Dr Manju Saini Tag: कविता 480 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Dr Manju Saini 13 May 2022 · 1 min read शीर्षक: पापा आपका यूँ रूठना शीर्षक: पापा आपका यूँ रूठना बहुत दुःख देता है पापा आपका यूँ रूठ कर चले जाना जीवन से बहार चली गई जैसे मौसम पतझड़ का रंग ही उड़ गए जैसे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 104 Share Dr Manju Saini 12 May 2022 · 1 min read पापा सही कहते थे शीर्षक:पापा सही कहते थे मेरे पापा सही कहते थे कि जीवन एक कठपुतली हैं कोई तो है जो हमे अपनी उंगलियों पर नचा रहा है हम किसी के इशारे पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 126 Share Dr Manju Saini 12 May 2022 · 1 min read एक टीस पापा की कमी की शीर्षक: एक टीस पापा की कमी की एक टीस.. एक टीस रह रह उठती हैं मन मे की प्रश्न खड़े करती हैं टीस के जख्म दिखते नही किसी को पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 229 Share Dr Manju Saini 8 May 2022 · 1 min read आखिर क्यों पापा शीर्षक:आखिर क्यों पापा विलग होते हुए क्यो मन मे न उठे भाव कुछ कंपकंपाइ होगी काया याद कर परिवार मैं सोच आज भी शून्य सी असहाय सी विचलित लहू में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 218 Share Dr Manju Saini 8 May 2022 · 1 min read शीर्षक:आज बिन माँ मेरा मातृ दिवस....... आज बिन माँ मेरा मातृ दिवस....... शब्द नहीं मेरे पास कंरू जिन शब्दों को रच कर उस पवित्र आत्मा का गुण गान!! कितनी पंक्तियों में करूं बखान जितना लिखूँ वो... Hindi · कविता 114 Share Dr Manju Saini 8 May 2022 · 1 min read शीर्षक:माँ तुम भी आ जाती माँ तुम भी आ जाती' तुम भी आ जाती,आज बिन बताए चुपके से धीरे धीरे बिन बुलाए जैसे धूप उतर आती हैं खिड़की की चौखट से झाँक मेरे कमरे में... Hindi · कविता 71 Share Dr Manju Saini 7 May 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा मैं नही हूँ मौन शीर्षक:पापा मैं नही हूँ मौन आप की दी सीख आज भी साथ है मेरे आपने सिखाया मौन किसी समस्या का समाधान नही आप ही कहते थे कि घर की लक्ष्मी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 170 Share Dr Manju Saini 5 May 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा सी महत्वकांक्षा शीर्षक:पापा सी महत्वकांक्षा मेरी महत्वकांक्षा तो बहुत है और मन मे जिज्ञासा भी बहुतायत में और मेरे मन की ख्वाहिशें भी बहुत है पूर्णता चाहती हूँ मैं सभी मे पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 106 Share Dr Manju Saini 3 May 2022 · 1 min read शीर्षक:अक्षय तृतीया शीर्षक:अक्षय तृतीया प्राचीन मान्यताये या कथाएं आज भी हैं कायम पौराणिक कथाओं व ग्रन्थों में मिलता आज भी ज्ञान शुभ होता अक्षय तृतीया के दिन किया गया हर काम ओर... Hindi · कविता 118 Share Dr Manju Saini 2 May 2022 · 1 min read शीर्षक:प्रकृति नव उत्सर्जन शीर्षक:प्रकृति नव उत्सर्जन माना मैने प्रकृति की सुंदरतम छवि को आज देखा एक ठूठ पेड़ में भी नव सृजन बीज अंकुरण तो स्वाभाविक हैं पर यह ईश्वर की लीला न्यारी... Hindi · कविता 1 115 Share Dr Manju Saini 1 May 2022 · 1 min read पापा आपकी आवाज़ शीर्षक:पापा आपकी आवाज आपकी वो आवाज आज भी कानो में गूँजती हैं जब आप पुकारते थे एक नित नए प्यारे से नाम से मुझे आपकी आवाज़ सुनने को आज भी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 118 Share Dr Manju Saini 1 May 2022 · 1 min read मैं हूँ श्रमिक शीर्षक:*मैं हूँ श्रमिक जी हाँ मैं हूँ श्रमिक...! हूँ श्रमिक मैं एक छोटा सा श्रमजीवी,मजदूर,मजबूर सा गरीब नाम से भी पुकारा जाता सा अदना सा ,बेचारा सा मजदूर हूँ मैं... Hindi · कविता 116 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 1 min read जब साथ थे पापा शीर्षक:जब साथ थे पापा जब भी मैं घबरा जाती थी हिम्मत देते पापा, पास मैं उनके जब भी जाती प्यार से दुलारते थे पापा चाहे जितना दूर रहो आप फिर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 207 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 2 min read पापा की याद में चंद बूंदे आंसू शीर्षक: पापा की याद में चंद बूंदे आंसू चंद बूंदे आंसू अनायास ही बस चलते हैं…. पापा आपकी याद यूँ तो रोज ही याद आती है रोज ही छलक जाती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 176 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 1 min read अलविदा कैसे कहूँ पापा शीर्षक:अलविदा कैसे कहूँ पापा कैसे कह दूं आपको अलविदा मेरे जिस्म में प्राण तो आप ही हैं आपकी यादों के बादल मेरे भीतर घुमड़-घुमड़ बरसते हैं तो आप ही बताओ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 94 Share Dr Manju Saini 28 Apr 2022 · 1 min read सिर्फ एक बार पापा शीर्षक: सिर्फ एक बार पापा आ जाओ सिर्फ एक बार पापा चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा कितना सुंदर नजारा था अपने गाँव का चाची ,ताई बैठाती थी पलको... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 94 Share Dr Manju Saini 28 Apr 2022 · 1 min read पापा का संदेश शीर्षक:पापा का संदेश गाँव से निकल न जाने कब पीढ़ी शहर आ गए अपने तो संस्कार गांव के घर ही भूल कर आ गए आँगन में मिट्टी के चूल्हे पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 405 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read पिता की तरह पिता की तरह उम्मीदे पिता की तरह सामने है मेरे। कुछ नहीं कहते पर रहते हमेशा साथ पिता।। न रोते हैं दुख में,न हंसते हैं खुशी में। कुछ नही कहते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 175 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read मेरी उम्मीद थे पापा शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा आपके बिना रहना तो दूर पापा सोचना भी मेरे लिए तो मुश्किल था आपसे ही तो मेरी उम्मीदे थी सारी दुनियां की मानो खुशियां थी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 102 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read पापा आप बिन शीर्षक:पापा आप बिन कैसे रानी बिटिया हुआ करती थी मैं जब आप मेरे साथ थे जीवंत रूप में कैसे रानी बिटिया से अनाथ हुई समझ ही नही आया आखिर क्यों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 154 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read कितने दिन बीत गए पापा शीर्षक:कितने दिन बीत गए पापा न जाने अनगिनत दिन बीत गए आपसे रूबरू हुए कैसे हुआ ये कि आपकी बिटिया आपसे क्षणभर भी अलग नही होती थी तकदीर का लिखा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 98 Share Dr Manju Saini 26 Apr 2022 · 1 min read मेरे पापा कहते थे शीर्षक :मेरे पापा कहते थे समय बड़ा बलवान है पापा हमेशा कहते थे लौट कर कभी नही आता बस ये समझाते थे समय की कद्र करो यही पाठ पढ़ाया करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 4 158 Share Dr Manju Saini 24 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा आपके बिना रहना तो दूर पापा सोचना भी मेरे लिए तो मुश्किल था आपसे ही तो मेरी उम्मीदे थी सारी दुनियां की मानो खुशियां थी... Hindi · कविता 1 2 116 Share Dr Manju Saini 22 Apr 2022 · 1 min read चाय सी यारी थीम्म्पोस्ट:चाय सी यारी काश कुछ यूँ हो जाये तू चीनी सा ओर मैं चाय पत्ती सी घुल जाए एक दूजे में ऒर दूध सा प्यार बढ़े दोनो में काश कुछ... Hindi · कविता 238 Share Dr Manju Saini 20 Apr 2022 · 1 min read पापा के दिए संस्कार शीर्षक: पापा के दिये संस्कार मेरी ख़ामोशी का मतलब यह नहीं कि मुझे दर्द नहीं होता या मुझे कुछ समझ नहीं आता मैं रिश्तों को निभाना जानती हूँ पापा के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 226 Share Dr Manju Saini 20 Apr 2022 · 1 min read सच मे पापा बहुत तकलीफ देता है.... पापा ख्वाबों मे .... ख्वाब बन रह जाना... बहुत तकलीफ देता है.... पापा की छाँव छीन जाना.... अदृश्य परछाई हो जाना.... बहुत तकलीफ देता है.... आपका... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 5 99 Share Dr Manju Saini 18 Apr 2022 · 1 min read ए जिंदगी 🗨️ ए जिंदगी🗨️ कुछ सवाल हैं कुछ जवाब हैं क्यो अधूरे से है मेरे सारे ख्वाब। कुछ समर्थ है कुछ असमर्थ है कुछ पाया है कुछ खोया है। कुछ किया... Hindi · कविता 76 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read इबादत शीर्षक:इबादत इबादत करने आई हूँ माँ तेरे दर पे आई हूँ झुकाकर शीश चरणों में तेरे मंदिर में आई हूँ करना कल्याण माँ मेरा यही अरदास लाई हूँ इबादत तेरे... Hindi · कविता 80 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा वो अंतिम क्षण बात सिर्फ ये नही कि मुझ से भुलाया क्यो नही जा रहा है पापा वो अंतिम क्षण जब तुम जा रहे थे दूर इतनी दूर जहां हम दोनों एक साथ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 3 130 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा हमेशा कहते थे पापा हमेशा कहते थे... अब उठा ले लेखनी शब्दों को रूप दे कागज और कलम के मिलन को सौप दे अब शब्दो से अपने काव्य में प्राण भर दे तेरा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 5 127 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा जवाब दो पापा क्या आप मेरी एक बात का जवाब देंगे क्या वो भी आपको कभी दहेज देंगे क्या जुर्म हैं आपका कि मैं बेटी हूँ क्या उनको हक हैं बेटा बेचने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 95 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 2 min read अतीत के पन्नो में पापा शीर्षक:अतीत के पन्नो में पापा आज भी अतीत के पन्ने पलटती हूँ तो... मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 181 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक पापा तुम श्रद्धेय हो मेरे उऋण नहीं मैं हो सकती हूँ, बोलो कैसे हो सकती हूँ? आप मुझे धरती पर लाए अनगिन हैं उपकार आपके। सोचती हूं हर दम बस मैं करूँ समर्पित जीवन फिर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 125 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पिता मैं गुमसुम सी देखती रहती कि…. आप अकेले ही सब परेशानी झलते रहे आपने कभी साझा करना चाहा ही नही अपने कष्टों को,परेशानी को आप सदैव ही छुपाते रहे कि... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 106 Share Dr Manju Saini 15 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:गुस्ताख़ी माफ़ गुस्ताख़ी माफ़ रमज़ान लाया करो तौबा गुनाहों से, ऊपर वाले से मौका गुस्ताख़ी माफ़ी का रमज़ान हमारे लिए यही फरमान लाया है दुआ करते हैं रोज़ेदार,पल-पल अमनो चैन की खान... Hindi · कविता 98 Share Dr Manju Saini 14 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:बैसाखी आये मन हर्षाये शीर्षक:बैसाखी आये मन हर्षाये बैसाखी आगमन हर्षित मन.. गेहूँ की बालियां रूप लिए स्वर्णिम खेतो को चमकाती किसान के मुख मुस्कान बिखरती घर मे सुख-समृद्धि फैलती। बैसाखी आगमन हर्षित मन..... Hindi · कविता 273 Share Dr Manju Saini 14 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:फ़सल शीर्षक:फसल किसान की रौनक फसलें हैं… आज गई खेतो में अपने देखा फसलों को लहलाते गेंहू की बालियां हुई सुनहरी मानो किसान ने बोया सोना किसान की रौनक फसलें है…... Hindi · कविता 107 Share Dr Manju Saini 12 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक: क्या तुम पुरुष सा बन पाओगी शीर्षक:क्या तुम पुरुष सा बन पाओगी तुम कभी पुरुष सा नही बन पाओगी… चाहे कितने ही वेद पढो पर मंदिर की पुजारी नही बन पाओगी शमशान में देह की अंतिम... Hindi · कविता 1 2 102 Share Dr Manju Saini 11 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:माँ का स्नेहनिल प्रेम 👨👩👧माँ का स्नेहिल प्रेम👨👩👧 तेरे स्वप्न मंडल की चमक का माँ मैं एक प्रज्वलित हुआ दीप हूँ तेरे आशीर्वाद से सदैव ही फलदार बृक्ष से भी ज्यादा फलीभूत हूँ मैं... Hindi · कविता 119 Share Dr Manju Saini 10 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक-आखिर कब तक शीर्षक-आखिर कब तक कब तक हैवानियत यूँ ही सहेंगी बेटिया कब तक खुलेआम रहेंगे बलात्कारी आखिर कब सुलगेगी हमारे अंदर चिंगारी हर बार बार बार बच्चिया ही तो है हारी।... Hindi · कविता 2 4 104 Share Dr Manju Saini 10 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:अब बदलाव जरूरी हैं 🤔अब बदलाव जरूरी हैं🤔 प्यार किया पिता से वो अच्छी बिटिया कहलाई। प्यार किया भाई से तो प्यारी बहना कहलाई। किया पति से प्यार तो वो पतिव्रता कहलाई। सेवा की... Hindi · कविता 1 1 95 Share Dr Manju Saini 8 Apr 2022 · 2 min read शीर्षक:आखिर क्यों हैं शरीर रूप कभी कभी न जाने क्यों मन मे भाव उठते हैं मानव जीवन चक्र भी क्या है जन्म होना फिर पुनः लौट जाना बैठे बैठे विचारो में स्वयं से ही प्रश्न... Hindi · कविता 133 Share Dr Manju Saini 5 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:अजन्मी की पुकार अजन्मी की पुकार माँ तू ही नही मेरी रक्षक तो और कौन होगा तेरी कोख सुरक्षित नही तो कौन सा स्थान होगा माँ तेरे आँचल से ज्यादा सुरक्षित और क्या... Hindi · कविता 1 2 154 Share Dr Manju Saini 1 Apr 2022 · 1 min read मेरा वजूद मेरे पापा ❣️मेरा वजूद मेरे पापा ❣️ जाते जाते आप अपने जाने का गम दे गए सब बहारें ले गए बस,रोने का गम दे गए अब भी निगाहें ढूंढती हैं ,जैसे आप... Hindi · कविता 177 Share Dr Manju Saini 30 Mar 2022 · 1 min read शीर्षक:किनारा किनारा मन के किसी कोने में जज्बातों का तूफान घुमड़ रहा है मेरे मानो खुशियो ने किनारा कर लिया हो और मै सपने लिए समुद्र किनारे बैठ कर रही हूँ... Hindi · कविता 1 107 Share Dr Manju Saini 29 Mar 2022 · 1 min read शीर्षक:कतरा कतरा तरसते जीवन देने वाले शीर्षक:कतरा कतरा तरसते जीवन देने वाले कतरा कतरा तरसते जीवन देने वाले आज बदल गया जमाना सारा शायद सोच भी हम सबकी पहले जमाने मे स्कूली शिक्षा सभी तक नही... Hindi · कविता 1 110 Share Dr Manju Saini 27 Mar 2022 · 1 min read कुछ उलझी सी जिंदगी शीर्षक:कुछ उलझी सी जिंदगी क्या है जिंदगी ..? क्यो हैं इतनी अजीबोगरीब सी जिंदगी.?? समझ से परे मानव जीवन कभी न जाने क्यों मिलती हैं अनगिनत खुशियां न जाने पल... Hindi · कविता 303 Share Dr Manju Saini 25 Mar 2022 · 1 min read शीर्षक:कुछ तो लिखूँ 🙋कुछ तो लिखूँ💁 गम छुपाती रही,मुस्कुराती रही हर हाल में मैं, मुस्कुराती रही जिंदगी को इस तरह ,मै चलाती रही कोई कंधा न रोने को,मिला फिर भी आंसू पीती रही,खिलखिलाती... Hindi · कविता 120 Share Dr Manju Saini 23 Mar 2022 · 1 min read शीर्षक:फक्र पोस्ट:१ शीर्षक:फक्र #विनम्र #श्रद्धाजंली #शहीद #दिवस तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा वो हंस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा फंदा भी चूम लिया,फूल की माला समझकर ये... Hindi · कविता 1 113 Share Dr Manju Saini 23 Mar 2022 · 1 min read शीर्षक:शब्दो की धधकती ज्वाला सभी के भीतर शब्दो की ज्वाला धधकती हैं शब्द प्रतीक्षा करते हैं कि कैसे वो इन भावों को उकेरे शब्द प्रतीक्षा में उछाले मारते हैं कि कब कोई भाव मचले... Hindi · कविता 1 357 Share Previous Page 2 Next