Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2017 · 1 min read

हे कुर्सी!

हे कुर्सी !
तेरी महिमा अपरम्पार है
तेरे ही कारण समाज में
बेईमानी व भ्रष्टाचार हैं
परिवारवाद की जड़ तू है
बुराईयों की गढ़ तू है
ऊँचा-नीचा, अगड़ा-पिछड़ा
धरम-जाति का हर लफ़ड़ा
तुमनें ही फैलाया है!
तुम्हारी चाहत में “नेता”
असुर बनने को आया है।

– ✍️अटल©

Language: Hindi
433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
रजनी छंद (विधान सउदाहरण)
Subhash Singhai
😢 अच्छे दिन....?
😢 अच्छे दिन....?
*Author प्रणय प्रभात*
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हर हक़ीक़त को
हर हक़ीक़त को
Dr fauzia Naseem shad
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई भोली समझता है
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
क्रोध को नियंत्रित कर अगर उसे सही दिशा दे दिया जाय तो असंभव
Paras Nath Jha
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
Ravi Prakash
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कवि रमेशराज
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
-- मैं --
-- मैं --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
क्यों बनना गांधारी?
क्यों बनना गांधारी?
Dr. Kishan tandon kranti
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
Rajesh
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
Vishvendra arya
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
goutam shaw
बचपन
बचपन
Vivek saswat Shukla
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
अच्छा लगने लगा है !!
अच्छा लगने लगा है !!
गुप्तरत्न
हसरतों के गांव में
हसरतों के गांव में
Harminder Kaur
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
मुझको कभी भी आजमाकर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
Loading...