jyoti jwala Tag: कविता 118 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid jyoti jwala 14 Feb 2022 · 1 min read पुलवामा "पुलवामा" देखा था नन्हे हाथों को अर्थी पर फूल चढाए थे, माँ,बहन,बीवी,बच्चे सब बिलखे थे, चिल्लाये थे, अब ऐसे मे तुम ही कह दो कैसे हम मुस्काएं, मन है व्यथित... Hindi · कविता 1 290 Share jyoti jwala 7 Feb 2022 · 1 min read विजयी बनाना है अगर काशी , मथुरा , अवधपुरी को बेहतर रूप में लाना है , तो मतदान केंद्र पर जाकर केवल कमल का बटन दबाना है,, Hindi · कविता 376 Share jyoti jwala 23 Jan 2022 · 1 min read ... चमन लूट ले बगवां ही अगर तो गैरों पे अंगुली उठायेंगे क्या , जिन्हें रौशनी चाहिए ही नहीं दीया अपने घर में जलायेंगे क्या , जिन्हें आदमी से मोहब्बत नहीं... Hindi · कविता 240 Share jyoti jwala 21 Oct 2021 · 1 min read " करवाचौथ " (सैनिक की पत्नी का करवाचौथ ) हाथों में सजी मेहंदी की लाली, माँग सजा सिंदूर, पिया की राह निहारे गोरी जो बैठे अति दूर, वतन भी प्यारा सजन भी प्यारा... Hindi · कविता 4 4 303 Share jyoti jwala 9 Oct 2021 · 1 min read झाँसी वाली रानी कभी डरी ना जो दुश्मन से ना ज़ां की कुर्बानी से, जीवन जीना सीख रही हूँ झांसी वाली रानी से, हिम्मत को तलवार बनाईं अंग्रेजों को मार भगाईं, भारत का... Hindi · कविता 1 612 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read कविता कभी मुश्किलों से हँसकर के मिलिए, कुछ तो तज़ुर्बा नया कीजिए, जो चाहते हैं बुरा आपका हो उनका भला हो दुआ कीजिए, बुजुर्गों के कदमों में सिर को झुका के... Hindi · कविता 3 5 530 Share jyoti jwala 20 Sep 2021 · 1 min read कविता जब भी मेरे बारे में लिखना क्या लिखना क्या न लिखना ना लिखना कजरारे नैना ना सुरमा,मेंहदी फूल और गहना ना चाँद और तारों - सी सूरत ना मोम की... Hindi · कविता 326 Share jyoti jwala 5 Sep 2021 · 1 min read झांसी की रानी कभी डरी ना जो दुश्मन से ना ज़ां की कुर्बानी से, जीवन जीना सीख रही हूँ झांसी वाली रानी से, हिम्मत को तलवार बनाईं अंग्रेजों को मार भगाईं, भारत का... Hindi · कविता 1 581 Share jyoti jwala 1 May 2021 · 1 min read मुक्तक जिस रात की ना हो सुबह वो रात तो आई नही, जो छँट सकी ना आसमां से वो घटा छाई नही कुछ वक्त है इस वक्त में पर वक्त बदलेगा... Hindi · कविता 1 309 Share jyoti jwala 6 Apr 2021 · 1 min read मुक्तक इन साजिशो के दौर में घुटते हुए से हम रिश्तों की चोट खाकर टूटते हुए से हम सब साथ थे,सब साथ हैं सब साथ रहेंगे मन के इसी भ्रम में... Hindi · कविता 2 486 Share jyoti jwala 17 Mar 2021 · 1 min read एहसास...इन दिनों हजारों सवालों के घेरे में रहती मेरी जिंदगी अब अँधेरे में रहती उलझी है रिश्तों के धागों जब से सदा मुश्किलों के थपेरे में रहती, नम आँखों से भी मुस्कुराती... Hindi · कविता 4 398 Share jyoti jwala 8 Mar 2021 · 1 min read नारी शक्ति लाखों रावण जले हैं कई दशहरे, ज़ख़्म सीता के अब भी हरे के हरे... 2 अब भी सीता की अग्नि परीक्षा वही, हाथ जोड़े खड़ी द्रोपदी है कहीं पूछती मैं... Hindi · कविता 2 4 841 Share jyoti jwala 3 Mar 2021 · 1 min read वो नारी है अग्नि की उठती ज्वाला , ढलते सूरज की लाली है, ममतामयी माँ दुर्गा -सी कभी रुद्र वो चंडी काली है, अबला कहते हो उसको, जो दैत्यों पर भी भारी है,... Hindi · कविता 4 4 653 Share jyoti jwala 14 Feb 2021 · 1 min read " पुलवामा हमला " आज भी पुलवामा का घाव हरा है मेरे सीने में, वीर सैनिकों को खोया था हमने इसी महीने मे, लिपट तिरंगे में घर आए उन सबकी कुर्बानी को, भूल नहीं... Hindi · कविता 1 4 295 Share jyoti jwala 11 Feb 2021 · 1 min read प्रेम भँवर मनमोहक है प्रेम की भाषा प्यारी लगती कानों को अपना- सा एहसास कराती ये मधुरस बेगानों को, कभी बहे जीवन में जैसे प्रेम की सरिता, प्रेम सरोवर अमर लगे हर... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 53 528 Share jyoti jwala 30 Mar 2020 · 1 min read वक्त मिला है वक्त का पहिया घूम के जैसे बीते कल पर आया है दौड़ रही दुनिया को वक्त ने घर में आज बिठाया है, भाग - भाग सब सोच रहे थे हमने... Hindi · कविता 4 2 290 Share jyoti jwala 25 Mar 2020 · 1 min read ना कहना ना कहना कि तू जिन्दगी है हमारी, ना कहना कि तू ही तो है सबसे प्यारी, ना कहना कि तुझको हो मेरी जरूरत तो मैं छोड़ दूंगा ये दुनिया ही... Hindi · कविता 1 2 638 Share jyoti jwala 15 Feb 2020 · 1 min read न्याय हो हे न्याय की देवी आँखे खोल, कुछ तो बोल कुछ तो बोल कब तक भटकेगी इक माँ यूं दर- दर बनके फटी सी ढोल, कभी इधर से कभी उधर से... Hindi · कविता 1 286 Share jyoti jwala 13 Feb 2020 · 1 min read जागो तुर्की, अरबी ,मुगल, मंगोल, बोल रहे वो बिगड़े बोल बांट रहे हैं तुमसे तुमको हिन्द के मुस्लिम आँखे खोल, आज भी तुमको नचा रहे हैं अपने एक इशारे पर जामा... Hindi · कविता 2 358 Share jyoti jwala 7 Jan 2020 · 1 min read अब बस....... नहीं सुरक्षित घर आंगन ना सड़के ना गलियारे, चहुँओर दरिंदे बैठे हैं सब अपने पांव पसारे, नित दिन लूट रहे अस्मिता, लुप्त हो रही मानवता, चीखें सुनकर मौन खड़े सब... Hindi · कविता 1 2 548 Share jyoti jwala 17 Sep 2019 · 2 min read मोदी जी " जय माँ भारती " भारत माँ मुसकाएं यूँ हीं कर्मों में अच्छाई हो, हृदय- तल से जन्मदिवस की बारंबार बधाई हो, अच्छे कार्यों से ही तो पग- पग खिला... Hindi · कविता 452 Share jyoti jwala 11 Sep 2019 · 1 min read हिंदी हिंदुस्तान की बिंदी हिन्दी भाषी बने सभी ये भाषा है सम्मान की, मातृभाषा पर गर्व करें है हिन्दी हिन्दुस्तान की, विश्व के कोने कोने में फैलायें अपनी शान को हिन्दी भाषा हिंद वतन... Hindi · कविता 1 1 455 Share jyoti jwala 16 Apr 2019 · 1 min read कविता मन में कपट कटार है मुख पे झुठी मुस्कान गली-गली में घूम रहे भेडिए बन इंसान, नफ़रत सींची रात -दिन ,खेला खूनी खेल आग लगाकर डाल दी खुद ही उस... Hindi · कविता 487 Share jyoti jwala 15 Apr 2019 · 1 min read कविता क्या कहूं मै जाहिल तूने तो हर मर्यादा पार किया, कटु शब्दों के हथियार से नारी पर तूने वार किया, सच कहने की बारी आयी तो इतना घबराया कि, जहर... Hindi · कविता 481 Share jyoti jwala 20 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " मेरा जीवन सदा है वतन के लिये, हाथ उठते धरा के नमन के लिये सरजमीं यह मेरी भूमि है प्यार की है मचलता तिरंगा गगन के लिये " Hindi · कविता 448 Share jyoti jwala 18 Mar 2019 · 1 min read कविता एक इशारा...... हम नही भूलें है अब तक आपके व्यवहार को, जानते है खूब हम तो आपके परिवार को, आँख को सपने दिखाए प्यास को पानी, इस तरह करते रहे,... Hindi · कविता 290 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक अब तो यूं सियासत को संभालने लगीं घरों में सांपों को बहन जी पालने लगीं, हुनर लड़ने का जिसने सिखाया था इन्हें देखिए उन पर ही अब रौब झाड़ने लगीं Hindi · कविता 233 Share jyoti jwala 17 Mar 2019 · 1 min read कविता आज भी पुलवामा का घाव हरा है मेरे जीवन में, वीर सैनिकों की यादें बैठी है सब मेरे मन में जो लिपट तिरंगे में घर आए उन सबकी कुर्बानी को,... Hindi · कविता 1 593 Share jyoti jwala 3 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक " निज भावों को लिख देती हूँ, जब सुनती हूँ लोगों की बात, मन व्यथित मेरा हो जाता है , जब अपने मुझसे करते घात, लेखन में ही जीवन बसता... Hindi · कविता 1 296 Share jyoti jwala 10 Feb 2019 · 1 min read शायरी रोज़ मुमकिन नहीं तारे का टूटना मेरी मन्नत पे सूरज उगा दीजीए, दीजिए रुख़सती अपनी दहलीज़ से अपने लब से मुझे बस दुआ दीजीए Hindi · कविता 231 Share jyoti jwala 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "धरती को जगमगाओ ,रौशन करो गगन को, अपने लहू से सींचो ,इस प्यार के चमन को, उनको निकाल फेंको , नफरतों जो बो रहे हैं, सोने की चिड़िया कर दो... Hindi · कविता 266 Share jyoti jwala 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक जलाये दिल में तेरी याद का, लोबान रखते हैं दर्द में भी अधरों पर मधुर मुस्कान रखते हैं उसी की बात होती है, उसी को पूजती दुनिया जो भारी भीड़... Hindi · कविता 331 Share jyoti jwala 6 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "तुम्हारे साथ जो गुज़रे, ज़माने याद आते हैं मिलन के वो सभी मौसम सुहाने याद आते हैं बरसते थे कभी मुझपर तुम्हारे प्यार के बादल, मुझे अब तक वो बारिश... Hindi · कविता 203 Share jyoti jwala 6 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक दौलत से कभी रिश्तों को हम तोला नहीं करते, दुखाए दिल किसी का लफ्ज वो बोला नही करते, मेरी हसरत मेरी चाहत निगाहों में ही पढ़ लेना, लबों से राज़... Hindi · कविता 503 Share jyoti jwala 5 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "अब कहाँ ईमान का कुछ दाम है, रिश्वतों का ही बोलबाला आम है, आस की मद्धम-सी लौ जलती है जो उससे ही तो रौशन हमारी शाम है " Hindi · कविता 498 Share jyoti jwala 5 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक ख़ुद से ख़ुद में ही उलझी है हमारी जिंदगी, दीखती आज़ाद लेकिन कैद-सी है ज़िन्दगी, कश्मकश के जाल में हर शख़्स है उलझा हुआ दायरों ही दायरों में घूमती है... Hindi · कविता 1 1 305 Share jyoti jwala 4 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक "आइने से असलियत चेहरों की हम कैसे छुपाएँ, दूर तुझसें मैं न ज़िन्दा, ना ही ज़िन्दा भावनाएँ, तेरी चौखट पर न जाने कितनी की हैं मिन्नते, सह नहीं पाता है... Hindi · कविता 372 Share jyoti jwala 1 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक दर्द के हाथों खुशी को बेच मत, अपने होंठों की हँसी को बेच मत, क्या लगाएगा भला कीमत कोई, मान-मर्यादा, खुदी को बेच मत। Hindi · कविता 419 Share jyoti jwala 1 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक देखो तो बादल कैसे कजरारे निकले हैं, छोटी छोटी खिड़की से गलियारे निकले हैं, चाँद घेरने की ख्वाहिश है तारों की शायद इसी लिए इस बार इकट्ठे सारे निकले हैं... Hindi · कविता 1 384 Share jyoti jwala 30 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक "बड़ी मुश्किल से छुपाया है कोई देख न ले आँख में अश्क जो आया है कोई देख न ले, डर रही हूँ कि सर-ए-शाम तेरी आँखों में मैंने जो वक़्त... Hindi · कविता 236 Share jyoti jwala 15 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " बेचैनियाँ बढ़ीं तो दुआ बन गई ग़ज़ल, ज़र्रे जो थरथराए, सदा बन गई ग़ज़ल, चमकी कहीं जो बर्क़ तो ऐहसास बन गई, छाई कहीं घटा तो अदा बन गई... Hindi · कविता 561 Share jyoti jwala 4 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक " भले ही फेरिये माला सुबह से शाम तक लेकिन, न जब तक नाम लें दिल से तो नही वो जाप होता है, कभी अभिशाप भी होता किसी वरदान के... Hindi · कविता 348 Share jyoti jwala 4 Jan 2019 · 1 min read कविता गिरकर और सँभलकर कर पहुँचे, मंज़िल तक हम चलकर पहुँचे, तुम पहुँच गये अपनों से आगे, पर अपनों को छलकर पहुंचे, आवभगत पाने कि खातिर तुम तो वेश बदलकर पहुँचे,... Hindi · कविता 286 Share jyoti jwala 25 Dec 2018 · 1 min read कविता क्यों हाथ कटोरा लिए हुए बचपन सड़कों पर आया है? क्यों भूख, गरीबी, लाचारी का बादल देश पर छाया है? हर संकट की एक वजह नित बढ़ती भ्रष्टाचारी है, निज... Hindi · कविता 509 Share jyoti jwala 1 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ के संग बीते लम्हों के पन्नों को मै खोलूँगी, बचपन की मीठी यादों के रस कविता में घोलूँगी, रातों को जब बचपन में मुझे नींद न आया करती थी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 42 987 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read फूट-फूटकर माँ रोई , बेटों के बँटवारे पर। आँगन में दीवार पड़ गयी, छाया सन्नाटा द्वारे पर, फूट-फूटकर माँ रोई , बेटों के बँटवारे पर, हमने ढलते आँसू देखे , तुलसी के चौबारे पर, फूट-फूटकर माँ रोई, बेटों... Hindi · कविता 294 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " हिंदी " हिन्दी इस देश का गौरव हो, हिन्दी भविष्य की आशा हो, हर दिल की धड़कन हो हिंदी, हिन्दी जन-जन की भाषा हो, कबीर ने हिंदी अपनाया, मीरा ने इसको मान... Hindi · कविता 1 316 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " तीज मुबारक " सुन लो मेरे प्यारे सजना, तीज की रीत निभानी है, आपके नाम की हाथो में मेहँदी आज रचानी है, सब्जी हमने काट दिया, रोटी तुम्हें बनानी है, घर तो वैसे... Hindi · कविता 324 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read " घी, दूध, छाछ, मलईया गायब " सोफा, पलंग, ने जगह बनाया, घर से है चारपईया गायब, कच्चे घर अब पक्के बन गए, हर घर से अँगनइया गायब, सोहर, कजरी, फगुवा, बिरहा, दोहा और सवइया गायब, स्विमिंग... Hindi · कविता 306 Share jyoti jwala 12 Sep 2018 · 1 min read कुर्सी है बेदाग़ कहाँ? कुर्सी है बेदाग़ कहाँ, सारे दागी बैठ गये? सड़कों पर चिल्लाने वाले थककर बाग़ी बैठ गये, मंचों पर खु़ददारी जो बयाँ किया करते थे साहब, पता चला बाज़ारों में ख़ुद... Hindi · कविता 427 Share Page 1 Next