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10 Jun 2023 · 1 min read

हमसे वहन नहीं हुए ,उनके उपदेश भारी थे ।

हमसे वहन नहीं हुए ,उनके उपदेश भारी थे ।

,अर्थ समझ में आते ही वे निरर्थक हो गये।

मुसीबतों से डरता कौन है?
मगर आयें एक एक करके ही ।

मंजिल दूर है,रास्ते टेड़े , कदम छोटे,

पहुंचेंगे जरूर चाहे हो जाय थोड़ी देरी ही ।

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