Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2022 · 1 min read

शीर्षक: पापा आपका यूँ रूठना

शीर्षक: पापा आपका यूँ रूठना

बहुत दुःख देता है पापा आपका यूँ रूठ कर चले जाना
जीवन से बहार चली गई जैसे मौसम पतझड़ का
रंग ही उड़ गए जैसे पतझड़ में पेड़ हो जाते है
बहुत दुःख होता हैं आपका यूँ रूठ कर चले जाना

आपका होना तो हर दिन बसंत से था जीवन मे
आपकी आंखों का वो प्यार जो झलकता था
जैसे बादल बरसने को हो तैयार नेह लिए
बहुत दुःख होता हैं आपका यूँ रूठ कर चले जाना

आपका होना तो इंद्रधनुष सा रंगीन सा था जीवन मे
सतरंगी सी अभिलाषाएं थी बस जीवन मे
गुलाब सी खिली खिली सी थी महफ़िल परिवार की
बहुत दुःख होता हैं आपका यूँ रूठ कर चले जाना

आपका होना तो सावन की खूबसूरत बहार सी थी
बारिश की वो पहली बूँद की खुशी सी थे आप
मानो मुस्कान ही मुस्कान थी होठो पर हमारे
बहुत दुःख होता हैं आपका यूँ रूठ कर चले जाना

आपका बैठ कर बच्चों के बीच खेलना,झगड़ना
वो मुस्कुराना अठखेलियां करना मन तड़फता हैं आज
आपकी को खिली सी हंसी मानो खुशियां थी अपार
बहुत दुःख होता हैं आपका यूँ रूठ कर चले जाना

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
You relax on a plane, even though you don't know the pilot.
पूर्वार्थ
*चाल*
*चाल*
Harminder Kaur
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
goutam shaw
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
surenderpal vaidya
स्वयं आएगा
स्वयं आएगा
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कंठ तक जल में गड़ा, पर मुस्कुराता है कमल ।
कंठ तक जल में गड़ा, पर मुस्कुराता है कमल ।
Satyaveer vaishnav
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
जननी-अपना देश (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जब बूढ़ी हो जाये काया
जब बूढ़ी हो जाये काया
Mamta Rani
--शेखर सिंह
--शेखर सिंह
शेखर सिंह
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
श्रीराम किसको चाहिए..?
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समय भी दो थोड़ा
समय भी दो थोड़ा
Dr fauzia Naseem shad
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Who am I?
Who am I?
Sridevi Sridhar
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
"मन भी तो पंछी ठहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
Dr. Man Mohan Krishna
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
बुरा वक्त
बुरा वक्त
लक्ष्मी सिंह
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
Loading...