फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले।
होती कैसे कांटों संग गुजर सीख ले।
महफूज़ हैं जब तलक है कांटों संग,
कैसे कटे तन्हा, ये सफ़र सीख ले।
दिल लुभाना,और खुशबू बिखराना
फूलों का किरदार हर बशर सीख ले।
खुशियां बांटना दो पल की जिंदगी में
आदमी ऐसा भी कुछ मगर सीख ले।
बहुत मुश्किलें आसान हो सकती है
कांटों से निभाना तू अगर सीख ले।
सुरिंदर कौर