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27 May 2023 · 1 min read

न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।

न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
चतुर चालाक करते हैं, सदा अपमान सीधे का।
वनों में देख लो जाकर, कि सीधे वृक्ष कटते हैं,
गरज अपनी पड़े कुछ तो, करें गुणगान सीधे का।

सीमा अग्रवाल

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