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4 Jan 2019 · 1 min read

मुक्तक

” भले ही फेरिये माला सुबह से शाम तक लेकिन,
न जब तक नाम लें दिल से तो नही वो जाप होता है,
कभी अभिशाप भी होता किसी वरदान के जैसा,
कभी वरदान भी कोई कि ज्यों अभिशाप होता है “

Language: Hindi
323 Views
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