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22 Aug 2021 · 1 min read

बेईमान बहोत हैं

इंसानियत गिर चुकी है बहोत,
आप में थोड़ी भी ईमान बहोत है

चलना था दूर पर चल ना सके,
साथ हमारे सामान बहोत है

आपको पाने में खो दिए हम खुद को,
मिला कुछ नहीं,
साहब आप बेईमान बहोत हैं

~विनीत सिंह

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