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15 Dec 2016 · 1 min read

कौन सुने !

सब ही अपनी कहते हैं यहाँ।
कोई किसी को नहीं सुनता।
आवाज दब गयी मेरी
चीखा चिल्लाया मैं भी था ।
औरों के मसले कौन सुने ।
सबके अफसाने दर्द भरे यहाँ ।

Language: Hindi
317 Views
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