Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2022 · 1 min read

आजमाना चाहिए था by Vinit Singh Shayar

मेरे इस चेहरे पे तरस खाना चाहिए था
इक बार हमें भी आजमाना चाहिए था

महफ़िल में जिक्र हुई किसी की हुस्न की
इक बार आपको भी शर्माना चाहिए था

मेरा साथ छोड़ा है ज़माने भर के हकीमों ने
ऐसे में आप को मेरे पास आना चाहिए था

लोग काट लेते हैं जिंदगी अजनबी के सहारे
आपको तो आपके पीछे जमाना चाहिए था

जाने कितनों के दिलों पे राज कर रही हैं आप
हमको बस आपके दिल में ठिकाना चाहिए था

आपके लहंगे से तो हमको कोई दिक्कत नहीं
आपको आंखों पे भी काजल लगाना चाहिए था

विनीत तुम को देखकर जो मुस्कुराता है सदा
देख कर उसको तुम्हें भी मुस्कुराना चाहिए था

~विनीत सिंह Vinit Singh Shayar

Language: Hindi
1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
1-	“जब सांझ ढले तुम आती हो “
1- “जब सांझ ढले तुम आती हो “
Dilip Kumar
2928.*पूर्णिका*
2928.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
गुब्बारे की तरह नहीं, फूल की तरह फूलना।
निशांत 'शीलराज'
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
नन्हीं परी आई है
नन्हीं परी आई है
Mukesh Kumar Sonkar
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
Neelam Sharma
साहसी बच्चे
साहसी बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ज्ञानवान के दीप्त भाल पर
ज्ञानवान के दीप्त भाल पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरी नज़्म, शायरी,  ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
मेरी नज़्म, शायरी, ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
अनंत पांडेय "INϕ9YT"
परिपक्वता (maturity) को मापने के लिए उम्र का पैमाना (scale)
परिपक्वता (maturity) को मापने के लिए उम्र का पैमाना (scale)
Seema Verma
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
राजनीति अब धुत्त पड़ी है (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
"गेंम-वर्ल्ड"
*Author प्रणय प्रभात*
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"प्रपोज डे"
Dr. Kishan tandon kranti
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
Ravi Ghayal
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
मुझे भी आकाश में उड़ने को मिले पर
Charu Mitra
विपक्ष आत्मघाती है
विपक्ष आत्मघाती है
Shekhar Chandra Mitra
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जीवन संग्राम के पल
जीवन संग्राम के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...