अटल चौबे Language: Hindi 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अटल चौबे 11 Jul 2023 · 1 min read बूढ़े बाबा सफ़ेद दाढ़ी सफेद बाल कपड़े भी सारे ही सफ़ेद बूढ़े बाबा मुझे देख रहे थे जैसे अपने अतीत में झांक रहे हों ज्यों नज़र उनसे मिली मुझे भी एहसास हुआ... Hindi · कविता 132 Share अटल चौबे 22 May 2022 · 1 min read ऑर्केस्ट्रा वाली वो नाचती है तुम्हारे मनोरंजन के लिए पर उसे अपनी जागीर न समझ लेना। बेशर्म,हवस भरी नज़रों से उसकी असमत मत नोचना। वो भी बहन है, बेटी है तुम्हारी नहीं... Hindi · कविता 4 195 Share अटल चौबे 20 May 2022 · 1 min read सब बढ़ियाँ ग़र मैं कह दूँ,"सब बढ़ियाँ" तुम्हारे पूछने पे पहली दफ़ा हरगिज़ ऐतबार न कर लेना मेरे उन खोखले लफ़्ज़ों का। फिर से पूछ लेना ज़रूर एक बार, "सही में बढ़ियाँ... Hindi · कविता 1 351 Share अटल चौबे 12 May 2022 · 1 min read दोस्त ऐ दोस्त! सुनो, तुमही तो हो जो सुनते हो मेरी सभी बातों को दुनियाँ भर की बकैती हो या पी एम बनने के सपने काम की थकान या मस्ती भरे... Hindi · कविता 2 166 Share अटल चौबे 12 May 2022 · 1 min read भाई चेहरा तो याद नहीं मुझे याद हैं तेरे पाँव गुलाब के पंखुड़ियों जितने छोटे, मुलायम पाँव तेरे आने से क्या मिला मालूम न था उस चार-पांच साल के बड़े भाई... Hindi · कविता 3 248 Share अटल चौबे 19 Mar 2021 · 1 min read नींद नींद, सपने! एक अलग ही दुनियाँ किलकारियाँ भरती कल्पनाएँ पूरे होते अधूरे ख़्वाब जो खुली आंखों से हमने देखे थे। बुनी जिनके इर्दगिर्द अनगिनत ख़्वाहिशें पर पूरी हो न सकीं... Hindi · कविता 4 3 392 Share अटल चौबे 16 Mar 2021 · 1 min read यादों की बगिया ये मानव निर्मित दूरी ना दूर तुम्हें कर पाएगी याद तुम्हारी आती है ताउम्र ही आती जाएगी बात भले न तुमसे हो, भूलें! ये न हो पाएगा। समय का पहिया... Hindi · कविता 2 3 569 Share अटल चौबे 7 Nov 2019 · 1 min read आशा की लौ आज नहीं तो कल निकलेगा हर विपदा का हल निकलेगा अँधियारे को तो छँटना ही है जब पूरब में सूरज निकलेगा। उठना गिरना, गिरकर उठना जीवन की परिभाषा है ले... Hindi · कविता 1 1 734 Share अटल चौबे 5 Nov 2019 · 1 min read आधी मोहब्बत याद तुम्हें हम करते हैं, क्यों करते हैं? पता नहीं! देख तुम्हें खुश होते हैं, तुम भी होते हो? पता नहीं! याद है हमको वो लम्हां, जब देखा तुमको पहली... Hindi · कविता 1 803 Share अटल चौबे 4 Nov 2019 · 1 min read ज़िंदा लाश की परिभाषा साँस तो लेती है अंदर बाहर भोजन औ नित्य क्रियाएँ भी समय समय पर करती है। हालचाल भी करती है, गर पूछे कोई "और कैसे हो? कहती है "सब बढ़ियाँ!"... Hindi · कविता 1 1 685 Share अटल चौबे 3 Dec 2018 · 1 min read कुछ तो कर कुछ कर जा ऐसा कि मान जाए दुनियाँ काबिलियत तेरी कुछ बन जा ऐसा कि हो जाए दुनियाँ नतमस्तक आगे तेरे कुछ दिखा जलवा ऐसा की आँखें खुली की खुली... Hindi · कविता 329 Share अटल चौबे 10 Feb 2018 · 1 min read बिन बोले समझ ले तूँ मेरे जज़्बातों को कैसे मैं कहूँ तुझसे मेरे दिल की बातों को बिन बोले समझ ले तूँ मेरे जज़्बातों को इज़हार मोहब्बत का करने से हिचकते हैं इनकार कहीं तेरा मेरी जां ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 527 Share अटल चौबे 6 Feb 2018 · 1 min read रे मेरे मनमीत! रे मेरे मनमीत! न गा तूँ प्रेम के यूँ गीत, ये प्रेम बड़ा ही, दुखदाई है! तेरी प्रेयसी हरजाई है! प्रेम का उसको ज्ञान नहीं, चाहत का तेरे भान नहीं,... Hindi · कविता 295 Share अटल चौबे 5 Feb 2018 · 1 min read कैसे मैं कहूँ तुझसे कैसे मैं कहूँ तुझसे तूँ मेरी मोहब्बत है मेरे दिल में बसी है जो तेरी ही मूरत है। कैसे.......... मैं देखूँ किसी को भी सब में ही तूँ दिखती, आँखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 293 Share अटल चौबे 15 Dec 2017 · 1 min read माँ तेरे एहसानों का शुक्रिया अदा कैसे करूँ माँ मैं तो दोज़ख़ के भी क़ाबिल न था तूने सीने से लगा, जन्नत का बाशिंदा बना दिया। -✍️अटल Hindi · मुक्तक 714 Share अटल चौबे 15 Dec 2017 · 1 min read हे कुर्सी! हे कुर्सी ! तेरी महिमा अपरम्पार है तेरे ही कारण समाज में बेईमानी व भ्रष्टाचार हैं परिवारवाद की जड़ तू है बुराईयों की गढ़ तू है ऊँचा-नीचा, अगड़ा-पिछड़ा धरम-जाति का... Hindi · कविता 437 Share अटल चौबे 11 Dec 2017 · 1 min read ये मौन तुम्हारा, है बहुत कातिलाना हुआ क्या है तुमको, कुछ कहते नहीं, क्यों? ये मौन तुम्हारा, है बहुत कातिलाना आदत है सुनने की चहक तुम्हारी, चुप क्यों हो? ख़ता कुछ हुई है क्या, हमसे? बोलो... Hindi · कविता 251 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read एहसास जो तुम यूँ मुस्कुराते हो दूर से ही देखकर हमको कैसे बताएं किस कदर हम दीवाने हुए जाते हैं। यूँ न जाया करो तुम छज्जे से अचानक धड़कना दिल ये... Hindi · शेर 472 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read मैं इंसान हूँ, बन्दर नहीं! मुझसा ही रहने दो मुझे, औरों सा न बनाओ! दुनियाँ की भेड़चाल में मुझे अंधों-सा न दौड़ाओ। नकल करना, मेरी फ़ितरत नहीं, मैं इंसान हूँ, कोई बन्दर नहीं। ✍️अटल© Hindi · मुक्तक 2 3 371 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read नारी जग की जननी, माँ नारी है! प्रेम की देवी, पत्नी नारी है! घर को स्वर्ग बनाने वाली हर गृहणी नारी है! संस्कारों, संस्कृति की देवी संरक्षिका परम्पराओं की नारी है!... Hindi · कविता 1 1 491 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read नफ़रत से भी मोहब्बत मोहब्बत के नाम से भी नफ़रत सी थी हमें पर मिली जबसे वो गैरों से भी मोहब्बत हो गई उसका हँसना, मुस्काना बातों ही बातों में रुठ जाना मेरा उसे... Hindi · कविता 433 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read झुकाना सीख! अरद मत बन, अरदना सीख! परिस्थितियों से हार मत, जूझना और जीतना सीख! ग़म से भाग मत, उसे अरसना सीख! दुनियाँ करेगी बन्दगी तेरी, बस तूँ ! औरों से झुकना... Hindi · कविता 294 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read दिल की आरजू एक आरजू है दिल की, सारे जहाँ में छा जाऊँ! एक आरजू है दिल की, सबको अपना बना जाऊँ! एक आरजू है दिल की, इंसानियत को संग ले चल पाऊँ!... Hindi · कविता 424 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी एक दर्द है, इसमे बस आह है, यह तो दुःख का समंदर अथाह है! यहाँ सहारा है, सिर्फ प्यार की कश्ती, जो अगर मिल जाए तो हर ज़िन्दगी सँवरती!!... Hindi · मुक्तक 404 Share अटल चौबे 10 Dec 2017 · 1 min read पुकार गम के समंदर में, मुश्किलों के थपेड़े खा, डगमगा रही मेरी किश्ती को किनारा दे दे। या मौला! सहारा दे दे!! ज़िन्दगी की राहों में गुमराह हूँ, राह-ए-मंज़िल का इशारा... Hindi · कविता 1 434 Share