अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1399 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे *दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे* क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे महल अटारी सब छूटेंगे खाली हाथ है , जाना रे बन्दे क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे क्या लाया था... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read बहके जो कोई तो संभाल लेना *बहके जो कोई तो संभाल लेना* फिर चाहे अपना हो या हो पराया चंद मुस्कान रोशन कर देना फिर चाहे अपना हो या पराया सिसकने नहीं देना किसी को भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी *चाँद बनकर मुस्कराऊँ* सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल – कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ………………. पक्षियों का कलरव हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read दीपों की माला *दीपों की माला में , जीवन पिरो लो* खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो बिखेर दो रोशनी , आँगन मे सभी के रंगोली के रंग , जीवन में भर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य *जी करता है बाबा बन जाऊं* बाबा बनके प्रॉपर्टी बनाऊं अपना खुद का बिज़नेस चलाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं धर्म... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · हास्य-व्यंग्य 6 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है *फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है* भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 May 2024 · 1 min read मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी *मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी* चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे गिरधारी मिथ्या अभिमान से दूर रखो तुम, हे मनमोहन हे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · भजन 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो *कुछ काम करो , कुछ काम करो* जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 3 11 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं, आओ कुछ ऐसा करें *सत्य से सबका परिचय कराएं , आओ कुछ ऐसा करें* सिंहासन डोल जाएँ , आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा – कतरा देश काम आए दिलों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 14 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया *खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया* हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर नया , नाउम्मीदी का शोर नया नाकाबिल चरित्रों का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं *खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं* खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं पंक्षी भी मधुर स्वर में गुनगुनाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में *खिलेंगे फूल राहों में* ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी *कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी* मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी *बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी* धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर मेरे , बस जाओ मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं *फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं* भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 9 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना *कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो* मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रेरणादायक 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read *समय* *समय पर जागो , समय पर सोओ* समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता *विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता* भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 15 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको *युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको* सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी में ख़ुशी के पल आशा की नई किरणों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 May 2024 · 1 min read Learn the things with dedication, so that you can adjust wel Learn the things with dedication, so that you can adjust well in every situation. If you don't, you have to be a sufferer. Anil Kumar Gupta Anjum Quote Writer 1 17 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला *दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला* सामान्य हुईं सात्विक विचारों भयावहता नज़र अब नहीं आतीं संवेदना और भावुकता लज्जित कर रही काम पूर्ण मानसिकता अस्तित्व को टटोलते संस्कृति व संस्कार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read कुदरत है बड़ी कारसाज *कुदरत है बड़ी कारसाज, आओ करें इससे प्यार* कुदरत के नज़ारे हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत के किस्से हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत की महिमा अपार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 2 min read हमने देखा है हिमालय को टूटते *हमने देखा है हिमालय को टूटते* सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस स्वयं के अस्तित्व को टटोलता मानव मन को टोहता सहज अनुभूतियों के झिलमिलाते रंग फीके पड़ते एक नई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 14 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया *आज के बच्चों की बदलती दुनिया* बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत *ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत* ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत कहीं माँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं *चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं* चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें चलो एक बार फिर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम *स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम* फरेबियों से बच कर रहना , दुर्बलता का त्याग करो तुम पंकज से तुम पावन रहना , सत्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रेरणादायक 13 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read जब हर एक दिन को शुभ समझोगे जब हर एक दिन को शुभ समझोगे भाग्य प्रबल हो जाएगा जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे भाग्य प्रबल हो जायेगा जब जीवन को जीवन समझोगे भाग्य प्रबल हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 15 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read जब तक हो तन में प्राण जब तक हो तन में प्राण जुबाँ पर हो एक तेरा नाम गिरने जो लगूं तो संभाल लेना रोने जो लगूं तो हँसा देना किसी को सिसकते देखूं तों चल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 May 2024 · 1 min read मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे वतन की खातिर दुश्मनों को जमीं में गाड़ दे वतन परस्ती की राह में खुद को तू निसार दे आँख जो पड़े दुश्मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · देश प्रेम 14 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Apr 2024 · 1 min read जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर तो किसी के संगीतमय जीवन के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · संवेदना 15 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाएं संवेदनाएं संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · संवेदना 2 3 31 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट चीरती अनैतिक रिश्तों का दंभ बिखेरती चेहरों पर विश्वास की मुस्कान मानवता में संजोती /बिखेरती इंसानियत की खुशबू दिलों से... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · संवेदना 2 35 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Apr 2024 · 1 min read विचार विचार जब भी जिंदगी में ऐसा लगे कि आप इस दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी हैं तब आप एक अस्पताल में केवल आधे घंटे के लिए हो आइए l आपको... Quote Writer 1 20 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Apr 2024 · 1 min read विचार विचार जब भी आपको सुकून की तलाश हो तब खुद को यहां वहां भटकाने की आवश्यकता नहीं है l केवल चंद मिनट के लिए खुद को भूलकर प्राणायाम की शरण... Quote Writer 1 19 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक जब तेरी जिंदगी किसी की मुस्कराहट का सबब होने लगे जब तेरे प्रयास से किसी की जिंदगी रोशन होने लगे जब तेरी कोशिश किसी के जीवन को दिशा देने लगे... Hindi · मुक्तक 1 32 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक क्यूँ कर काम से जी चुराते हैं लोग क्यूँ कर नित नए बहाने बनाते हैं लोग क्यूँ कर नहीं करते, अपनी कोशिशों का कारवाँ रोशन क्यूँ कर खुद को बहलाते... Hindi · मुक्तक 1 36 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2024 · 1 min read कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे चरणों में मस्तक, आए झुकाने तेरे वंशी की धुन पर, नाचें पुजारी तेरे मनमोहक छवि तेरी, सारे निहारें तुझे गाय पुकारें हमे, ग्वाल सभी... Hindi 1 28 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read गीत - मेरी सांसों में समा जा मेरे सपनों की ताबीर बनकर मेरी सांसों में समा जा, मेरे सपनों की ताबीर बनकर फ़िक्र को धुएँ मे उड़ा जा, मेरे सपनों की ताबीर बनकर पीर दिल की मिटा जा, मेरे सपनों की ताबीर... Hindi · गीत 1 1 33 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जिस तरह चंद्रमा सूर्य की रोशनी से स्वयं को प्रकाशमान कर लेता है ठीक उसी तरह हम भी पुस्तकों का आश्रय पाकर खुद को प्रकाशवान, ऊर्जावान और ज्ञानवान बना... Quote Writer 1 37 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Mar 2024 · 1 min read सद्विचार सद्विचार पुस्तकों का भी अपना खुशनुमा सफर होता है l जब सही हाथों में पहुंच जाती है तो ज्ञान की रोशनी से व्यक्तित्व परिपूर्ण हो जाता है l अनिल कुमार... Quote Writer 1 40 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 2 min read ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है ये दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है और मैं हूँ कि मुझसे झूठ ,कहा जाता नहीं है मौक़ा परस्तों की है ये दुनिया कि मुझसे झुक कर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य 2 40 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य सत्य सत्य के एक छोर पर पुरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्री सत्य के एक छोर पर पौरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्रीत्व सत्य का एक छोर जीवन... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य · सत्य की खोज 2 40 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य सत्य सत्य की बातें करो तुम सत्य जीता हर सदी में सत्य खोज एक जटिल विषय मांगता अनगिनत परीक्षण सत्य प्राप्ति के चरण में सत्य पढ़ो तुम सत्य गुनो तुम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · सत्य · सत्य की खोज 3 32 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान तमस से ज्योति की ओर एक यात्रा अन्धकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान कुत्सित विचारों का अंत कर सदविचारों का आत्मसात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य की खोज 3 59 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read तेरे जागने मे ही तेरा भला है तेरे जागने मे ही तेरा भला है सो कर तू क्या पाएगा यूँ ही सपनों में भटकता रह जाएगा हाथ ना तेरे कुछ आएगा पीर जो दूसरों की मिटाएगा खुद... Hindi · कविता 1 55 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी काम को शुरू करने से पहले ही उस काम के परिणाम को लेकर संदेह करने लगते हैं तो समझिए कि आप के असफल होने की पूर्ण... Quote Writer 2 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी कार्य में बार - बार असफ़ल हों तो कुछ समय के लिए उस कार्य को टाल दीजिए l ताकि बार - बार असफल होने की पीड़ा... Quote Writer 2 61 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार आपकी स्वयं के प्रयासों से अर्जित की गई ऊर्जा को अपनी अमानत बनाएं l इसे सही दिशा में उपयोग करें और अपने सपने साकार करें l इस ऊर्जा को... Quote Writer 1 390 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जनता के वोट के साथ धोखा आज आम बात हो गयी है l इसलिए जनता को दल बदलने वाले नेताओं का पूर्ण बहिष्कार करते हुए अपने वोट को ऐसे... Quote Writer 1 91 Share Page 1 Next