Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2022 · 1 min read

आख़िरी मुलाक़ात ghazal by Vinit Singh Shayar

याद आ रही है आख़िरी मुलाक़ात साहब
बहके बहके से हमारे वो जज़्बात साहब

भले ही आज तन्हा हैं महफ़िल में यहाँ हम
कभी इन हाथो में था उनका हाथ साहब

मत बेवफ़ा कहो उसे मैं हाथ जोड़ता हूँ
बदल ना पाएँ अपनी ख़यालात साहब

मत पूछ ख़ैरियत हम जरा बीमार हैं
हिजरत में कट रही हमारी रात साहब

हर मज़हब के ठेकेदार बैठे हैं यहाँ जानी
बताना मत किसी को अपनी जात साहब

~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

new ghazal akhiri Mulaqat

1 Like · 431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
बुराई कर मगर सुन हार होती है अदावत की
आर.एस. 'प्रीतम'
रास्तो के पार जाना है
रास्तो के पार जाना है
Vaishaligoel
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
रंगमंचक कलाकार सब दिन बनल छी, मुदा कखनो दर्शक बनबाक चेष्टा क
DrLakshman Jha Parimal
!! एक चिरईया‌ !!
!! एक चिरईया‌ !!
Chunnu Lal Gupta
💐💐ज्ञानस्य अभिमानं नरकेषु प्रवेशक:💐💐
💐💐ज्ञानस्य अभिमानं नरकेषु प्रवेशक:💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मंत्र  :  दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आपके आसपास
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
2718.*पूर्णिका*
2718.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
भोजपुरीया Rap (2)
भोजपुरीया Rap (2)
Nishant prakhar
*घर में तो सोना भरा, मुझ पर गरीबी छा गई (हिंदी गजल)
*घर में तो सोना भरा, मुझ पर गरीबी छा गई (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
"कुछ जगह ऐसी होती हैं
*Author प्रणय प्रभात*
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
shabina. Naaz
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
मेरी नन्ही परी।
मेरी नन्ही परी।
लक्ष्मी सिंह
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
गांधी से परिचर्चा
गांधी से परिचर्चा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...