Vinit kumar 59 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vinit kumar 1 May 2022 · 1 min read सितम देखते हैं by Vinit Singh Shayar आइने में हम अपना ग़म देखते हैं उन्हें आज कल बहुत कम देखते हैं हाथ रखते हैं गैरों के कंधे पर जब वो हाथ को सर पे रख के सितम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 596 Share Vinit kumar 2 May 2022 · 1 min read रफ़्तार के लिए (ghazal by Vinit Singh Shayar) एक मेज़ की तलब है इंतज़ार के लिए गुजरी है इक उम्र उनके दीदार के लिए मुमक़िन है थाह लें औकात आज अपनी लेकर दिल हम पहुँचे हैं व्यापार के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 488 Share Vinit kumar 1 May 2022 · 1 min read आख़िरी मुलाक़ात ghazal by Vinit Singh Shayar याद आ रही है आख़िरी मुलाक़ात साहब बहके बहके से हमारे वो जज़्बात साहब भले ही आज तन्हा हैं महफ़िल में यहाँ हम कभी इन हाथो में था उनका हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 443 Share Vinit kumar 12 May 2022 · 1 min read ख़ूब समझते हैं ghazal by Vinit Singh Shayar आपका वादा हम ख़ूब समझते हैं रब का इरादा हम ख़ूब समझते हैं छोड़ देगा साथ वो भी मंजिल से पहले जिसको हम अपना महबूब समझते हैं जवाब उनको अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 474 Share Vinit kumar 24 Sep 2021 · 1 min read हमारी ग़ज़लों पर झूमीं जाती है आ गए हम सामने, जो करना है वो करिए सुने हैं याद में तस्वीर हमारी चूमी जाती है ये क्या कि ख़ामोशी ने डाल लिया डेरा वैसे तो हमारी ग़ज़लों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 444 Share Vinit kumar 1 Sep 2021 · 1 min read कभी रूठना है कभी रूठना है तो कभी मान जाना है अब तो मानो ये हर रोज का फ़साना हैं आज सुबह से वो नाराज़ है हमसे आज शर्ट का बटन खुद ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 379 Share Vinit kumar 25 Aug 2021 · 1 min read मरने के सपने अपने मरने के सपने सजाए हुए हैं फूलो का हार तस्वीर पे लटकाए हुए हैं खुद ही कर लिए आखिरी दिन मुकर्रर और किस किस को बताए हुए __हैं ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share Vinit kumar 3 Sep 2021 · 1 min read उनकी दिली ख्वाहिश उनकी दिली ख्वाहिश आंकना बहुत बुरी बात है किसी के घर में ऐसे झाँकना बहुत बुरी बात है वो भी बेकरार है हमारी इक झलक देखने को इतना भी लंबा... Hindi · शेर 1 382 Share Vinit kumar 19 Aug 2022 · 1 min read ज़रा सी बात पर ghazal by Vinit Singh Shayar आज आँखें हुई हैं नम ज़रा सी बात पर मुझसे रूठा मेरा सनम ज़रा सी बात पर मेरी बातों पर ऐतबार नहीं अब उनको आज खाना पड़ा कसम ज़रा सी... Hindi · ग़ज़ल 1 456 Share Vinit kumar 19 Feb 2022 · 1 min read खंजर भी पाया है जिनके हाथों से कभी फूल मिला करता था उन्ही के हाथों में मैंने खंजर भी पाया है जिन लोगों के हाथों में पत्थर देख रहे हो न मुझे पागल भी... Hindi · शेर 391 Share Vinit kumar 16 Aug 2021 · 1 min read बेमौसम बरसात आप के चले जाने के बाद खींच लाई आप तक आपही की याद खींच लाई किस को जाना था मस्जिद में जनाब एक बहुत पुरानी फ़रियाद खींच लाई कब के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 322 Share Vinit kumar 13 Jun 2022 · 1 min read फ़नकार समझते हैं Ghazal by Vinit Singh Shayar ख़ामोश ज़ुबाँ को सब बीमार समझते हैं हरक़त ना करो तो सब दीवार समझते हैं हम हैं कि साथ उनके चलना हैं उम्र भर और वो हैं कि मोहब्बत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share Vinit kumar 1 May 2022 · 1 min read राह जो तकने लगे हैं by Vinit Singh Shayar हमारे नैन अब थकने लगे हैं हम उनकी राह जो तकने लगे हैं जवानी खत्म होती जा रही है हमारे बाल अब पकने लगे हैं इशक़ तो मानो लाइलाज ठहरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 397 Share Vinit kumar 19 Sep 2021 · 1 min read वो शाम आएगी by Vinit Singh वो शाम आएगी वो शाम आएगी नाम जिनका जपते रहे सदियों से लबों पर उनके लब पे भी इक दिन मेरी नाम आएगी वो शाम आएगी वो शाम आएगी वो... Hindi · गीत 2 357 Share Vinit kumar 16 Aug 2021 · 1 min read असल तमाशा माहौल को ज़रा गरम करेंगे बेशरम लोग भी शरम करेंगे महफ़िल छोड़ के जानेवाले रुक तमाशा असल तो अब हम करेंगे तुम ने देखा है मेरा ज़ख़्म होना देख ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 293 Share Vinit kumar 1 Oct 2022 · 1 min read आईने के पास जाना है हम छत पे खड़े हैं चाँद के दीदार वास्ते आपको तो बस आईने के पास जाना है ~विनीत सिंह Vinit Singh Shayar Hindi 1 329 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read हम बदनाम बहोत हैं काफ़ी कुछ तो किया नहीं है बाकी करना काम बहोत है बोतल हमारा रहने दे रख साक़ी उसमे जाम बहोत है देखकर हमें लोग बोलते हैं "शराबी " बाक़ी सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read बेईमान बहोत हैं इंसानियत गिर चुकी है बहोत, आप में थोड़ी भी ईमान बहोत है चलना था दूर पर चल ना सके, साथ हमारे सामान बहोत है आपको पाने में खो दिए हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share Vinit kumar 3 Sep 2021 · 1 min read भीगा ये आसमान क्यों है By Vinit Singh कोई नहीं है बढ़कर आने वाला यहाँ अपना जनाज़ा अपने कंधों पर उठाओ सब बहरे हो चुके हैं कोई सुनने वाला नहीं कंधे पे हाथ रख ख़ुदी को ग़म सुनाओ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 206 Share Vinit kumar 15 Nov 2021 · 1 min read रोने वालो से कहो रोने वालो से कहो आवाज थोड़ी ऊंची कर ले मेरा जनाजा कंधो पे उठाया जा रहा है अब जीते जी तो मुझे भरपेट कुछ नसीब ना हुआ मगर दावत पे... Hindi · शेर 206 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read दिल हारा नहीं होगा विनीत सिंह शायर किसी के प्यार में खुद को लूटा दूं यहां तक तो ठीक है कोई लूट जाए मेरी मोहब्बत में मुझको गवारा नहीं होगा एक ही बार का तजुर्बा काफी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 200 Share Vinit kumar 9 Jan 2022 · 1 min read कहाँ चल दिए हमको बदनाम कर के कहाँ चल दिए मजनू सरेआम कर के कहाँ चल दिए इस तरह तुम न भीगो युँ बरसात में पानी को जाम कर के कहाँ चल दिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 196 Share Vinit kumar 1 Sep 2021 · 1 min read दुनियाभर के ज़ालिमो दुनियाभर के ज़ालिमो के सारे के सारे जुर्म इक तरफ़ मुझको देखकर उसके मुस्कुराने का जुर्म इक तरफ़ आज भी लोग मुझे अक्सर उसके नाम से बुलाते है मेरा नाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share Vinit kumar 25 Aug 2021 · 1 min read नया साल ग़ज़ल ~विनीत सिंह पुरज़ोर कोशिश है ये साल बेहतर बनाने कि अगर वो दिख जाए कहीं तो फिर बात और है उनका दिल , दिल ना रहा परिंदा हुआ अगर वो टिक जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 211 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read दिल के ही अहसास बहोत है दिल से दिल मिलाने को दिल के ही अहसास बहोत है दूर मत जाइए आप इस दिल को आपसे आस बहोत है मौक़ा है मौसम है हाल ए दिल बयां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 190 Share Vinit kumar 1 Sep 2021 · 1 min read आँखें नम हैं आँखें नम हैं तेरी, मुस्कुरा फिर भी रहे हो आख़िर इस मुस्कान की हक़ीक़त क्या है इक बार मुस्कुरा दो , खुल कर मुस्कुरा दो बता तेरे मुस्कान की कीमत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 188 Share Vinit kumar 24 Oct 2021 · 1 min read घरवाले भी नहीं पूछते by Vinit Singh Shayar ऐसा नहीं है सिर्फ जमाना देखता है हैसियत घर पे पड़े रहो तो घरवाले भी नहीं पूछते कोई ना रहा जिसको परवाह है आपका देख लीजिए आप भी इक मर्तबा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 187 Share Vinit kumar 18 Aug 2021 · 1 min read भुलाने के लिए दुनिया छोड़ दिए हम जिनको पाने के लिए उनको दुनिया काफ़ी नहीं आज़माने के लिए कोई दरिया पाकर भी बेचैन भटक रहा है हमें इक कतरा ही काफी है प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 180 Share Vinit kumar 25 Aug 2021 · 1 min read नई उड़ान भरते रहिए क्यूं एक ही नज़र पर टिक कर रह जाना है हर एक हसीना से आँखें चार करते रहिए कोई दे रहा है दस्तक तो अंदर बुलाइए क्यूं किसी का ताउम्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 192 Share Vinit kumar 2 Apr 2022 · 1 min read महफ़िल सजा रहे हैं Vinit Singh Shayar क्या बात है कि हम यूँ गुनगुना रहे हैं इंतज़ार में किसके महफ़िल सजा रहे हैं मैं हूँ भी यहाँ पर या मैं हूँ कहीं और मौला मेरे ये कैसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Vinit kumar 25 Aug 2021 · 1 min read कोई और हो जाना विनीत सिंह तेरे पीछे तो मेरे जैसे जाने कितने होंगे जानां लाज़मी है मेरे मैसेज का यूं इग्नोर हो जाना मै आज भी तेरे लिए बन सकता हूं मसख़रा एक फोन घुमा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share Vinit kumar 16 Aug 2022 · 1 min read दिल पे क्या क्या गुज़री ghazal by Vinit Singh Shayar दिल पे क्या क्या गुज़री हम बताएँ क्या अपनी बातों पर फिर वापस आएँ क्या फूल, चमन क्या क्या ना पेश किया हमने अब दिल चीरकर सचमुच में दिखाएँ क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 188 Share Vinit kumar 1 Oct 2022 · 1 min read अख़बार में आ गएँ by Vinit Singh Shayar क़त्ल कर के आप अभी तक गुमनामी में हैं मजमे में खड़े होकर हम अख़बार में आ गएँ ~विनीत सिंह Hindi 1 203 Share Vinit kumar 15 Jan 2022 · 1 min read उदास नहीं हैं Ghazal By Vinit Singh आँखों पर अपनी हमको विश्वास नहीं है हम रो रहे होंगे लेकिन उदास नहीं हैं हम नंगे हो गएँ अक्सर सामने उनके रो कर जो कह दिएँ कि लिबास नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 186 Share Vinit kumar 29 Oct 2021 · 1 min read दफ़्तर से आते वक्त दफ़्तर से आते वक्त सब्जी लाना भूल गए कभी हमसे भी नाराज़ हो कोई इस बात पर आने में देर होगी पहले बताना भूल गए कभी हमसे भी नाराज़ हो... Hindi · शेर 180 Share Vinit kumar 24 Oct 2021 · 1 min read दिल लगाने के बाद इन शायरो ने मोहब्बत को यूंही बदनाम कर रक्खा है हुआ अहसास मुझको ये दिल लगाने के बाद इक यह भी वजह बना मेरे शायरी में दर्द ना होने का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 181 Share Vinit kumar 2 Apr 2022 · 1 min read दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है Vinit Singh Shayar दर्द भरा गीत यहाँ गाया जा सकता है इस मौसम में गुनगुनाया जा सकता है आज़मा कर हमें वो कहते हैं बज़्म में और इक बार तुम्हें आज़माया जा सकता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share Vinit kumar 10 Nov 2022 · 1 min read आँखों में बगावत है ghazal by Vinit Singh Shayar सुनो! इक बात कहनी है मुझे तेरी ज़रूरत है कहोगी क्या अगर कह दूँ मुझे तुमसे मोहब्बत है तुम्हारे साथ बीते पल कभी जो याद आते हैं ये आँखे भीग... Hindi · ग़ज़ल 2 215 Share Vinit kumar 10 Apr 2023 · 1 min read आँख अब भरना नहीं है दिल उसके नाम अब करना नहीं है हमें फिर उसपे तो मरना नहीं है हमें मजबूर ना कर दें वो आँखें हमें इन बातों से डरना नहीं है गोगल डाल... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share Vinit kumar 16 Dec 2022 · 1 min read एक इंतज़ार दीजिए नई गज़ल विनीत सिंह शायर के कलम से आँखों से अपनी यूँ ही शिकार कीजिए हम गरीब लोग हैं हमें मार दीजिए मरते हुए इंसान की ख़्वाइश है आख़िरी इक बार लब से अपने पुकार दीजिए आख़िरी सलाम... Hindi · ग़ज़ल 317 Share Vinit kumar 22 Aug 2021 · 1 min read खूबसूरत बहोत हैं इंसान अब इंसान कहां है, यहां पत्थर की मूरत बहोत है झूठी बातें फिर कभी, मैडम आप खूबसूरत बहोत हैं इस दुनिया को किस हद तक है, मुझे नहीं मालूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 153 Share Vinit kumar 19 Feb 2022 · 1 min read मौत भी मज़ेदार by Vinit Singh Shayar वो जा चुके हैं दूर, आने का कोई आसार नहीं ये क्या एकटक तु रास्ता निहारता है ख़्वाहिश है मैय्यत पे आँखें उनकी भी भीग जाए विनीत...... तू तो मौत... Hindi · शेर 1 168 Share Vinit kumar 18 Aug 2021 · 1 min read बिजलियाँ गिराने वाली है किसी एक रिश्ते में बंधकर मत रह जाइएगा ये उमर तो आपकी बिजलियाँ गिराने वाली है औरों के साथ ही सही मौका हमें भी मिले हमारे दिल का भी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 143 Share Vinit kumar 14 Oct 2022 · 1 min read लगइलू आग पानी में ghazal by Vinit Singh Shayar उमर सोरह में लगइलू आग पानी में और तबाही मचइलू जिंदगानी में हँसेलु क के तू बरबाद लरिका के मारबू कतना के चढ़ल जवानी में बिजुरी से तोहर केहू ना... Bhojpuri 1 178 Share Vinit kumar 2 Apr 2022 · 1 min read दुनियाँ घूमी जाती है Vinit Singh Shayar आना नहीं था फिर क्यूँ यूँ ही आती है कुछ तरह से भी वो प्यार जताती है हम को देख के कमरे में वो चली गई सामने फिर झुमके में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 142 Share Vinit kumar 26 Dec 2022 · 1 min read हाथ मलना चाहिए था gazal by Vinit Singh Shayar हमें कुछ कर गुज़रना चाहिए था उसी दर पर ही मरना चाहिए था मिलाता है तू उस से आँख कैसे तुम्हे तो यार डरना चाहिए था पता गलत जो लिख... Hindi · ग़ज़ल 156 Share Vinit kumar 2 Apr 2022 · 1 min read हमारा हाल पूछिए Vinit Singh Shayar लूट गए हम यारों कोई हमारा हाल पूछिए हुए हैं कैसे हम बरबाद कुछ सवाल पूछिए पूछिए हम ने किया अपनों पे क्यों भरोसा किस किस बात का है हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 123 Share Vinit kumar 18 Feb 2023 · 1 min read शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर मुँह फेर कर उसकी गली से गुज़रते हो मिजाज़ में इतनी सख़्ती भी ठीक नहीं है हम कह रहे हैं आदमी ये धोकेबाज़ है हमसे ज़ियादा हमको नहीं जानती हैं... Hindi · ग़ज़ल 166 Share Vinit kumar 24 Nov 2022 · 1 min read आजमाना चाहिए था by Vinit Singh Shayar मेरे इस चेहरे पे तरस खाना चाहिए था इक बार हमें भी आजमाना चाहिए था महफ़िल में जिक्र हुई किसी की हुस्न की इक बार आपको भी शर्माना चाहिए था... Hindi · ग़ज़ल 1 136 Share Vinit kumar 23 Mar 2023 · 1 min read अब किसे बरबाद करोगे gazal/ghazal By Vinit Singh Shayar काँपते होठों की फ़रियाद याद करोगे देख लेना तुम इक रोज हमें याद करोगे जानते हैं तेरे छोड़ के जाने का सबब हम इतना बता दो अब किसे बरबाद करोगे... Hindi · ग़ज़ल 1 148 Share Page 1 Next