फांसी का फंदा भी कम ना था,
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
जिंदगी को मेरी नई जिंदगी दी है तुमने
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
यह तो हम है जो कि, तारीफ तुम्हारी करते हैं
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
नया एक रिश्ता पैदा क्यों करें हम
दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
💐प्रेम कौतुक-342💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)