Ravi Ranjan Goswami 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Ranjan Goswami 5 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ ,हमारी सारी बलाएँ, अपने सर लेती है । वो माँ है, सब कुछ , हम पर वार देती है । उसका कर्ज हम क्या चुकायेंगे ! इतना करें उसके... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 29 469 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read खुशी खुशी वो खुशी देता है अपने मन की, मैं खुशी दूँगा उसे उसके मन की । खुश तो होता हूँ फिर डर जाता हूँ , खुशी बड़ा खालीपन छोड़,जाती है... Poetry Writing Challenge 2 79 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read कान्हा कहाँ है गुल ? कान्हा कहाँ है गुल ? फिर सुदामा से मिल । जीवन संग्राम , अर्जुन सा लड़ूँगा , फिर सारथी बन के मिल। करुंगा मन की बातें, फिर दोस्त बन के... Poetry Writing Challenge 2 208 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read दायरे दायरे अपने दायरे हमने खुद बनाये कुछ हालात ने मजबूर किया , कुछ हम खुद से ठहर गये। पैर हमारे बेड़ियों में जकड़ गये । इनसे अब आज़ाद होना चाहिये... Poetry Writing Challenge 1 82 Share Ravi Ranjan Goswami 29 Aug 2017 · 1 min read प्रार्थना तू किस किस की सुनेगा, बड़ी मुश्किल में होगा । पर तेरे सिवा कौन , मेरी भी अर्ज सुनेगा। सब तुझसे मांग लेते है, मैं क्यों संकोच करूँ ! ये... Hindi · गीत 1 667 Share Ravi Ranjan Goswami 6 Sep 2017 · 1 min read कान्हा कान्हा कहाँ है गुल ? फिर सुदामा से मिल । जीवन संग्राम , अर्जुन सा लड़ूँगा , फिर सारथी बन के मिल। करुंगा मन की बातें, फिर दोस्त बन के... Hindi · कविता 1 268 Share Ravi Ranjan Goswami 3 Jul 2021 · 1 min read A fairy became a Koel There was a beautiful children's park in the town. A few fairies saw this park from the sky and they liked it very much. They sought their queen’s permission to... English · Poem 1 2 326 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read वक्त वक्त को मोहलत तो दे दूँ क्या वक्त मुझे मोहलत देगा ? वक्त हर जख्म भर देता है । वक्त सबका साथ कहाँ देता है ! वक्त से उम्मीदें तो... Poetry Writing Challenge 1 78 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read हमसे वहन नहीं हुए ,उनके उपदेश भारी थे । हमसे वहन नहीं हुए ,उनके उपदेश भारी थे । ,अर्थ समझ में आते ही वे निरर्थक हो गये। मुसीबतों से डरता कौन है? मगर आयें एक एक करके ही ।... Poetry Writing Challenge 235 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read अभिशाप , अभिशाप , मजबूरी , गरीबी । मस्तमौला , फकीर , मलंग । संयोग , वियोग , वेदना , प्रेम । अंधेरी , नींद रात .। Poetry Writing Challenge 53 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read आईना आईने से फुर्सत हो तो दुनिया देखे , हुस्न मशरूफ़ है तो और क्या देखे । आईने से भी सौ सवाल करता है। वो बड़ी मुश्किल से एतबार करता है... Poetry Writing Challenge 127 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read हर तरफ बाज़ार हैं सपनों के ,मत खरीद । हर तरफ बाज़ार हैं सपनों के ,मत खरीद । ये टिकाऊ नहीं हैं ,जल्द टूटेंगे मत खरीद । घबड़ा के यूं न बार बार रास्ते बदल, राह पहचान और यकीन... Poetry Writing Challenge 150 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read सूरज सूरज हर सुबह नयी उम्मीद से मुस्कराता हुआ आता है । वही दुनिया वैसे ही लोग वही हालत देखता है जो तमतमा जाता है । Poetry Writing Challenge 166 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read मिट्टी में पला बड़ा है , मिट्टी में पला बड़ा है , जो जमीन से जुड़ा है। हालात क्या बिगाड़ेंगे उसका जो गिर गिर के उठ खड़ा है । Poetry Writing Challenge 81 Share Ravi Ranjan Goswami 10 Jun 2023 · 1 min read भूल से भूल हुई हो तो गवारा करले । भूल से भूल हुई हो तो गवारा करले । ज्यादा नहीं हो तो थोड़े में गुजारा करले । धूप में छांव मिल गयी है तो सुस्ता ले । चल पड़ने... Poetry Writing Challenge 220 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read दुश्मन भी याद करते हैं और दोस्त भी दुश्मन भी याद करते हैं और दोस्त भी दोनों की मुहब्बत में मसले का फर्क है कोई इसतरह खफा हैं कि कुछ भी नहीं कहता , कोई इसतरह फिदा हैं... Poetry Writing Challenge 70 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read हर चीज़ उसे चाहिए फौरन से पेशतर , हर चीज़ उसे चाहिए फौरन से पेशतर , सब कुछ है उसके पास मगर सब्र नहीं है । मायूस हो गया वो खाकर एक ठोकर , न लहू निकला,न छाले... Poetry Writing Challenge 72 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना तू किस किस की सुनेगा, बड़ी मुश्किल में होगा । पर तेरे सिवा कौन , मेरी भी अर्ज सुनेगा। सब तुझसे मांग लेते है, मैं क्यों संकोच करूँ !... Poetry Writing Challenge 111 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read हर रोज बदलते मौसम में हर रोज बदलते मौसम में बेचैन हवाएँ चलतीं हैं । तय करना कितना मुश्किल है ! किस ओर हवाएँ चलतीं हैं । राही कब कौन जतन कर ले । धूप... Poetry Writing Challenge 87 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read जब महफिल उठ गयी जब महफिल उठ गयी तो घर याद आया है । किस कामयाबी पर नाज़ करें , ऐसा कुछ किया क्या है ? कुछ करते हैं तो कमाल करते हैं ,... Poetry Writing Challenge 73 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read जाड़े की धूप जाड़े की धूप जाड़े की धूप का आश्वासन और गर्मजोशी ,किसको नहीं भाती। किन्तु शर्माती है ,जाड़े की धूप ,और जल्दी चली जाती है.छोड़ कर ठिठुरन। उद्दंड हुए बादल ,... Poetry Writing Challenge 89 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read सज़ा मिली है तो कोई गुनाह हुआ होगा, सज़ा मिली है तो कोई गुनाह हुआ होगा, समझ नहीं आता ऐसा क्या हुआ होगा । हर कदम फूँक कर रखता है राह में , कितने फरेब खाया होगा इस... Poetry Writing Challenge 73 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read जब दर्द न था, जब दर्द न था, जिंदगी का पता न था । अब लंबी उम्र की दुआ , ख़ौफ़ज़दा करती है । अपनी मर्ज़ी से मैं, न आया, न जाऊँगा । होगी... Poetry Writing Challenge 64 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read यूं तो बहुत कुछ नया है जमाने में यूं तो बहुत कुछ नया है जमाने में पुराने मंजर फिर भी हसीन लगते हैं। दुनिया में कोई कमी नहीं छोड़ी उसने। बस कुछ चीजें यहाँ वहाँ छुपा दीं उसने।... Poetry Writing Challenge 84 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read 1 हद की हद है 1 हद की हद है कितनी हद है? क्या हद, बेहद है? 2 जनता नेता को बनाती है , औऱ नेता जनता को। Poetry Writing Challenge 82 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read हर सुबह सूरज बड़ी उम्मीद से हर सुबह सूरज बड़ी उम्मीद से सौम्य, मुस्कराता हुआ आता है । दुनियाँ देख तमतमा जाता है । आग बबूला हो लौट पड़ता है । शाम अस्ताचल में पहुँच, किसी... Poetry Writing Challenge 71 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read जब से मिला हूँ , जब से मिला हूँ , मैं कहाँ हूँ ? बेखुदी में कह गया दिल की बातें । पहले सा राजदार , मैं कहाँ हूँ ? अक्सर बेखयाल रहता हूँ ,... Poetry Writing Challenge 51 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read वो माँ है वो माँ है हमारी सारी बालाएँ अपने सर लेती है । सब कुछ हम पर वार देती है । उसका कर्ज क्या चुकायेंगे ! इतना करें उसके लिये माँ जब... Poetry Writing Challenge 209 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2023 · 1 min read लाचारी ,बेबसी और मजबूरी लाचारी ,बेबसी और मजबूरी किसी ने जानकर न चुनी । जो इनसे बचे है और हैं खुशी, करके बड़ी बातें उन्हें न करें दुखी । किसी को राहत दे सकें... Poetry Writing Challenge 97 Share Ravi Ranjan Goswami 9 Aug 2017 · 1 min read फुर्सत जब महफिल उठ गयी तो घर याद आया है । किस कामयाबी पर नाज़ करें , ऐसा कुछ किया क्या है ? कुछ करते हैं तो कमाल करते हैं ,... Hindi · शेर 564 Share Ravi Ranjan Goswami 25 Sep 2018 · 1 min read पायल की आवाज , आत्म स्वीकृति मैं जानता हूँ आपमें से बहुत से लोग आश्चर्य करेंगे एक अर्से के बाद मैंने पायल की आवाज़ सुनी । इतनी मीठी और रूमानी आवाज मानो मुझे चेतना के कोई... Hindi · लघु कथा 444 Share Ravi Ranjan Goswami 11 Apr 2018 · 1 min read मयख्वारी शीशे से भरा नस नस में उठकर अब न चला जाये। कोई सहारा देकर उठाये मुझे, खुद से अब न उठा जाये। अक्सर सोचा है मैंने मय पिये, कि पीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Ravi Ranjan Goswami 7 Apr 2018 · 2 min read शराबी उसे अब भी समझ नहीं आता। पियेगा नहीं तो कैसे वक़्त गुजारेगा।सुबह से शाम कैसे होगी।रात को क्या करेगा। उसे ये भी समझ में नहीं आता कि आजकल लोग उससे... Hindi · कहानी 494 Share Ravi Ranjan Goswami 24 Feb 2018 · 8 min read रेल की चौकी सुधीर ,अरविन्द ,गीता और रवि पूरी शाम खेलने के बाद पंडित जी के चबूतरे पर पैर लटकाये बैठे थे। चारों की उम्र १२ से ८ वर्षों के बीच थी। इन... Hindi · कहानी 279 Share Ravi Ranjan Goswami 21 Dec 2017 · 1 min read जाड़े की धूप जाड़े की धूप जाड़े की धूप का आश्वासन और गर्मजोशी ,किसको नहीं भाती। किन्तु शर्माती है ,जाड़े की धूप ,और जल्दी चली जाती है.छोड़ कर ठिठुरन। उद्दंड हुए बादल ,... Hindi · लेख 237 Share Ravi Ranjan Goswami 22 Aug 2017 · 1 min read खुशी वो खुशी देता है अपने मन की, मैं खुशी दूँगा उसे उसके मन की । खुश तो होता हूँ फिर डर जाता हूँ , खुशी बड़ा खालीपन छोड़,जाती है ।... Hindi · कविता 641 Share Ravi Ranjan Goswami 19 Aug 2017 · 1 min read कवि /लेखक /पत्रकार से कवि/लेखक तुम भावुक हो , संवेदनशील भी हो । किन्तु प्रश्न है । अच्छी चीजें तुम्हें आल्हादित क्यों नहीं करतीं। विद्रूप अपवाद भी तुम्हें बड़ा लुभाते हैं पत्रकार तुम बुद्धिमान... Hindi · कविता 288 Share Ravi Ranjan Goswami 17 Aug 2017 · 1 min read गुमान सज़ा मिली है तो कोई गुनाह हुआ होगा, समझ नहीं आता ऐसा क्या हुआ होगा । हर कदम फूँक कर रखता है राह में , कितने फरेब खाया होगा इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 356 Share Ravi Ranjan Goswami 15 Sep 2016 · 1 min read बेमौसम वे तस्वीरें खींचते हैं मिटा देते हैं, मुझसे एक तस्वीर मिटायी न गयीं। दस्तक देके, इंतजार नहीं करता कोई, यहाँ उम्र कट गयी किसी इंतज़ार में । किस तरह जल्दी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share Ravi Ranjan Goswami 28 Nov 2016 · 1 min read जश्न आओ आज रात जश्न मनायें। हम जागें , साकी को जगाएं पैमाने फिर फिर भरे जायें डग मग क़दमों से कोई जाता है। उसे थामो। उसने शायद कम पी है।... Hindi · कविता 607 Share Ravi Ranjan Goswami 25 Nov 2016 · 1 min read कतार लोग कतार में है और वे समझते हैं कि वे क्यों कतार में है । कुछ लोग समझते हैं पर नहीं समझते । लोग उन्हें दिखते कहाँ ? वोट दिखते... Hindi · लेख 230 Share Ravi Ranjan Goswami 21 Nov 2016 · 1 min read बड़े शायर -व्यंग वे बड़े शायर हैं । ऐसा समझते हैं । सब उन्हें दाद दें । ये उन्हीं का हक है । वे सुनते नहीं , सिर्फ कहते हैं । कहते भी... Hindi · कविता 695 Share Ravi Ranjan Goswami 9 Oct 2016 · 1 min read इंतजार मेरी आवारगी के हमसाये वीरानों में मुझे छोड़ गये । कोई उसको बता दे किसी को इंतजार है । आवारा बादल है न जाने कहाँ बरसेगा । कोई हवा उसे... Hindi · शेर 377 Share Ravi Ranjan Goswami 8 Oct 2016 · 1 min read सर्जिकल स्ट्राइक दलाल को दलाली दिखी झूठे ने मांगा सबूत । उनकी माँ शर्मिंदा होगी , कैसे जने कपूत । इस युग के जयचंद बने ये दुश्मन की चालों के मोहरे ।... Hindi · कविता 268 Share Ravi Ranjan Goswami 4 Oct 2016 · 1 min read सोकर तो जीने देते क्यों जगाया तुमने ? कुछ और सोने देते । जो ख्वाब देखता था , पूरा तो होने देते , सब छीन लिया तुमने मुझको जगा के मेरा । जागते न... Hindi · कविता 242 Share Ravi Ranjan Goswami 30 Sep 2016 · 1 min read अब भुगतो (पाक को संदेश ) कहा था हमसे मत उलझो । अब भुगतो । सब्र का प्याला छलक गया । अब भुगतो । प्याला छलका है, बांध नहीं टूटा है अभी । अब भी सुधर... Hindi · कविता 280 Share Ravi Ranjan Goswami 26 Sep 2016 · 1 min read जागरूक ! वे जागरूक हैं । अधिकारों के लिये । खूब लड़ते हैं । धरना ,प्रदर्शन और बंद खूब करते हैं । पर अपने कर्तव्यों में , भरसक टाल मटोल करते हैं।... Hindi · कविता 272 Share Ravi Ranjan Goswami 20 Sep 2016 · 1 min read पीठ पर वार बहादुर दुश्मन हो तो पीठ न दिखाओ कायरता होगी । कायर दुश्मन हो तो पीठ न दिखाओ बेवकूफी होगी । गले दुश्मन से मिल वो ज्यों ही पलटा था आदतन... Hindi · मुक्तक 279 Share Ravi Ranjan Goswami 15 Dec 2016 · 1 min read कौन सुने ! सब ही अपनी कहते हैं यहाँ। कोई किसी को नहीं सुनता। आवाज दब गयी मेरी चीखा चिल्लाया मैं भी था । औरों के मसले कौन सुने । सबके अफसाने दर्द... Hindi · कविता 328 Share Ravi Ranjan Goswami 14 Sep 2016 · 1 min read लौट न जाये ! खोल दो हृदय कपाट निर्भय , देखो तो कौन आया है ? कहीं वह लौट न जाये । ज़ोर से पुकारो बाहें पसार , लुटा दो प्रेम और खुशियाँ ।... Hindi · कविता 278 Share Page 1 Next