माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कुछ लोगों का प्यार जिस्म की जरुरत से कहीं ऊपर होता है...!!
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पढ़ाई के सारे कोर्स करने से अच्छा
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
तुम पंख बन कर लग जाओ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
लाखों करोड़ रुपए और 400 दिन बर्बाद करने के बाद भी रहे वो ही।
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !