गाथा... Poetry Writing Challenge-2 1 2 86 Share Priya Maithil 1 Mar 2024 · 1 min read मैंने कभी न मानी हार (1) *लाखो बार बुझा है दीपक* *लाखो बार मिटा है तेल* *लाखो बार कश्तियां डूबी* *लाखों बार हुई है देर* *पर सिंधु से आंख लड़ाकर* *करी हमेशा नैया पार* *मैने कभी... Hindi · कविता 3 105 Share Priya Maithil 5 Mar 2024 · 1 min read करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं... प्रेम-प्रणय के सब आमंत्रण झूठे हैं.. मन जुड़ते हैं , अपने निजी प्रयोजन से.. त्याग- समर्पण के चलचित्रण झूठे हैं... . Hindi · कविता 1 87 Share Priya Maithil 22 Mar 2024 · 1 min read मैं क्या हूं? तिमिर कण हूं या बसंती भोर हूं.. हूं समय , या समय का छोर हूं.. प्रार्थना हूं या प्रलय घनघोर हूं.. हूं अनिश्चित या तुम्हारी और हूं .. कोई अगोचर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 92 Share Priya Maithil 23 Mar 2024 · 1 min read रास्ते का फूल ना बन पाई तो.. रास्ते का फूल ना बन पाई तो .. रास्ते का खार बन कर क्या करूं.. जो ह्वदय का हार ना बन पाई तो.. फिर ह्वदय का भार बन कर क्या... Hindi · Poem 4 2 92 Share Priya Maithil 29 Mar 2024 · 1 min read तुम जाते हो। देखो,यह अवनि की छाती आज धड़कती कम सी है। देखो, यह रूई की बाती आज तड़कती कम सी है। देखो,यह अंशुमाली में आज नही है तीखा ताप। देखो, चंदा की... Hindi · Poem 3 3 90 Share Priya Maithil 13 Apr 2024 · 2 min read तुम्हारी याद..! जब तुम्हारी याद आती है मैं ढूंढती हूं तुम्हारा कोई निशान जो तुम्हारी मौजूदगी का अहसास कराए और महसूस करती हूं तुम्हारा होना यूं तो याद आना तुम्हारा, रोजगार है... Hindi · कविता 3 74 Share Priya Maithil 14 Apr 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या ...? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में हो जाता है अकसर आंखो... Hindi · कविता 6 5 92 Share Priya Maithil 29 Apr 2024 · 1 min read पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ाएं सही जाती हैं.. पीड़ा की कहानियां कही जाती हैं जिनके मुख से , परे होते हैं उसके दुख से.. भूख की पीड़ा ,भूख की नहीं, जीवन की है.. इसे... Hindi · कविता 1 34 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read लाज़िम है लाज़िम है ये भी की लब चल रहे हो बरबस पर बात कही भी न पहुंच पाती हो.. कान सुन नही रहे हो, पर अभिनय करता चौखटा हो.. पटा हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 18 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read रास्ते का फूल न बन पाई तो.. रास्ते का फूल ना बन पाई तो .. रास्ते का खार बन कर क्या करूं.. जो ह्वदय का हार ना बन पाई तो.. फिर ह्वदय का भार बन कर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 12 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read तुम जाते हो.. देखो,यह अवनि की छाती आज धड़कती कम सी है। देखो, यह रूई की बाती आज तड़कती कम सी है। देखो,यह अंशुमाली में आज नही है तीखा ताप। देखो, चंदा की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 19 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read बताओ प्रेम करोगे या …? बताओ प्रेम करोगे या …? चारों तरफ़ इश्क़ का कोलाहल है.. इश्क क्या,बड़ा सीमित,संकुचित, मौसमी बुखार सा उतरता चढ़ता रक्त में बहते हार्मोनों का असर.. वही जो पहली नजर में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share Priya Maithil 3 May 2024 · 1 min read मैं क्या हूं तिमिर कण हूं या बसंती भोर हूं.. हूं समय , या समय का छोर हूं.. प्रार्थना हूं या प्रलय घनघोर हूं.. हूं अनिश्चित या तुम्हारी और हूं .. कोई अगोचर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 21 Share Priya Maithil 5 May 2024 · 1 min read नीचे की दुनिया ऊपर से नीचे आते हुए भूल जाती है कविता चाहे जितनी ऊंचाई से शुरू हो नीचे आकर ही उतर पाएगी हृदय में, बचा सकेगी अर्थ अपने होने का ऊपर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 20 Share Page 1 Next