ओमप्रकाश भारती *ओम्* Tag: कविता 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओमप्रकाश भारती *ओम्* 28 May 2024 · 1 min read मेरा देश विश्व गुरु मेरा देश नहीं बेगाना । पूरी दुनिया ने ये माना । विश्व गुरु है जग ने जाना । यह है ज्ञान खजाना । इस पर अभिमाना । लोहा माने जमाना... Hindi · कविता 8 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 23 May 2024 · 1 min read सांझ सुहानी मोती गार्डन की सांझ सुहानी मोती गार्डन की पश्चिम में आसमान की केसरिया रंगत सुंदर फूल सजीले , कलरव पंछियों का भ्रमण करते आबाल वृद्ध स्त्री पुरुष जलाशय में नौका बिहार का आनंद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 20 May 2024 · 1 min read बहू बेटी है , बेटी नहीं पराई मायके से एक बेटी बहू बनकर आई दोनों घरों में नहीं अब वह है बेटी पराई उसने माता-पिता का घर नहीं है छोड़ा उसने तो दो घरों को सदा के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 17 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 May 2024 · 1 min read मेरे सपनों की दुनिया मेरे सपनों की दुनिया कैसी हो मानव में मानवता रहे ऐसी हो बना रहे मानव में सद् व्यवहार सदा रहे संवेदनाओं का भंडार हर पल रहें करने सेवा को तैयार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 13 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 May 2024 · 1 min read योग-प्राणायाम योग करते रहें हम आम ओ खास सुंदर सार्थक स्वास्थ्यप्रद अभ्यास कोई रोग नहीं आएगा हमारे पास *ओम्* का है इस पर दृढ़ विश्वास साथ ही करें हम उत्तम प्राणायाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बाईसवीं सदी की दुनिया लगता है तकनीकी पहुंच गई अपने चरम पर देखा जाए तो इसकी अभी और लंबी है डगर मानव चांद पर पहुंचा है किंतु मंगल पर नहीं खोजना अभी बाकी है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read वृक्षारोपण ज्यों ज्यों होता रहेगा *वृक्षारोपण* त्यों त्यों शुद्ध होता रहेगा पर्यावरण प्रदूषण द्विजारेय (CO2) का होगा अवशोषण स्वस्थ रहेगा *ओम्* जन-जन का तन मन ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट मध्यप्रदेश Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बचपन बनाम पचपन किस्सा सुनिए बचपन का और साथ ही पचपन का खेलो खाओ बचपन में बेफिक्री है बचपन में बच्चों सा है पचपन में अच्छों सा है पचपन में माता-पिता का लाड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read नूतन वर्ष अभिनंदन नूतन वर्ष तुम्हारा , सादर वंदन है , अभिनंदन है मलयागिरि की मंद सुगंध बयार , शीतल चंदन है मन का राग , द्वेष , छल, छद्मवेष , अभिमान त्याग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read होली बुरा ना मानो होली है यह हमरे दिल की बोली है लेकर आई होली , जब वसंत के रंग क्यों न खेलें हम सभी , प्रकृति के संग छोड़ें रासायनिक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 13 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read कविता कविता भी होती सरल जैसे जल होता तरल पढ़ मन न होता विह्वल दिल करे पढ़ने हर पल मिलन हो जाता सरल गर कविता न होती सरल *ओम्* कैसे पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read गर्म जल कुंड मंडला-जबलपुर सड़क मार्ग पर स्थित नर्मदा किनारे दूरी मात्र है सोलह किलोमीटर मंडला नगर से हमारे प्रकृति का अनोखा स्थल यह गर्म जल कुंड गूंँजता कलरव पंछियों का दिखते उनके... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read अनहोनी समोनी छिंदवाड़ा जिले में अलबेली अनहोनी समोनी जहां भू-गर्भ से निरंतर निकलता है गर्म पानी युक्ति उत्तम है चर्म रोग हटाने की स्नानकर गंधकयुक्त पानी से मुक्ति पाने की यह स्थल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 May 2024 · 1 min read कविता बिन जीवन सूना कविता है तो जीवन सरस कविता बिन जीवन नीरस कविता जीवन में खुशियांँ भर देती कविता जीवन के गमों को दूर कर देती कविता जवानों में जोश भर देती कविता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 9 May 2024 · 1 min read नर तन में जतन नर तन पाया जतन कर ले बंदे वरना पड़ेगा पछताना चार दिनों का मेहमान है जग में फिर वापस घर को जाना इस दुनिया में आया है तो कर ले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 24 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 9 May 2024 · 1 min read शाकाहार स्वस्थ आहार जग में सर्वोत्तम शाकाहार इससे न दूजा स्वस्थ आहार जब भी आता व्रत त्यौहार प्रथम श्रेणी में लें जलाहार द्वितीय श्रेणी में रसाहार तृतीय श्रेणी में हो फलाहार शाकाहारी बनेगा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 28 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 7 May 2024 · 1 min read जवान और किसान जय जवान और जय किसान का नारा सबसे प्यारा दोनों ही हम सबके रक्षक ऐसा हिंदुस्तान हमारा एक करे सरहद की रक्षा दूजा करे जीवन की रक्षा जवान को हिम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 23 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read करो देश से प्यार करो देश से प्यार साथियों कभी न छोड़ो घर बार अपने गांव शहर देश में ही करें रोजगार व्यापार वरना हजारों किलोमीटर पैदल चल घर वापस आना पड़ेगा दूर विदेश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 18 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read सखि आया वसंत सखि वन में खिले अमलतास खुशबू उनमें है खास रंग उसका सुनहरा पेड़ है हरा भरा नाच उठा मन भ्रमरा टूट गया भ्रम हमरा सखी उपवन में गुलमोहर की बहार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 25 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 4 May 2024 · 1 min read भक्ति में शक्ति भक्ति में शक्ति , शक्ति में भक्ति न मानी तो हो जाएगी विरक्ति वेदांत में सिद्धांत , सिद्धांत में वेदांत न माना तो हो जाएगा अंत अच्छाई में सच्चाई ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 29 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 2 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य की खोज के तरीके अनेक आईए जाने उनमें से कोई एक ईश्वर है इस बात को कसौटी में कसें जब हम कभी किसी संकट में फंसें हमने उससे उबरने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 66 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 25 Mar 2024 · 1 min read ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार ईश्वर ने दिया प्रेम यह वह उपहार है प्रेम ही प्रेम है इसमें न जीत है न हार है प्रेम से रिश्ता मजबूत होता है जैसे मीठा सा शहतूत होता... Hindi · कविता 63 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 24 Mar 2024 · 1 min read सत्य कहाँ ? देखने सुनने पढ़ने से सत्य खोज ना पाएंगे ध्यान योग के सप्त चक्रों से सदा सत्य ही पाएंगे सत्य सनातन , सदा पुरातन वह मंथन के योग्य सत्य एक ,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 70 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की घनन घनन हवाओं की सनन सनन भंवरों की गुनगुन पंछियों का कलरव कोयल की कुहू कुहू पपीहा... Hindi · कविता 49 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read हम शिक्षक गर्व करें हम हैं भारत के शिक्षक हम राष्ट्र संस्कृति सभ्यता के रक्षक हम सभी शिक्षक क्रांतिवीर अशिक्षा मिटाने सदा अधीर समाज में ज्ञान के दीप जलाते बच्चों को नैतिकता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 50 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read निरोगी काया ढूंढ रहे आज सब निरोगी काया पर प्रकृति के संग रहना ना आया दिनचर्या कर ली है अस्त-व्यस्त बताइए अब कैसे रहेंगे स्वस्थ देरी से जागना और देरी से सोना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 19 Feb 2024 · 1 min read पर्यावरण प्रदूषित हो रहा दुनिया का पर्यावरण अब नहीं सुरक्षित पृथ्वी का आवरण अतः क्यों न जाएं हम प्रकृति की शरण तभी रुकेगा सजीव निर्जीवों का क्षरण मानव अपना लो अब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 53 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read बारिश बादल गरजे , बिजली चमके , झमाझम बरसे पानी , यही बारिश कहलाए ताल तलैया जल भरपूर , नदियों में आ जाती पूर , खेत गली पानी सब दूर ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 69 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 Feb 2024 · 1 min read फागुन की अंगड़ाई मधुमास की खुशबू बिखरने लगी है किंशुक कुसुम से चमकने लगी है आमों की बौरों से गमकने लगी है कोयल की कूक से चहकने लगी है सखी साजन अभी तक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 98 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन और पचपन उमर पचपन की और दिल बचपन का यादों में बसा है मेरे वह दिन बचपन का कोई लौटा दे मुझे वह दिन बचपन का बड़ा ही अलबेला है ये दिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read होली का त्यौहार देखो आ गए हैं हुरियार खेलने होली का त्यौहार करने रंगों की बौछार तुम सब हो जाओ तैयार गालों पर मल दो तुम गुलाल मिटा दो मन के सब मलाल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 78 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read रिश्ते-नाते वह रिश्ते-नाते , जो सबको भाते दूर हैं जो अपने , पास उनको बुलाते स्वागत सत्कार करें , घर में जो भी आते नैनों में ओम अश्रु , भर आए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 50 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 17 Feb 2024 · 1 min read बारिश का मौसम यह है बारिश का मौसम सुनिए इसके अनुपम स्वर निर्झर का झर झर नदियों की कल कल बिजली की चमचम मेघों की गर्जन हवाओं की सनसन भंवरों की गुनगुन पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 79 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पिता पिता हमारा जीवन दाता वह हमें इस संसार में लाता पिता बिना जीवन असंभव करते वह सब कुछ संभव पिता विशाल बरगद की छांँव जिसकी छाया में हमारा ठाँव पिता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 56 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read वसंत पंचमी ऋतु बसंत के आते ही वसंत पंचमी आ गई धरती में छाया वसंती रंग भीनी सुगंधी छा गई आम बौरा गए कोयल की मीठी धुन गूंज गई पीला बसंती रंग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 54 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read आजादी की कहानी देश प्रेम से अमर हो गए भारत मां के बलिदानी आजाद भगत सुखदेव गुरु थे वे राष्ट्र अभिमानी लक्ष्मीबाई से बापू तक योद्धा थे अनगिन महावीर देकर अपना लहू लिख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 40 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Feb 2024 · 1 min read मां नर्मदा प्रकटोत्सव माघ शुक्ल सप्तमी प्रकटोत्सव मां नर्मदा का प्रतिवर्ष होता यह महोत्सव मां नर्मदा का प्रकटी अमूरकोट से संग साथी सोन मुड़ा आप पश्चिम चलीं साथी पूर्व की ओर मुड़ा मध्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 557 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read बचपन निश्छल मन भोली बातें और आकर्षण चमत्कारी हर मां अपने बच्चों के ऐसे बचपन पर जाती वारी ओम दुख भूल जाती माँ सुन बच्चों की बातें प्यारी कपट,पाखंड, झूठ, सुख-दुःख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 95 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read ओम के दोहे रामलला की मंगल मूरत , मोहित सब नरनार । अवधपुरी में ओम सा , आनंदमयी संसार ।। उमड़ पड़ा सरयू तट पर , जनसैलाब अपार । दर्शन करने राम का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 86 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read बसंत बहार बौरा गए आम गूंजी कोयल की मधुर तान सखी आ गयो बसंत चलन लगे मदन बान अली चुन रहे मकरंद बहे मधुर पवन मंद कवि रच रहे नए छंद पंछियों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 91 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read संस्कार मां से मिले संस्कार पिता से सब व्यवहार स्वर्ग बन जाए संसार जीवन में रहे सदाबहार सुसंस्कार सबको पसंद सभी मनाते रहें आनंद परिवार में ओम परमानंद प्यार का गुंजन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 51 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read आकाश से आगे नीला अंबर चांद सितारों से भरा आकाश से आगे अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हमारा एक ब्रह्मांड ऐसे कई बड़े-बड़े ब्रह्मांड सदियों से खोज जारी पर मानव जान ना पाया ब्रह्मांड... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 89 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read सर सरिता सागर सर में भरपूर नीर उद्गमित हुई सरिता पर्वतों पर उछल कूद कर बनाती निर्झर सरिता मैदानों में घूम फिर कर मिलती सागर से ओम सरिता ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 87 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read देश हमारा भारत देश हमारा प्राणों से भी प्यारा विजयी विश्व गुरु बन लगता सबसे न्यारा दिया दशमलव का ज्ञान अव्वल खेलकूद विज्ञान योग से स्वस्थ बने जग सारा ओम जग में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 132 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read राम आ गए अयोध्या में फिर से राम आ गए नैनों में छाई शीतलता राम आ गए अवधपुरी में नर-नारी ने दीप जलाए सरयू तट पर उमंगों के बजे बधाये सारी दुनिया हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 16 Jun 2023 · 1 min read काव्य मंजूषा आज गगन की शरद पूर्णिमा सारे जग को भाय रही है काव्य मंच की सुंदर रचना अंतर्मन को हरषाय रही हैं कवि गणों की निर्झर लेखनी अमृत रस बरसाय रही... Hindi · कविता 2 364 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read सोनेवानी के घनघोर जंगल सोनेवानी के घनघोर और कठिन जंगल विभिन्न वनस्पतियों से आच्छादित जंगल टेढ़े मेढ़े पहाड़ी रास्तों से भरे अटपटे जंगल हरी-भरी घनी झाड़ियों पेड़ों से पटे जंगल न वाहनों का शोर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 173 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read धानी चूनर श्याम मेघ छाए उनसे धुंधला गया गगन झमाझम बरसे बदरा पवन चले सन सन धरणी के सब जीवों के तृप्त हुए तन मन धानी चूनर ओढ़ धरती धारी हरित वसन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 235 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read जीवनदायिनी बैनगंगा सिवनी जिले का ग्राम मुंडारा मां बैनगंगा का उद्गम स्थल छोटे कुंड से पतली धार में प्रारंभ होकर आगे बहती कल कल गोपालगंज होती पहुंची लखनवाड़ा जो हमारा जन्म स्थल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 358 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Jun 2023 · 1 min read संस्कार संयुक्त परिवार के जहां से शुरू होते संस्कार वह है अपना घर परिवार परिवार होता सुख का आधार बच्चे सीखें वहीं से सद्व्यवहार मिले माता पिता से निश्छल प्यार दादा दादी का अप्रतिम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 307 Share Page 1 Next