ईश्वर दयाल गोस्वामी 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Oct 2024 · 1 min read नवरात्रि गीत ढारतीं हैं सुगर बिटियें माई पर जल, 'मुँह-अँधेरे' । अनवरत क्रम चल रहा है, चैत्र में औ' आश्विन में ; भाव-भगतें और सेवा रात में भी और दिन में ;... Hindi · गीत 1 201 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 2 Aug 2024 · 1 min read अगर आप आदमी हैं तो / (नईकविता) अगर आप आदमी हैं तो पानी आपको भिगो नहीं सकता; आग आपको जला नहीं सकती; लेकिन हवा आपको सुखा सकती है, अगर आप आदमी हैं तो । पत्थर आपको चोटिल... Hindi · कविता 4 462 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 May 2024 · 1 min read तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत लपक कर चढ़ गया पारा पार सैंतालीस हुआ है । धधकती है नदी सूखी, उबलती है धूल,मिट्टी । चुर रहे हैं फूल पत्ते ईंट तपती तपी गिट्टी । दग्ध हैं... Hindi · गीत 5 6 386 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 May 2024 · 1 min read सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत निर्मलता का वरद उद्धरण सिय का जन्म उदार । ज्ञान,विराग, प्रेम के अंचल, खेला बचपन प्रमुदित चंचल । मात सुनयना, पिता जनक के आँगन का संसार । पति चरणों में... Hindi · गीत 4 4 222 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 May 2024 · 1 min read माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष माँ के घर न बजी कभी भी छद्म कुकर की सीटी । चूल्हे में दुख को सुलगाकर चढ़ा तवा करतब का ; धर्म-गुँथे आटे की रोटी पेट भरा दे सब... Hindi · गीत 6 10 251 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द अब लोरियाँ सुनाता है । जागकर ख़ुद मुझे सुलाता है । छींक फसती है गले में जब भी, कान कहते कोई बुलाता है । दौर चलते हैं जब भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 173 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जो भी हमने किया-धरा है । बीमारी बनकर लौटा है । हुई रश्म़ पूरी निकाह की, मग़र जिस्म आधा-आधा है । चमक रही है काल-कोठरी, छत पर अँधियारा छाया है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 140 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द की बूँद न हो रवानी में । नूर आता नहीं कहानी में । उसका हँसना मजाक ही होगा, आँख डूबी नहीं जो पानी में । मूछ सूखी पै ताव... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 135 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल रद़ीफ़ो का ही सिलसिला कहते-कहते । ग़ज़ल रुक गई काफ़िया कहते-कहते । कि संसद से सड़कों,गली औ' घरों तक, हवा थम गई वाक़या कहते - कहते । बुराई ने मुझको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 94 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल ज़िन्द़ग़ी के सुर मिलाते जाइए । बेवज़ह ही गुनगुनाते जाइए । ग़र नहीं सुनता है कोई ग़म नहीं, फालतू ही बड़बड़ाते जाइए । आइए मिलिए मग़र कुछ दूर से, यह... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 91 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जो इधर की उधर नहीं होती । बात वो पुरख़तर नहीं होती । रहनुमा की करे तरफ़दारी, छप गई , पर ख़बर नहीं होती । रोज़ मैं जार - जार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 95 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल कि इस घर के आगे मकाँ और भी हैं । अभी आपके इम्तिहाँ और भी हैं । उचित भाव से दे दो सामाँ, वग़रना हमारे शहर में दुकाँ और भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 87 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल नीलगगन जो छाया-छाया होता है । धरती ने वो बोझ उठाया होता है । भावनाएँ तो मिलती हैं पूरी लेकिन, थोड़ा-सा संकोच हटाया होता है । ख़ुद का साया तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 78 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल खौफ़ का इस कदर असर क्यूँ है ? सहमा-सहमा-सा ये नगर क्यूँ है ? लोग कटते हैं , लोग मरते हैं, मुल्क़ फिर भी अजर-अमर क्यूँ है ? जबकि फैली... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 80 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल खीझ रिश्तों के दरमियाँ क्यों है ? आदमी आज बद - जुवाँ क्यों है ? बहकी-बहकी-सी दिख रही धरती, मचला-मचला-सा आस्माँ क्यों है ? भूख खाकर के मस्त हैं बच्चे,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 105 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल अदब का दबदबा क्या है ? ग़ज़ल का मत्-लआ क्या है ? म़रद़्द़फ़ ग़ैर हो जो , वो , ग़ज़ल का काफ़िया क्या है ? ब़ह़्र की कैफ़ियत कितनी ,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 95 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल फल रही है अजाब की दुनिया । सूखती है सवाब की दुनिया । कोई काँटा उन्हें नहीं चुभता, जी रहे जो बनाब की दुनिया । आब में भी है एक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 92 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल नज़र ही नज़र है , नज़र हर तरफ़ है । भँवर ही भँवर है , भँवर हर तरफ़ है । यहाँ रात-दिन,रोज़ आठों पहर तक, सफ़र ही सफ़र है ,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 90 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जात को तो छोड़िए बदजात भी बाकी नहीं । आदमी में आदमी - सी बात भी बाकी नहीं । मान,मर्यादा, हया औ' कायदा सब बिक रहा, और पुरखों की कोई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 127 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल सिर्फ़ उल्फ़त में सब नहीं आता । पहले आता था अब नहीं आता । यूँ तो गुस्सा मेरा तुम्हीं पर है, तुम जो आते हो तब नहीं आता । कोई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 82 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल इधर मुरझाए हैं पत्ते, उधर खिलती कली भी है । कहीं है खुरदरी धरती, कहीं जाकर लिपी भी है । हमारे प्यार का आँगन उखड़ता-सा दिखे है जो, इसी पर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 120 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल रोज़ जो आग हम जलाते हैं । रोज़ वो आग हम बुझाते हैं । आदमी चीज़ जो बनाते हैं । आदमी ही उसे मिटाते हैं । कोई दानिश अलग नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 115 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल वो करीने से काम लेता है । गिर रही चीज़ थाम लेता है । दोस्ती, प्यार या वफ़ा कहके, आदमी इन्तिकाम लेता है । वक्त ठहरा नहीं कभी पीछे, आगे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 109 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बिन गरज का एक भी नाता नहीं । आदमी को आदमी भाता नहीं । बेसुरी है जिंदगी की मौसिकी, गीत मीठे अब कोई गाता नहीं । आपदाओं के निमंत्रण हैं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 80 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बेवफ़ा से वफ़ा ज़रूरी है । ख़ूबसूरत खता ज़रूरी है । दर्द को और तेज जो कर दे, कोई ऐसी दवा ज़रूरी है । सारी पहचान भूलकर,केवल खुद को पहचानना... Poetry Writing Challenge-3 1 96 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जिंदगी उतनी ही हमारी है । आपके साथ जो गुज़ारी है । शा'इरी है मेरे लिए मंदिर, और उसका ये दिल पुजारी है । लोग बेकार शक किया करते, रूह... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 103 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बादलों को हटाया । चाँद फिर मुस्कुराया । आस का इक सितारा, आज फिर टिमटिमाया । झूठ सच, सच है झूठा, धन्य है तेरी माया । जो कोई कर न... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 79 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल घृणा का हर ज़गह साया पड़ा है । हवाओं में जहर का जायका है । बिना आधार ही सब बोलते हैं, 'पते की बात' का किसको पता है ? पलटकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 98 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल वक़्त रहते कहा नहीं होता । तो ये कचरा हटा नहीं होता । हो इरादा अगर खरा तो फिर, काम कोई बुरा नहीं होता । इतने धोखे अगर नहीं होते,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 129 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दे रहे लफ्ज़ यूँ खलल शायद ! हो रही हो कोई ग़ज़ल शायद ! फूट निकले हैं आज झरने-से, अश्क़ पानी में गए ढल शायद ! यूँ लगे जैसे आज... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 109 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 21 Apr 2024 · 1 min read आजकल / (नवगीत) खेत हँसियों से कटते नहीं आजकल । रात बेगार-सी दिन है भारी बहुत । चल रही भेद की रोज़ आरी बहुत । फूल ख़ुशियों के खिलते नहीं आजकल । हार्वेस्टर... Hindi · गीत 3 2 233 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Apr 2024 · 1 min read नवरात्रि-गीत / ढारती हैं सुगर बिटियें माई पर जल, 'मुँह-अँधेरे' । अनवरत क्रम चल रहा है, चैत्र में औ' आश्विन में ; भाव-भगतें और सेवा रात में भी और दिन में ;... Hindi · गीत 9 14 262 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 Mar 2024 · 1 min read बीमार घर/ (नवगीत) छत को नजला हुआ सर्द दीवार है, जब से बिटिया गई, घर ये बीमार है । खुरदरा-सा लगे फर्श, ये मरमरी, दूब आँगन की लगने लगी दरदरी ; ग्रस्त हैं... Hindi · गीत 4 2 268 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 24 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल रोग मशहूर होते जा रहे हैं । ज़ख्म नासूर होते जा रहे हैं । अमंगल ही अमंगल है अभी तो, शुक़्र काफ़ूर होते जा रहे हैं । अराजकता,जफ़ा औ' बेवकूफ़ी,... Hindi · ग़ज़ल 6 2 186 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परिनिर्वाण पर प्रस्तुत हैं ग़ज़ल के भाव में कुछ श्रद्धा-शब्द-सुमन । :: अस्त हुआ रवि वीतराग का :: ________________________ अस्त हुआ रवि वीतराग... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 2 173 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read अस्त हुआ रवि वीत राग का / पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परिनिर्वाण पर प्रस्तुत हैं ग़ज़ल के भाव में कुछ श्रद्धा-शब्द-सुमन । :: अस्त हुआ रवि वीतराग का :: ________________________ अस्त हुआ रवि वीतराग... Hindi · ग़ज़ल 3 236 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल दिल ये जाके कहाँ बसा मेरा । कोई देता नहीं पता मेरा । लोग आते हैं, चाय पीते हैं, है नहीं जिनसे राब्ता मेरा । यार मिलते हैं तो रकीबों-से,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 275 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल थोड़ा-थोड़ा-सा काम का हूँ मैं । कौन क्या है ये जानता हूँ मैं ? यूँ नहीं आपसे मेरा रिश़्ता, आपको दिल से मानता हूँ मैं । दूसरों को कभी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 152 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल तुमने पूँछा कैसा हूँ ? बगुले - सा चौकन्ना हूँ । जपती है दादी जिसको, उस माला का मनका हूँ । जैसा हँसते हैं पापा, बिल्कुल वैसा हँसता हूँ ।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 147 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हमने इंसाँ में जो ज़हर देखा । साँप को उससे बेख़बर देखा । हमने इँसाँ में वो ज़हर देखा । साँप पर हो गया असर देखा । एक बच्चे से... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 2 141 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल एक मुद्दत तक सिरहाने ग़म रहा । इसलिए तकिया हमेशा नम रहा । रोज़ पढ़ना , रोज़ लिखना याद है, जो पढ़ा औ' जो लिखा वो कम रहा । दिल... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 105 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल दिल ये पहले से सजा रक्खा है । घर पै उनको जो बुला रक्खा है ।। वो तो आएँगे हवा की मानिंद, इसलिए दर ये खुला रक्खा है ।। खिड़कियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 153 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हाथ बाकी हैं कान बाकी है । पाँव चलते हैं जान बाकी है । गाते-गाते वो मर गया लेकिन, सुर भी बाकी है तान बाकी है । माँस है ख़ाक,जल... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 119 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल अभी हाथ में असर नहीं है । अभी पाँव में सफ़र नहीं है । कितना अमन चैन है बरपा ? मग़र कोई भी निडर नहीं है । अँधियारा है चकाचौंध... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 132 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हादसा - सा हो गया था । मैं जो , पैदा हो गया था । कर्ज़ चुकता हो गया था । फ़र्ज़ पूरा हो गया था । हसरतें अब भी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 156 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल चुभ रहे हैं रोज़ काँटे पाँव में । ठूँठ की छाया बची है गाँव में । साग है बेस्वाद दालें ख़ुश्क हैं, ऐंठते हैं पेट सबके आँव में । धूप... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 128 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पूर्व से कुछ और काला हो गया । ज़िन्दगी का रंग गहरा हो गया । जो हुआ,अच्छा हुआ,सब ठीक है, रात बीती और सबेरा हो गया । दर्द ने खोदा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 118 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल जल रहा है यहाँ जहाँ तन्हा । आग तन्हा है और धुआँ तन्हा । तन्हा - तन्हा भभक रहे शोले, सुलगा-सुलगा हरिक रुआँ तन्हा । एक चिड़िया है बाम पर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 118 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल घर से जा बंजर में रह । फिर आकर तू घर में रह । जिन्दा समझा जाएगा, रोज़-ब-रोज़ ख़बर में रह । दफ़्तर से तू आकर घर, उसके दिल-दफ़्तर में... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 135 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल आदमी से मिलके जाना, आदमी क्या चीज़ है ? आदमी होकर ये देखा, ज़िन्दगी क्या चीज़ है ? नफ़रतों की देहरी पै पाँव रखना ही पड़ा, ज्यों हुए भीतर तो... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 126 Share Page 1 Next