Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2022 · 2 min read

शीर्षक:आखिर क्यों हैं शरीर रूप

कभी कभी न जाने क्यों मन मे
भाव उठते हैं मानव जीवन चक्र भी क्या है
जन्म होना फिर पुनः लौट जाना
बैठे बैठे विचारो में स्वयं से ही प्रश्न होना
उत्तर न मिल पाने पर प्रश्नों का मन को कौंधना
मैं स्वयं में हूँ कि नही यह भी सोच नही पाती
कभी टूटा बिखरा हुआ पाती हूँ अपने वज़ूद में स्वयं को
गहरे दर्द को समेटे चली जा रही हूँ दिन रात यूँ ही
कोई समझा ही नहीं आंखों में ठहरे दर्द को कभी
टीस देते हैं अनायास ही मेरे स्वयं के प्रश्न मुझे ही
बहुत कुछ कहना है,लिखना हैं मुझे जीवन पर
पर कह नही पाती लिख नही पाती क्योंकि
समाधान नही मिल पाता स्वयं से स्वयं को
अब क्यूँ नही कुछ कह पाती यह भी प्रश्न हैं
कैसे कहु तुमसे मुझे लगता है जो मैं कहूँगी
क्या तुम सब समझ पाओगे मेरे मन के इस बहाव को
क्या तुम उत्तर दे पाओगे मेरे जीवित प्रश्नों के
मैं जिन प्रश्नों को दिल मे दबा कर बरसो से इंतजार मे बैठी हूँ,क्यो समाधान नही कर पा रही हूँ कि
आखिर क्या है जीवन क्या मनुष्य शरीर
क्यो हैं ..?कब तक हैं ..? सतत ये प्रश्न
ये सब जानने सुनने के बाद तुम्हारा भी कोई
जवाब ही नही आया तो …??
लाचार हूँ मैं अपने ही प्रश्नों के उत्तर के लिए
आखिर क्यों है शरीर..?नश्वर हैं काया मिट जानी है
तो फिर क्यो हैं मुझे नेह शरीर से …?
जन्म के बाद दिन दिन शीर्ण हो रहा है आखिर क्या है
क्यो है..?
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
132 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
जीवन की रंगत: सुख और दुख का संगम
जीवन की रंगत: सुख और दुख का संगम
पूर्वार्थ
O CLOUD !
O CLOUD !
SURYA PRAKASH SHARMA
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
3460🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
एक समय वो था
एक समय वो था
Dr.Rashmi Mishra
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
"खुश रहिए"
Dr. Kishan tandon kranti
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
अब न वो आहें बची हैं ।
अब न वो आहें बची हैं ।
Arvind trivedi
राम
राम
Suraj Mehra
योग ही स्वस्थ जीवन का योग है
योग ही स्वस्थ जीवन का योग है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Bodhisatva kastooriya
"किस किस को वोट दूं।"
Dushyant Kumar
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
कृष्णकांत गुर्जर
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
गाँव सहर मे कोन तीत कोन मीठ! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
काश अभी बच्चा होता
काश अभी बच्चा होता
साहिल
* संसार में *
* संसार में *
surenderpal vaidya
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
वक्त की जेबों को टटोलकर,
वक्त की जेबों को टटोलकर,
अनिल कुमार
■ आदी हैं मल-वमन के।।
■ आदी हैं मल-वमन के।।
*प्रणय प्रभात*
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जल प्रदूषण पर कविता
जल प्रदूषण पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
from under tony's bed - I think she must be traveling
from under tony's bed - I think she must be traveling
Desert fellow Rakesh
लकवा
लकवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*राजा राम सिंह : रामपुर और मुरादाबाद के पितामह*
*राजा राम सिंह : रामपुर और मुरादाबाद के पितामह*
Ravi Prakash
Loading...