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5 Feb 2018 · 1 min read

कैसे मैं कहूँ तुझसे

कैसे मैं कहूँ तुझसे
तूँ मेरी मोहब्बत है
मेरे दिल में बसी है जो
तेरी ही मूरत है।

कैसे……….

मैं देखूँ किसी को भी
सब में ही तूँ दिखती,
आँखों में छपी मेरी
बस तेरी ही सूरत है।

कैसे………..

शाम ओ सुबह की सुध
बिल्कुल न रही अब तो
जग जग तेरी यादों में
सारी रात हाँ, कटती है।

कैसे…………..

छन छन की कभीं कोई
आवाज़ जो आती है
तेरे ही पायल की
संगीत सुनाती है।

कैसे………..

?️अटल©

1 Like · 2 Comments · 287 Views
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