आँखें नम हैं
आँखें नम हैं तेरी, मुस्कुरा फिर भी रहे हो
आख़िर इस मुस्कान की हक़ीक़त क्या है
इक बार मुस्कुरा दो , खुल कर मुस्कुरा दो
बता तेरे मुस्कान की कीमत क्या है
~विनीत सिंह
विनीत सिंह शायर
आँखें नम हैं तेरी, मुस्कुरा फिर भी रहे हो
आख़िर इस मुस्कान की हक़ीक़त क्या है
इक बार मुस्कुरा दो , खुल कर मुस्कुरा दो
बता तेरे मुस्कान की कीमत क्या है
~विनीत सिंह
विनीत सिंह शायर