Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2022 · 1 min read

शीर्षक:प्रकृति नव उत्सर्जन

शीर्षक:प्रकृति नव उत्सर्जन

माना मैने प्रकृति की सुंदरतम छवि को
आज देखा एक ठूठ पेड़ में भी नव सृजन
बीज अंकुरण तो स्वाभाविक हैं पर
यह ईश्वर की लीला न्यारी कैसे निकला
एक ठूठ से नव जीवन प्रणाली

देख उसे जब ह्रदय के कोमल भाव बोले
स्वयम ही परस्फुटित बाहर निकले और बोले
चली कलम स्वतः ही भाव बाहर निकले
देख प्रकृति की नवीन चाल को मन हुआ बेचैन
कैसे निकला एक ठूठ से यह नव जीवन प्राण

माना वो सूख गया था हुआ निष्प्राण
फिर कहां से आया उसमे ये नव संचार
देख उसे उद्वेलित अंतर्मन में हुआ भाव संचार
भाव विभोर हो गई देख प्रकृति की यह नवीन चाल
तब शब्द स्वतः जो फूटे रूप बने प्रकृति श्रंगार

पर ये नव अंकुर है क्या जीवन की ललक
अब तो मन मे प्रश्न यही उठता नवजीवन की चहक
क्या पुनः पेड़ बन छाया देकर पथिक को महक
मानव पर फिर से देगा अपना परिश्रम अथक
मान लिया मेने भी आज देख रूप नव सृजन।
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Comment · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
मौन जीव के ज्ञान को, देता  अर्थ विशाल ।
मौन जीव के ज्ञान को, देता अर्थ विशाल ।
sushil sarna
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
जो महा-मनीषी मुझे
जो महा-मनीषी मुझे
*प्रणय प्रभात*
तन्हायी
तन्हायी
Dipak Kumar "Girja"
प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
3117.*पूर्णिका*
3117.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दाना
दाना
Satish Srijan
🙏गजानन चले आओ🙏
🙏गजानन चले आओ🙏
SPK Sachin Lodhi
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
हावी दिलो-दिमाग़ पर, आज अनेकों रोग
हावी दिलो-दिमाग़ पर, आज अनेकों रोग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
Dheerja Sharma
राम मंदिर
राम मंदिर
Sanjay ' शून्य'
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
"लोहा"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हृदय तूलिका
हृदय तूलिका
Kumud Srivastava
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
माईया गोहराऊँ
माईया गोहराऊँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
Dr.Pratibha Prakash
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
Dr Mukesh 'Aseemit'
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
*श्री महेश राही जी (श्रद्धाँजलि/गीतिका)*
Ravi Prakash
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
Sadhavi Sonarkar
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...